Gold Rate: भू-राजनीतिक तनाव, महंगाई और केंद्रीय बैंकों की खरीद ने बढ़ाई मांग; 2025 में ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है सोना
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: बढ़ते हुए सोने (Gold) की कीमतों ने महिलाओं समेत निवेशकों को चौका कर रख दिया है । अप्रैल 2025 में, सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गईं, जिससे निवेशकों और विश्लेषकों का ध्यान आकर्षित हुआ। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $3,000 प्रति औंस के ऊपर पहुंच गई है, जो विभिन्न आर्थिक और भू-राजनीतिक कारणों से प्रेरित है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के प्रमुख कारण

- केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: कई देशों के केंद्रीय बैंक, विशेष रूप से चीन, अपने भंडार में विविधता लाने के लिए सोने की खरीद बढ़ा रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में वृद्धि हो रही है।
- भू-राजनीतिक तनाव: यूक्रेन और गाजा में चल रहे संघर्षों के कारण वैश्विक अस्थिरता बढ़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आक्रामक व्यापार नीतियों और बढ़ते टैरिफ ने भी वैश्विक व्यापार तनाव को बढ़ाया है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
- आर्थिक अनिश्चितता: अमेरिका में बढ़ती मुद्रास्फीति और आर्थिक मंदी की आशंकाओं के बीच, निवेशक सोने को सुरक्षित आश्रय मान रहे हैं। फेडरल रिजर्व की संभावित ब्याज दर कटौती की उम्मीदें भी सोने की मांग को बढ़ा रही हैं।
शीर्ष बैंकों की भविष्यवाणियां:
• गोल्डमैन सैक्स(Goldman Sachs): गोल्डमैन सैक्स ने 2025 के अंत तक सोने की कीमत $3,000 प्रति औंस तक पहुंचने की भविष्यवाणी की है, जो केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग और संभावित अमेरिकी ब्याज दर कटौती पर आधारित है।
• एचएसबीसी(HSBC): एचएसबीसी ने भू-राजनीतिक तनावों के कारण अपनी सोने की कीमत पूर्वानुमान को बढ़ाकर 2025 में औसतन $3,015 प्रति औंस और 2026 में $2,915 प्रति औंस कर दिया है।
• सिटीग्रुप(Citigroup): सिटीग्रुप ने भी सोने की कीमतों के $3,000 प्रति औंस तक पहुंचने की संभावना जताई है, जो वित्तीय प्रवाह में महत्वपूर्ण विस्तार और फेडरल रिजर्व की संभावित डोविश नीतियों से प्रेरित है।

भारतीय बाजार पर प्रभाव:
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में वृद्धि का सीधा असर भारतीय बाजार पर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें $3,300 प्रति औंस तक पहुंचती हैं, तो भारत में सोने की कीमतें ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं। हालांकि, यह रुपये की डॉलर के मुकाबले विनिमय दर और अन्य आर्थिक कारकों पर भी निर्भर करेगा।

निवेशकों के लिए सलाह:
वर्तमान परिदृश्य में, निवेशकों को सोने में निवेश करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए, दीर्घकालिक निवेश दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा।
कुल मिलाकर, सोने की कीमतों में वर्तमान वृद्धि विभिन्न वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक कारकों का परिणाम है, और भविष्य में इसकी दिशा इन कारकों के विकास पर निर्भर करेगी।
अवि नमन यूनिफाइड भारत के एक विचारशील राजनीतिक पत्रकार और लेखक हैं, जो भारतीय राजनीति, नीति निर्माण और सामाजिक न्याय पर तथ्यपरक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। उनकी लेखनी में गहरी समझ और नया दृष्टिकोण झलकता है। मीडियम और अन्य मंचों पर उनके लेख लोकतंत्र, कानून और सामाजिक परिवर्तन को रेखांकित करते हैं। अवि ने पत्रकारिता के बदलते परिवेश सहित चार पुस्तकों की रचना की है और सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता के लिए समर्पित हैं।