प्रमुख बिंदु-
लाइफस्टाइल-सेहत (Unified Bharat): आज के डिजिटल युग में Earphones लगाकर गाना सुनना हर किसी की आदत बन चुका है। मेट्रो में सफर हो, ऑफिस में काम हो या रात में सोने से पहले, लोग अपने कानों में ईयरफोन लगाए नजर आते हैं। म्यूजिक सुनना न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि यह तनाव कम करने और मन को शांत करने में भी मदद करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रातभर ईयरफोन लगाकर गाना सुनते हुए सोने की आदत आपके दिमाग और सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है? हाल के शोध और विशेषज्ञों की राय के आधार पर, आइए जानते हैं इसके नुकसान, कुछ फायदे और इससे बचने के उपाय।
नींद की गुणवत्ता पर बुरा असर
रातभर ईयरफोन लगाकर गाना सुनने से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है। जब आप सोते समय म्यूजिक सुनते हैं, तो दिमाग पूरी तरह आराम नहीं कर पाता। इससे नींद बार-बार टूट सकती है, जिसके चलते आप अगले दिन थकान और सुस्ती महसूस कर सकते हैं। यह स्थिति आपके कार्यक्षमता को भी प्रभावित करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी चेतावनी दी है कि लंबे समय तक तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से नींद से संबंधित समस्याएं जैसे अनिद्रा (इंसोमनिया) का खतरा बढ़ जाता है।

कानों को स्थायी नुकसान
ईयरफोन के लंबे समय तक उपयोग से कानों को गंभीर क्षति हो सकती है। तेज आवाज में म्यूजिक सुनने से ईयरड्रम पर दबाव पड़ता है, जिससे सुनने की क्षमता कम हो सकती है। इंडियन स्पीच एंड हीयरिंग एसोसिएशन की एक रिपोर्ट में बताया गया कि 19 से 25 वर्ष के युवाओं में 41.2% और 26 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में 69.4% तक सुनने की क्षमता प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, ईयरफोन की गंदगी से कान में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि ईयरफोन को नियमित रूप से साफ न किया जाए, तो बैक्टीरिया और वायरस के कारण कान में दर्द और टिनिटस (कानों में सनसनाहट) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

दिमाग और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
रातभर ईयरफोन लगाकर तेज आवाज में गाना सुनने से दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह आदत दिमाग को पूरी तरह आराम करने से रोकती है, जिससे तनाव, चिड़चिड़ापन और एंग्जाइटी की समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा, ईयरफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें दिमाग को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे सिरदर्द और नींद न आने की शिकायत हो सकती है। तेज म्यूजिक सुनने से याददाश्त और बौद्धिक क्षमता भी प्रभावित हो सकती है, खासकर पढ़ाई के दौरान। तेज म्यूजिक सुनने से पढ़ाई के दौरान ध्यान भटक सकता है और याद रखने की क्षमता कम हो सकती है।
हृदय स्वास्थ्य पर जोखिम
तेज आवाज में म्यूजिक सुनना केवल कानों और दिमाग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है।तेज म्यूजिक के कारण हार्टबीट बढ़ सकती है, जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक ऐसी आदत हृदय पर अतिरिक्त दबाव डाल सकती है, जिससे हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

गाना सुनने के कुछ फायदे
हालांकि रातभर ईयरफोन लगाकर गाना सुनना हानिकारक है, लेकिन सीमित समय के लिए म्यूजिक सुनने के कई फायदे भी हैं। म्यूजिक सुनने से डोपामाइन हार्मोन रिलीज होता है, जो मूड को बेहतर बनाता है और तनाव कम करता है। मधुर संगीत सुनने से सेरोटोनिन और ऑक्सीटोसिन जैसे फील-गुड हार्मोन रिलीज होते हैं, जो अच्छी नींद में मदद करते हैं। यह मेमोरी को मजबूत करने और रचनात्मकता बढ़ाने में भी सहायक है।
सुरक्षित उपयोग के लिए टिप्स
- वॉल्यूम कम रखें: डिवाइस का वॉल्यूम 60% से अधिक न करें। WHO के अनुसार, 85 डेसिबल से अधिक आवाज सुनने से बहरापन हो सकता है।
- समय सीमित करें: एक दिन में 60 मिनट से अधिक ईयरफोन का उपयोग न करें। हर घंटे 5-10 मिनट का ब्रेक लें।
- साफ-सफाई का ध्यान: ईयरफोन को नियमित रूप से सैनिटाइजर से साफ करें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो।
- हेडफोन का उपयोग: ईयरफोन की बजाय हेडफोन का उपयोग करें, क्योंकि यह कानों के बाहर रहता है और कम नुकसान पहुंचाता है।
- सोने से पहले हटाएं: सोते समय ईयरफोन न लगाएं। इसके बजाय, स्पीकर पर हल्का म्यूजिक चलाएं।

रातभर ईयरफोन लगाकर गाना सुनने की आदत आपके कानों, दिमाग और हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है। हालांकि, म्यूजिक सुनने के कई मानसिक और भावनात्मक फायदे हैं, लेकिन इसका उपयोग सीमित और सुरक्षित तरीके से करना जरूरी है। विशेषज्ञों की सलाह और शोध के अनुसार, इस आदत को तुरंत बदलना चाहिए। अगर आपको नींद न आने या कान में दर्द जैसी समस्याएं महसूस हो रही हैं, तो तुरंत ENT विशेषज्ञ से संपर्क करें। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और म्यूजिक का आनंद समझदारी के साथ लें।
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।
