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ECI vs Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग (ECI) पर लगाए गए ‘वोट चोरी’ और भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मिलीभगत के गंभीर आरोपों ने देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। राहुल गांधी ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली की गई, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ। जवाब में, चुनाव आयोग ने राहुल को शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर अपने दावों को साबित करने या देश से माफी मांगने की चुनौती दी है।
राहुल गांधी का आरोप: ‘लोकतंत्र पर हमला’
राहुल गांधी ने गुरुवार, 7 अगस्त 2025 को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के बेंगलुरु मध्य लोकसभा क्षेत्र के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का हवाला देते हुए दावा किया कि वहां 1,00,250 फर्जी वोट बनाए गए। उन्होंने कहा कि उनकी टीम ने छह महीने की मेहनत से मतदाता सूची का विश्लेषण किया और पांच प्रकार की गड़बड़ियां पाईं: 11,965 डुप्लिकेट वोटर, 40,009 फर्जी या अमान्य पते, 10,452 वोटर एक ही पते पर, 4,132 फर्जी फोटो वाले वोटर और 33,692 नए वोटर जिन्हें फॉर्म-6 का दुरुपयोग कर जोड़ा गया।

राहुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग डिजिटल वोटर लिस्ट और सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर रहा है, ताकि ये गड़बड़ियां छिपी रहें। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र पर सीधा हमला है। अगर हम अन्य सीटों की भी जांच करें, तो सच्चाई सामने आ जाएगी।” राहुल ने यह भी दावा किया कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच पांच महीनों में एक करोड़ नए वोटर जोड़े गए, जो बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए थे।
चुनाव आयोग का पलटवार: ‘शपथ पत्र दो या माफी मांगो’
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘गुमराह करने वाला’ बताते हुए सख्त रुख अपनाया है। आयोग के सूत्रों ने कहा कि अगर राहुल अपने विश्लेषण पर भरोसा करते हैं, तो उन्हें कर्नाटक और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा भेजे गए शपथ पत्र पर हस्ताक्षर कर सबूत पेश करने चाहिए। ऐसा न करने पर उन्हें देश से माफी मांगनी होगी। कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल को पत्र लिखकर मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के तहत शपथ पत्र जमा करने को कहा, ताकि जांच शुरू की जा सके।

आयोग ने यह भी सवाल उठाया कि राहुल ने जनवरी 2025 में दी गई मतदाता सूची पर कोई शिकायत क्यों नहीं की और अब तक औपचारिक शिकायत दर्ज क्यों नहीं कराई। आयोग ने राहुल और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को शुक्रवार, 8 अगस्त 2025 को मिलने का समय भी दिया, लेकिन कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि वे शपथ पत्र नहीं देंगे।
बीजेपी और विपक्ष के बिच सियासत गर्म
राहुल के आरोपों पर बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि राहुल के आरोप गंभीरता से लेने लायक नहीं हैं और कांग्रेस को कानूनी रास्ता अपनाना चाहिए था। बीजेपी नेता राम कदम ने राहुल को चुनौती दी कि अगर उनके पास ‘एटम बम’ जैसे सबूत हैं, तो उन्हें सार्वजनिक करें या कोर्ट में पेश करें। दूसरी ओर, शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राहुल का समर्थन किया। सिद्धारमैया ने कहा कि राहुल 5 अगस्त को बेंगलुरु में विरोध प्रदर्शन करेंगे और आयोग को सबूत सौंपेंगे।

यह विवाद अब कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर तेज हो गया है। राहुल गांधी ने कहा है कि उनका मकसद जनता को जागरूक करना है, न कि तुरंत कोर्ट जाना। उन्होंने आयोग को चेतावनी दी कि अगर डिजिटल डेटा और फुटेज नहीं दिए गए, तो यह साबित होगा कि आयोग धांधली का हिस्सा है। दूसरी ओर, आयोग ने अपनी निष्पक्षता का हवाला देते हुए कहा कि सभी चुनाव पारदर्शी और कानून के दायरे में होते हैं। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता है, जैसा कि बिहार में तेजस्वी यादव के वोटर आईडी विवाद के बाद हुआ।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।