सोनिया-राहुल पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप, Herald House सहित संपत्तियों पर ED की नजर!
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025: नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald case) में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को भी आरोपी बनाया गया है। यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जिसने देश के राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। ईडी की इस कार्रवाई ने गांधी परिवार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि एजेंसी ने 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

चार्जशीट और अदालती कार्रवाई
ईडी ने 9 अप्रैल 2025 को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की थी। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल 2025 की तारीख तय की है। जज ने अपने आदेश में कहा, “प्रस्तुत अभियोजन शिकायत को संज्ञान के पहलू पर विचार के लिए 25 अप्रैल को आगे लिया जाएगा। उस दिन ईडी के विशेष वकील और जांच अधिकारी को केस डायरी भी अदालत में प्रस्तुत करनी होगी।” यह चार्जशीट नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़ी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी पर आधारित है।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी, और इसे एजेएल द्वारा प्रकाशित किया जाता था। आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के जरिए एजेएल की करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर कथित रूप से धोखाधड़ी से कब्जा किया। यंग इंडियन में सोनिया और राहुल की 38-38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ईडी का दावा है कि यंग इंडियन ने मात्र 50 लाख रुपये में एजेएल की 2000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों पर मालिकाना हक हासिल कर लिया, जो मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा था।
इस मामले की शुरुआत 2012 में तब हुई, जब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दर्ज की। स्वामी ने आरोप लगाया कि गांधी परिवार और उनके सहयोगियों ने अवैध तरीके से नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को हड़पने के लिए यंग इंडियन का गठन किया। ईडी ने 2014 में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया
ईडी ने हाल ही में इस केस में बड़ा कदम उठाते हुए दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में 661 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है। इनमें दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस भी शामिल है। मुंबई के बांद्रा ईस्ट में हेराल्ड हाउस की सातवीं से नौवीं मंजिल पर कार्यालय चलाने वाली जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को नोटिस जारी कर कहा गया है कि अब किराया ईडी को देना होगा।
ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का उपयोग 18 करोड़ रुपये के फर्जी दान, 38 करोड़ रुपये के फर्जी किराए और 29 करोड़ रुपये के फर्जी विज्ञापनों के जरिए अवैध आय अर्जित करने के लिए किया गया। कुल मिलाकर, एजेंसी ने 988 करोड़ रुपये की कथित अवैध कमाई का खुलासा किया है।

कांग्रेस बोली ‘राजनीतिक प्रतिशोध‘
कांग्रेस ने इस कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया है। पार्टी का कहना है कि यह केंद्र सरकार की ओर से गांधी परिवार को निशाना बनाने की साजिश है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह नरेंद्र मोदी सरकार की बदले की राजनीति है। नेशनल हेराल्ड स्वतंत्रता संग्राम की विरासत है, और इसे दबाने की कोशिश की जा रही है।”
नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 15, 2025
श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा…
यह मामला लंबे समय से चर्चा में है और अब चार्जशीट दाखिल होने के बाद इसकी सुनवाई पर सभी की नजरें हैं। 25 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत इस मामले में और सबूतों की जांच करेगी। यदि ईडी अपने दावों को साबित करने में सफल रही, तो यह गांधी परिवार के लिए बड़ा झटका हो सकता है।
नेशनल हेराल्ड केस ने एक बार फिर भारतीय राजनीति में तूफान खड़ा कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।