प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 21 अगस्त 2025: भारत सरकार ने 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में बड़े बदलाव का ऐलान किया है, जिसे ‘नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स’ का नाम दिया गया है। ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (GoM) ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें मौजूदा 12% और 28% के GST स्लैब को खत्म कर सिर्फ 5% और 18% के दो स्लैब रखने की बात है। इसके अलावा, कुछ लग्जरी और ‘सिन गुड्स’ जैसे तंबाकू, पान मसाला और ऑनलाइन गेमिंग पर 40% का नया टैक्स स्लैब लागू होगा। इस बदलाव से रोजमर्रा की जरूरत की चीजें सस्ती होंगी, जबकि लग्जरी सामान महंगे हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस 2025 के अपने भाषण में इसे ‘दिवाली का तोहफा’ करार दिया, जिससे आम लोगों, छोटे व्यापारियों और MSMEs को बड़ा फायदा होगा। GoM की सिफारिशें अब GST काउंसिल के पास जाएंगी, जो सितंबर या अक्टूबर 2025 में अंतिम फैसला लेगी।

GST रिफॉर्म्स का प्रस्ताव को GoM की मंजूरी
केंद्र सरकार ने GST की मौजूदा चार स्लैब (5%, 12%, 18% और 28%) की जटिल संरचना को सरल करने के लिए दो स्लैब (5% और 18%) का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही, कुछ चुनिंदा ‘सिन गुड्स’ और लग्जरी आइटम्स पर 40% का विशेष टैक्स स्लैब होगा। GoM, जिसके संयोजक बिहार के उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी हैं, ने 20-21 अगस्त 2025 को हुई बैठक में इस प्रस्ताव का समर्थन किया। GoM में बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों के वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं।

इस प्रस्ताव के तहत, 12% स्लैब की 99% वस्तुएं 5% स्लैब में और 28% स्लैब की 90% वस्तुएं 18% स्लैब में शिफ्ट होंगी। इससे टैक्स सिस्टम सरल होगा और अनुपालन (कम्प्लायंस) आसान होगा। साथ ही, टैक्स की दरों में कमी से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को नया जोश मिलेगा।

कौन सी चीजें होंगी सस्ती?
नए GST स्लैब लागू होने के बाद कई रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स कम हो जाएगा, जिससे ये सस्ती हो जाएंगी।
- 12% से 5% टैक्स स्लैब में आने वाली चीजें: सूखे मेवे, ब्रांडेड नमकीन, टूथपेस्ट, साबुन, हेयर ऑयल, प्रोसेस्ड फूड, स्नैक्स, फ्रोजन सब्जियां, कंडेंस्ड मिल्क, कुछ मोबाइल फोन, कुछ कंप्यूटर, सिलाई मशीन, प्रेशर कुकर, गीजर, बिना बिजली वाले पानी के फिल्टर, इलेक्ट्रिक आयरन, वैक्यूम क्लीनर, 1000 रुपये से ज्यादा के रेडीमेड कपड़े, 500-1000 रुपये की रेंज के जूते, ज्यादातर वैक्सीन, एचआईवी/टीबी डायग्नोस्टिक किट, साइकिल, बर्तन, ज्योमेट्री बॉक्स, नक्शे, ग्लोब, ग्लेज्ड टाइल्स, प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग, वेंडिंग मशीन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन, कृषि मशीनरी और सोलर वॉटर हीटर।
- 28% से 18% टैक्स स्लैब में आने वाली चीजें: सीमेंट, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, चॉकलेट, रेडी-मिक्स कंक्रीट, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, प्रोटीन कॉन्सेंट्रेट, चीनी सिरप, कॉफी कॉन्सेंट्रेट, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, रबर टायर, एल्युमिनियम फॉयल, टेम्पर्ड ग्लास, प्रिंटर, रेजर, मैनिक्योर किट और डेंटल फ्लॉस।
ये बदलाव आम लोगों, खासकर मध्यम वर्ग और किसानों, के लिए राहत लाएंगे। साथ ही, MSMEs और छोटे कारोबारियों को भी सस्ते सामान और आसान टैक्स प्रक्रिया का फायदा मिलेगा।

लग्जरी और सिन गुड्स पर 40% टैक्स
नए प्रस्ताव के तहत, कुछ चुनिंदा ‘सिन गुड्स’ और लग्जरी आइटम्स पर 40% का विशेष टैक्स लगेगा। इसमें तंबाकू, पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और ऑनलाइन गेमिंग जैसे आइटम शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, इनकी संख्या 5 से 7 तक होगी। उदाहरण के लिए, तंबाकू पर मौजूदा 88% टैक्स (28% GST + सेस) को 40% में समायोजित किया जाएगा, ताकि टैक्स का बोझ कम न हो।
इसके अलावा, सोने, चांदी और कीमती पत्थरों जैसे आइटम्स पर मौजूदा विशेष दरें (0.25% और 3%) बरकरार रहेंगी। ऑनलाइन गेमिंग, जो अभी 28% टैक्स स्लैब में है, को भी 40% स्लैब में शिफ्ट किया जा सकता है। यह कदम सरकार का ‘सिन गुड्स’ पर सख्ती और आम जरूरत की चीजों को सस्ता करने का संदेश देता है।

GST काउंसिल का अगला कदम
GoM की मंजूरी के बाद, यह प्रस्ताव GST काउंसिल की अगली बैठक में रखा जाएगा, जो संभवतः सितंबर या अक्टूबर 2025 में होगी। GST काउंसिल में केंद्र की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं। प्रस्ताव को लागू करने के लिए 75% बहुमत की जरूरत होगी। कुछ राज्यों ने राजस्व नुकसान की आशंका जताई है, क्योंकि 12% स्लैब 5-6% और 28% स्लैब 11% राजस्व देता है, जबकि 18% स्लैब से 65-70% राजस्व आता है।
केंद्र का मानना है कि टैक्स दरों में कमी से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी, टैक्स चोरी कम होगी और टैक्स नेट चौड़ा होगा, जो राजस्व नुकसान की भरपाई करेगा। अगर काउंसिल प्रस्ताव पास कर देती है, तो नई दरें 2026 की शुरुआत तक लागू हो सकती हैं। इसके लिए कानूनी और तकनीकी बदलाव किए जाएंगे और कारोबारियों को पहले से सूचना दी जाएगी ताकि वे नई प्रणाली के लिए तैयार हो सकें।

इसके अलावा, सरकार GST रजिस्ट्रेशन को आसान करने, प्री-फिल्ड रिटर्न शुरू करने और रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेगी। इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक करने से कारोबारियों को कार्यशील पूंजी की समस्या से राहत मिलेगी।
GST रिफॉर्म्स 2025 भारत की टैक्स प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लाने जा रहा है। दो स्लैब (5% और 18%) और 40% की विशेष दर से टैक्स सिस्टम सरल होगा, जिससे आम लोगों को रोजमर्रा की चीजों पर राहत मिलेगी। साबुन, टूथपेस्ट, फ्रिज और टीवी जैसी चीजें सस्ती होंगी, जबकि तंबाकू और लग्जरी सामान महंगे होंगे। GST काउंसिल की अगली बैठक इस प्रस्ताव का भविष्य तय करेगी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
