Ghibli Art Style का वायरल ट्रेंड पर प्रशंसक क्यों हैं नाराज़?
प्रमुख बिंदु-
Hayao Miyazaki -Ghibli Art Trend: जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) द्वारा निर्मित घिबली आर्ट (Ghibli Art Style) वाली तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जापानी एनिमेशन की दुनिया के दिग्गज मियाज़ाकी हयाओ (Hayao Miyazaki ) और उनके स्टूडियो घिबली (Studio Ghibli) एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में, OpenAI के ChatGPT ने अपनी नवीनतम अपडेट GPT-4o मॉडल के साथ स्टूडियो घिबली (Studio Ghibli) की शैली में AI-जनरेटेड तस्वीरें बनाने की क्षमता पेश की है, जिसके बाद यह ट्रेंड दुनिया भर में फैल गया।
लेकिन इस तकनीकी उछाल के बीच, इस ट्रेंड से मियाज़ाकी के प्रशंसक और कला प्रेमी नाराज़ हैं। मियाज़ाकी, जिन्होंने 2016 में AI-जनरेटेड एनिमेशन को “जीवन का अपमान” करार दिया था, उनका यह ब्यान फिर से वायरल हो रहा है। आइए जानते हैं कि मियाज़ाकी हयाओ (Hayao Miyazaki ) कौन हैं, उनकी स्टूडियो घिबली (Studio Ghibli) की कहानी क्या है, और यह विवाद क्यों गहरा रहा है।

Hayao Miyazaki: एक एनिमेशन लीजेंड
हयाओ मियाज़ाकी का जन्म 5 जनवरी 1941 को टोक्यो, जापान में हुआ था। 1963 में उन्होंने टोई डौगा (Toei Douga) में एक एनिमेटर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। उनकी प्रतिभा ने उन्हें जल्द ही प्रसिद्धि दिलाई और 1985 में उन्होंने इसाओ ताकाहाता (Isao Takahata) और सुज़ुकी तोशियो (Suzuki Toshio) के साथ मिलकर स्टूडियो घिबली (Studio Ghibli) की स्थापना की। यह स्टूडियो अपने हाथ से बनाए गए एनिमेशन, गहरी कहानियों और कल्पनाशील दुनिया के लिए जाना जाता है।
मियाज़ाकी की फिल्में जैसे स्पिरिटेड अवे (Spirited Away), नेबर टोटोरो (Neighbor Totoro) और हाउल्स मूविंग कैसल (Howl’s Moving Castle) ने न केवल जापान बल्कि पूरी दुनिया में एनिमेशन प्रशंसकों का दिल जीता। स्पिरिटेड अवे (Spirited Away) ने तो 2003 में ऑस्कर पुरस्कार (Oscar Award) भी जीता, जो मियाज़ाकी की कला का एक सच्चा प्रमाण है।

Studio Ghibli: कला और कहानी का अनूठा संगम
स्टूडियो घिबली की फिल्में अपनी दृश्य शैली के लिए जानी जाती हैं, जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी को कला के अनूठे तत्वों के साथ जोड़ती हैं। इनकी कहानियां गहरी राजनीतिक संदेशों से भरी होती हैं और जटिल किरदार पेश करती हैं, जो अच्छाई और बुराई के बीच की रेखा को धुंधला कर देते हैं। मियाज़ाकी की फिल्में प्रकृति, मानवता और युद्ध जैसे गंभीर विषयों को छूती हैं जो दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं।

AI पर मियाज़ाकी की कड़ी आलोचना
2016 में, NHK के एक डॉक्यूमेंट्री हयाओ मियाज़ाकी — द वन हू नेवर एंड्स में मियाज़ाकी ने AI-जनरेटेड एनिमेशन को देखकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी। एक प्रस्तुति के दौरान, जब कुछ छात्रों ने उन्हें AI से बनी एक एनिमेटेड छवि दिखाई, तो मियाज़ाकी (Hayao Miyazaki) ने कहा, “मैं इस चीज़ को देखकर बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हूँ। जो कोई भी यह बनाता है, उसे दर्द क्या होता है, इसका कोई अंदाज़ा नहीं है। मुझे इससे घृणा है। अगर आप वास्तव में डरावनी चीज़ें बनाना चाहते हैं, तो बनाएं। लेकिन मैं इस तकनीक को अपने काम में कभी शामिल नहीं करना चाहूंगा। मुझे लगता है कि यह जीवन का अपमान है।”
उनका बयान उनकी गहरी भावनाओं को दर्शाता है कि AI मानवीय संवेदनाओं को समझने में असमर्थ है और यह तकनीक रचनात्मकता को कमज़ोर करती है। हालांकि, स्टूडियो घिबली (Studio Ghibli) ने अभी तक ChatGPT द्वारा इसकी कला शैली के उपयोग पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।

AI ट्रेंड और प्रशंसकों का गुस्सा
हाल ही में, OpenAI ने ChatGPT के GPT-4o मॉडल में नई छवि-उत्पादन (Image Generation) सुविधा शुरू की, जिससे यूजर्स आसानी से स्टूडियो घिबली शैली (Studio Ghibli Style) में अपनी तस्वीरें बदल सकते हैं। इस ट्रेंड ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। कई हस्तियों ने अपनी घिबली-शैली (Ghibli Style) की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। लेकिन मियाज़ाकी के प्रशंसकों और कला प्रेमियों का कहना है कि यह ट्रेंड उनकी कला का अपमान है। एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, “मियाज़ाकी ने दशकों तक अपनी कला को निखारा, और अब लोग एक प्रॉम्प्ट टाइप करके खुद को कलाकार समझ रहे हैं। यह उनकी मेहनत का मज़ाक है।”
कुछ आलोचकों का मानना है कि AI घिबली की सौंदर्यता को कॉपी कर सकता है, लेकिन उसमें वह आत्मा नहीं डाल सकता जो मियाज़ाकी की फिल्मों को खास बनाती है। दूसरी ओर, कुछ लोग इसे तकनीक और कला का मज़ेदार मिश्रण मानते हैं। लेकिन मियाज़ाकी का पुराना बयान इस बहस को और गहरा रहा है कि क्या मशीनें कभी इंसानी रचनात्मकता की जगह ले सकती हैं।
विवाद और भविष्य की बहस
इस ट्रेंड ने नैतिकता और कॉपीराइट को लेकर भी सवाल उठाए हैं। कुछ यूज़र्स ने 9/11 हमले जैसे विवादास्पद घटनाओं को घिबली शैली (Ghibli Style) में बनाया, जिसकी कड़ी आलोचना हुई। मियाज़ाकी के प्रशंसक मानते हैं कि उनकी कला को इस तरह इस्तेमाल करना उनकी भावनाओं और मूल्यों के खिलाफ है। OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने इस ट्रेंड में सहभाग किया और अपनी प्रोफाइल पिक्चर को भी घिबली-शैली (Ghibli Style) में बदला, लेकिन मियाज़ाकी के विचारों को देखते हुए यह सवाल बना हुआ है कि क्या यह तकनीक कला को आगे ले जाएगी या उसका मूल्य कम करेगी।

हमारा दृष्टिकोण : मियाज़ाकी का सम्मान, AI का स्वागत
मियाज़ाकी (Hayao Miyazaki) की हाथ से रची कला हमें मानवीय संवेदनाओं और गहनता का अनमोल अनुभव देती है, जिसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। वहीं, AI तकनीक को नए आयाम देती है, जिसे प्रशंसक अपने तरीके से अनुभव कर सकते हैं। दोनों का सह-अस्तित्व संभव है, मियाज़ाकी की विरासत का सम्मान करते हुए हम AI के नवाचार का स्वागत कर सकते हैं, ताकि कला का जादू हर रूप में फलता-फूलता रहे।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।