चंदोला तालाब में ‘ऑपरेशन क्लीन’: 2.5 लाख वर्ग मीटर जमीन से हटाए गए अवैध निर्माण
प्रमुख बिंदु-
अहमदाबाद (Gujarat), 21 मई 2025: गुजरात की आर्थिक राजधानी अहमदाबाद के चंदोला तालाब क्षेत्र में अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने अवैध अतिक्रमण के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान छेड़ा है। इस मेगा डिमोलिशन ड्राइव के तहत 20 मई 2025 से शुरू हुए दूसरे चरण में 2.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र से 8,000 से अधिक अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया गया है।
यह अभियान, जिसे ‘ऑपरेशन क्लीन’ के नाम से जाना जा रहा है, राष्ट्रीय सुरक्षा और शहर के सौंदर्यीकरण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पहले चरण में 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र से 4,000 अवैध निर्माण हटाए गए थे, और अब दूसरे चरण में शेष अतिक्रमण को हटाकर चंदोला तालाब को उसके मूल स्वरूप में लाने की कोशिश की जा रही है।

अभियान का दायरा और तैयारी
इस अभियान को अंजाम देने के लिए नगर निगम ने व्यापक तैयारियां कीं। 50 से अधिक जेसीबी मशीनें, 75 बुलडोजर, 150 डंपर और 3,000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। इसके अलावा, 25 स्टेट रिजर्व पुलिस (SRP) कंपनियां और 50 ड्रोन निगरानी के लिए लगाए गए ताकि कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनी रहे। पुलिस कमिश्नर जी.एस. मलिक और जॉइंट कमिश्नर (क्राइम) शरद सिंघल ने इस अभियान की निगरानी की। डीसीपी रवि मोहन सैनी ने बताया कि चंदोला तालाब क्षेत्र में सभी निर्माण अवैध थे, और इनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए भी हो रहा था।

अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों का गढ़
चंदोला तालाब क्षेत्र को ‘मिनी बांग्लादेश’ के रूप में जाना जाता था, जहां बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी प्रवासी रह रहे थे। पुलिस के मुताबिक, पिछले महीने 250 से अधिक अवैध बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए, जिनमें से 207 चंदोला तालाब के अवैध निर्माणों में रहते थे। इनमें से कई को डिपोर्ट किया जा चुका है। क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड महमूद पठान उर्फ लल्लू बिहारी के खिलाफ FIR दर्ज की, जो फर्जी दस्तावेज और किराये के समझौतों के जरिए इन प्रवासियों को आश्रय देता था। इस क्षेत्र में मानव तस्करी और जाली दस्तावेजों का जाल भी फैला हुआ था, जिसे प्रशासन ने निशाना बनाया।

कानूनी और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस अभियान के खिलाफ स्थानीय लोगों ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने बेदखली के लिए नोटिस न देने का आरोप लगाया। हालांकि, कोर्ट ने सभी निर्माणों को अवैध घोषित करते हुए डिमोलिशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि 2010 और 2013 की पुनर्वास नीतियों के तहत पात्र लोगों को वैकल्पिक आवास के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। प्रशासन ने भी 2010 से पहले रह रहे लोगों को EWS आवास के लिए फॉर्म उपलब्ध कराए हैं।
सौंदर्यीकरण और भविष्य की योजनाएं
चंदोला तालाब के सौंदर्यीकरण का यह अभियान गुजरात के इतिहास में सबसे बड़े अतिक्रमण विरोधी अभियानों में से एक है। प्रशासन का लक्ष्य 4 लाख वर्ग मीटर से अधिक भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना है। इसके बाद झील के जल स्तर को सुधारने और पर्यावरण संरक्षण के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं। डिप्टी म्युनिसिपल कमिश्नर डीसी परमार ने बताया कि इस अभियान से न केवल अवैध निर्माण हटाए गए, बल्कि क्षेत्र को अपराधमुक्त करने में भी मदद मिली है।

अहमदाबाद नगर निगम का यह डिमोलिशन ड्राइव न केवल चंदोला तालाब को पुनर्जनन देने का प्रयास है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर नकेल कसने का भी प्रतीक है। 99% काम पूरा होने के साथ, प्रशासन अब इस क्षेत्र को दोबारा अतिक्रमण से बचाने के लिए सख्त निगरानी की योजना बना रहा है। यह कार्रवाई अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।