Himachal Cloud Burst: मंडी में बादल फटने से तबाही, 4 की मौत, 16 लापता, कई घर मलबे में दबे

Himachal Cloud Burst

Himachal Cloud Burst: बादल फटने से मंडी में बाढ़ और भूस्खलन का कहर, राहत-बचाव कार्य जारी, 16 लोग अब भी लापता

Himachal Cloud Burst : हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। मंडी जिले में सोमवार देर रात चार स्थानों पर बादल फटने (Cloud Burst) से बाढ़ और भूस्खलन ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। इस आपदा में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, 16 लोग लापता हैं और 117 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है।

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कुक्लाह में एक पुल और कई वाहन बह गए, जबकि कई घर मलबे में तब्दील हो गए। किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध है और पटिकारी Hydro Power Project को भारी नुकसान पहुंचा है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंडी सहित 10 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

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मंडी में बादल फटने से तबाही

मंडी के करसोग, गोहर, धर्मपुर और सराज क्षेत्रों में बादल फटने से अचानक बाढ़ ने कहर बरपाया। सयाठी गांव में कई घर मलबे में दब गए और कुक्लाह में एक पुल सहित दर्जनों वाहन बह गए। पंडोह बाजार को रात 12 बजे खाली कराया गया, क्योंकि पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे ब्यास नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। जेल रोड, मंडी में भूस्खलन से दर्जनभर वाहन मलबे में दब गए। रघुनाथ का पधार में देर रात 12 लोगों को बाढ़ से बचाया गया और कांदी कटौला में बागी खड्ड में अचानक बाढ़ ने भारी नुकसान किया।

पटिकारी में 16 मेगावाट का हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। धर्मपुर के त्रियांबला में दो घर और पांच गोशालाएं नष्ट हुईं, जबकि भदराणा में चार घर और तीन गोशालाएं बाढ़ में बह गईं। 26 मवेशियों की मौत की सूचना है। गोहर उपमंडल के स्यांज नाले में एक घर बाढ़ में बह गया, जिसमें मां-बेटी को बचा लिया गया, लेकिन सात लोग लापता हैं। इनमें पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70), इंद्र देव (29), उमावती (27), कनिका (9) और गौतम (7) शामिल हैं। सराज के बाड़ा में दो और तलवाड़ा में तीन लोग लापता हैं।

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मनाली-मंडी राजमार्ग पर संकट

किरतपुर-मनाली राजमार्ग पर पंडोह, 4 माइल और ऑट टनल के पास भूस्खलन से यातायात ठप है। हनोगी के पास टनल 11 और 13 में 250-300 लोग फंस गए, जिन्हें बचाने के लिए NDRF और SDRF की टीमें तैनात हैं। मंडी डिप्टी कमिश्नर अपूर्व देवगन ने बताया कि राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं और फंसे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। 259 सड़कें, 614 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 144 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर में स्कूल-कॉलेज बंद हैं।

मौसम विभाग की चेतावनी

IMD ने मंडी, शिमला, कुल्लू, कांगड़ा, हमीरपुर, सोलन, सिरमौर, बिलासपुर, ऊना और चंबा के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मंडी में 216.8 मिमी बारिश दर्ज की गई और सुकेती खड्ड सहित नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। अगले 48 घंटों में भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने पर्यटकों और निवासियों से नदियों और अस्थिर क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है।

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उत्तराखंड में भी तबाही

उत्तराखंड में भी भारी बारिश ने कहर बरपाया है। उत्तरकाशी में यमुनोत्री राजमार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध है और दो मजदूरों की मौत की सूचना है। गंगा नदी चेतावनी स्तर के करीब है और कई सड़कें बंद हैं। IMD ने उत्तराखंड के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है।

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हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने और भारी बारिश ने भयंकर तबाही मचाई, जिसमें चार लोगों की मौत, 16 लापता और 117 लोग बचाए गए। कुक्लाह में पुल और वाहन बहे, 18 घर, 12 गोशालाएं और 26 मवेशी नष्ट हुए। पटिकारी हाइड्रो प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा और किरतपुर-मनाली राजमार्ग भूस्खलन से अवरुद्ध है। पंडोह डैम से 1.57 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से ब्यास नदी में बाढ़ ने पंडोह बाजार को जलमग्न कर दिया।

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