Media Channel Advisory: सेना की रणनीति बनी रहेंगी गोपनीय, सोशल मीडिया पर भी नजर
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2025 (Media Channel Advisory): सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की, जिसमें सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज से बचने का निर्देश दिया गया है। यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और संवेदनशील जानकारी के अनावश्यक प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पत्रकारिता जरूरी
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में, सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को रक्षा और अन्य सुरक्षा-संबंधी अभियानों की रिपोर्टिंग में अत्यधिक जिम्मेदारी और सावधानी बरतनी चाहिए।” मंत्रालय ने स्पष्ट रूप से रीयल-टाइम विजुअल्स, संवेदनशील स्थानों से लाइव रिपोर्टिंग और “स्रोत-आधारित” जानकारी के उपयोग पर रोक लगाई है।
मंत्रालय ने चेतावनी दी कि संवेदनशील परिचालन विवरण का समय से पहले खुलासा दुश्मन तत्वों को अनजाने में मदद पहुंचा सकता है, जिससे मिशनों की प्रभावशीलता और कर्मियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इस सलाह को हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई थी।


मीडिया के लिए एडवायजरी की प्रमुख बातें
- नेशनल सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, न्यूज एजेंसी, सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे सेना और बाकी सुरक्षा ऑपरेशन से जुड़ी रिपोर्टिंग करते समय नियमों का पालन करें।
- खासतौर पर डिफेंस ऑपरेशन और मूवमेंट के रियल टाइम कवरेज, विजुअल्स को सूत्रों के हवाले से चलाने से बचना चाहिए। संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में दुश्मन की मदद कर सकता है और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है।
- मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तिगत रूप से हर कोई राष्ट्रीय सुरक्षा में अहम जिम्मेदारी निभाता है। कानूनी रूप से प्रतिबंध के इतर यह नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने सैनिकों की सुरक्षा का ध्यान रखें, जबकि वे किसी खास ऑपरेशन में लगे हैं।
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सभी टीवी चैनल्स को पहले भी निर्देश जारी कर चुका है कि किसी भी चैनल पर एंटी टेररिस्ट ऑपरेशन का लाइव कवरेज नहीं दिखाया जाएगा। मीडिया कवरेज बैन होने के बाद सरकार की तरफ से निर्धारित अधिकारी इसके बार में ऑपरेशन खत्म होने पर ब्रीफ करेगा।
- मंत्रालय ने चेतावनी दी कि इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर लागू कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई हो सकती है। सभी टीवी चैनलों को सलाह दी गई है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में आतंकवाद-रोधी अभियानों या सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज प्रसारित न करें।
करगिल, 26/11 और कंधार हाइजैक से सबक
मंत्रालय ने अपने बयान में करगिल युद्ध, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों और कंधार विमान अपहरण जैसे पिछले घटनाक्रमों का उल्लेख किया, जहां मीडिया की अनियंत्रित कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर “अनपेक्षित प्रतिकूल” प्रभाव डाला था। इन घटनाओं ने जिम्मेदार पत्रकारिता की आवश्यकता को रेखांकित किया है। मंत्रालय ने कहा, “मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तियों की राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका है। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह हमारा साझा नैतिक कर्तव्य है कि हमारे सामूहिक कार्य चल रहे अभियानों की अखंडता या सुरक्षा बलों की जान को खतरे में न डालें।”

पहलगाम हमले के बाद सख्ती
यह सलाह पहलगाम आतंकी हमले के कुछ दिनों बाद आई है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। 22 अप्रैल 2025 को आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसारन मीडो में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) ने 23 अप्रैल को इस हमले पर विस्तृत चर्चा की और इसके सीमा-पार संबंधों को उजागर किया। सरकार ने पाकिस्तान को सीमा-पार आतंकवाद के समर्थन के लिए कड़ा संदेश देते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित करने जैसे कदमों की घोषणा की है।
सभी हितधारकों से सतर्कता की अपील
मंत्रालय ने सभी हितधारकों से सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कवरेज करने की अपील की है। “राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए, सभी से अनुरोध है कि वे अपनी जिम्मेदारी निभाएं,” मंत्रालय ने कहा। यह सलाह न केवल मीडिया के लिए, बल्कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए भी है, जो अनजाने में संवेदनशील जानकारी साझा कर सकते हैं।
यह सलाह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देने और संवेदनशील सैन्य अभियानों के दौरान जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, और केवल अधिकृत सरकारी ब्रीफिंग्स के माध्यम से जानकारी साझा की जाएगी। मीडिया और नागरिकों से अपेक्षा है कि वे इस साझा जिम्मेदारी को समझें और राष्ट्र की सुरक्षा को सर्वोपरि रखें।