700 करोड़ की संपत्ति पर ED का शिकंजा: सोनिया-राहुल के लिए बढ़ी मुश्किलें!
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जुड़ी संपत्तियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को ED ने घोषणा की कि उसने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की 700 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह मामला, जो 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर एक शिकायत से शुरू हुआ था, अब एक बार फिर सुर्खियों में है। स्वामी ने आरोप लगाया था कि यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (YIL), जिसमें सोनिया और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है, उसने AJL की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को महज 50 लाख रुपये में हासिल कर लिया।

नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड, एक ऐतिहासिक अखबार है, जिसकी स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। यह अखबार AJL द्वारा प्रकाशित किया जाता है, और 2010 में यंग इंडिया ने AJL का अधिग्रहण कर लिया। ED का दावा है कि इस अधिग्रहण में वित्तीय अनियमितताएं हुईं, जिसमें कांग्रेस पार्टी द्वारा दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज का दुरुपयोग हुआ। स्वामी ने अपनी शिकायत में कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया के जरिए AJL की संपत्तियों को “कब्जाने” की साजिश रची, जो कथित तौर पर 5,000 करोड़ रुपये तक की हो सकती हैं।
ED की जांच के मुताबिक, यंग इंडिया ने AJL के शेयरों को हासिल करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जबकि AJL के पास दिल्ली, मुंबई और लखनऊ जैसे शहरों में मूल्यवान संपत्तियां थीं, जिनमें नेशनल हेराल्ड हाउस और नेहरू भवन शामिल हैं। 2023 में ED ने इन संपत्तियों को प्रोविजनल रूप से अटैच किया था, और अब इनकी जब्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

ED की ताजा कार्रवाई
12 अप्रैल 2025 को ED ने बताया कि उसने AJL और यंग इंडिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 700 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों को जब्त करने के लिए नोटिस जारी किए हैं। इन संपत्तियों में दिल्ली और मुंबई के प्रमुख स्थानों पर स्थित इमारतें शामिल हैं। ED का कहना है कि यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। जांच एजेंसी ने पहले 2023 में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया था, जिसे PMLA की अथॉरिटी ने 2024 में बरकरार रखा था।
इस मामले में सोनिया और राहुल गांधी से पहले भी पूछताछ हो चुकी है। 2022 में राहुल गांधी से करीब 40 घंटे तक चार सत्रों में पूछताछ की गई थी, जबकि सोनिया गांधी से भी बयान दर्ज किए गए थे। इसके अलावा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेताओं जैसे डीके शिवकुमार से भी ED ने सवाल-जवाब किए हैं।

कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। पार्टी का कहना है कि ED की यह कार्रवाई बीजेपी सरकार के इशारे पर हो रही है, ताकि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाया जा सके। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह नेशनल हेराल्ड को बदनाम करने की साजिश है, जो स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक रहा है।” पार्टी ने यह भी दावा किया कि यंग इंडिया एक गैर-लाभकारी संगठन है, और इस अधिग्रहण में कोई गलत फायदा नहीं उठाया गया।

स्वामी के आरोप और कानूनी जंग
सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में दिल्ली की एक अदालत में इस मामले को उठाया था, जिसमें उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप लगाया था। स्वामी का दावा था कि कांग्रेस ने AJL को कर्ज देकर उसे यंग इंडिया के जरिए हड़प लिया, जो आयकर अधिनियम का उल्लंघन है। इस मामले में 2018 में सोनिया और राहुल गांधी को जमानत मिली थी, लेकिन ED की जांच और संपत्तियों की जब्ती ने इस विवाद को और गहरा दिया है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 2024 में स्वामी, सोनिया और राहुल को इस मामले में लिखित नोट्स जमा करने का निर्देश दिया था, और यह मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है।

ED की ताजा कार्रवाई से यह मामला और गर्मा गया है। विश्लेषकों का मानना है कि यह न केवल कांग्रेस के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। अगर संपत्तियों की जब्ती पूरी हो जाती है, तो यह कांग्रेस की वित्तीय और राजनीतिक स्थिति पर गहरा असर डाल सकता है। दूसरी ओर, कांग्रेस का दावा है कि वह इस “अन्याय” के खिलाफ कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लड़ेगी।
नेशनल हेराल्ड केस, जो एक अखबार से शुरू हुआ, अब भारत की राजनीति में एक बड़ा विवाद बन चुका है। जैसे-जैसे ED की कार्रवाई आगे बढ़ेगी, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला किस दिशा में जाता है और इसका कांग्रेस और गांधी परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।