प्रमुख बिंदु-
Two Special Trains for Diwali-Chhath: त्योहारों का मौसम आते ही घर लौटने की होड़ मच जाती है। इस बार दीवाली (21 अक्टूबर) और छठ पूजा (27 अक्टूबर) पर उत्तर भारत से बिहार-यूपी जाने वालों को रेलवे ने दो खास तोहफे दिए हैं। चंडीगढ़ से शुरू होकर वाराणसी, धनबाद और पटना तक पहुंचाने वाली ये स्पेशल ट्रेनें यात्रियों की परेशानी कम करेंगी। नियमित गाड़ियों में सीटें खत्म होने की स्थिति में ये नई सेवाएं लाखों लोगों को राहत देंगी। रेलवे के इस फैसले से न सिर्फ पंजाब-हरियाणा के यात्री खुश हैं, बल्कि पूरे नॉर्दर्न जोन में उत्साह है। आइए, जानते हैं इन ट्रेनों की पूरी डिटेल।
नई अनारक्षित ट्रेन: दौलतपुर चौक-वाराणसी स्पेशल
रेलवे ने यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए चंडीगढ़ से गुजरने वाली एक पूरी तरह अनारक्षित स्पेशल ट्रेन शुरू की है। गाड़ी संख्या 04514 दौलतपुर चौक-वाराणसी स्पेशल हर शनिवार रात 10 बजे चंडीगढ़ से रवाना होगी और अगले दिन दोपहर 1:50 बजे वाराणसी पहुंचेगी। यह ट्रेन अंबाला, साहिबाबाद, मेरठ सिटी, मुरादाबाद, बरेली, शाहजहांपुर, लखनऊ, सुल्तानपुर, जौनपुर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी। यात्रा का समय करीब 16 घंटे 45 मिनट का है, जो नियमित ट्रेनों से काफी सुविधाजनक है।
वापसी में गाड़ी संख्या 04515 वाराणसी-दौलतपुर चौक स्पेशल हर सोमवार दोपहर 12:45 बजे वाराणसी से चलेगी और मंगलवार सुबह 5:30 बजे चंडीगढ़ पहुंचेगी। खास बात यह है कि यह ट्रेन पूरी तरह जनरल कोच वाली है, यानी कोई रिजर्वेशन नहीं। टिकट सिर्फ स्टेशन काउंटर या UTS ऐप से खरीदे जा सकेंगे। स्लीपर क्लास का किराया चंडीगढ़ से वाराणसी तक मात्र 350-400 रुपये के आसपास है, जो बजट यात्रियों के लिए वरदान साबित होगा। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह ट्रेन 18 अक्टूबर से 15 नवंबर तक चलेगी, ताकि छठ पूजा के बाद लौटने वालों को भी आसानी हो। पिछले साल की तरह इस बार भी अनारक्षित ट्रेनों में भीड़ ज्यादा होने की उम्मीद है, इसलिए सुबह जल्दी स्टेशन पहुंचना जरूरी।

गरीब रथ का नया रंग: चंडीगढ़-धनबाद एसी स्पेशल
अगर आप एसी की ठंडक में बिहार के कोयला नगरी धनबाद तक जाना चाहते हैं, तो गरीब रथ स्पेशल आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। गाड़ी संख्या 03311/03312 चंडीगढ़-धनबाद स्पेशल हर रविवार और गुरुवार सुबह 6 बजे चंडीगढ़ से रवाना होगी। यह ट्रेन लुधियाना, दिल्ली, मुरादाबाद, बरेली, लखनऊ, सुल्तानपुर, वाराणसी होते हुए अगले दिन मध्यरात्रि 12:45 बजे धनबाद पहुंचेगी। कुल दूरी 1400 किलोमीटर से ज्यादा है, और सफर में 30 घंटे से थोड़ा ज्यादा लगेगा।
इस ट्रेन में थर्ड एसी और सेकंड एसी कोच ही होंगे, जो गरीब रथ की तरह किफायती हैं। थर्ड एसी का किराया चंडीगढ़ से धनबाद तक करीब 1200-1400 रुपये है, जबकि सेकंड एसी में 1800-2000 रुपये। बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है, और IRCTC वेबसाइट या ऐप पर आसानी से टिकट कटवा सकते हैं। वापसी में गाड़ी संख्या 03312 धनबाद से हर बुधवार और शनिवार सुबह 7:50 बजे चलेगी, जो गुरुवार और रविवार सुबह 4:30 बजे चंडीगढ़ पहुंचेगी। रेलवे ने बताया कि यह ट्रेन 19 अक्टूबर से 16 नवंबर तक चलेगी, जिसमें 12 फेरे शामिल हैं।

पॉपुलर चंडीगढ़-पटना स्पेशल: 30 अक्टूबर तक फुल
चंडीगढ़-पटना स्पेशल (04503/04504) यात्रियों की पहली पसंद बनी हुई है, लेकिन बुरी खबर यह है कि यह 30 अक्टूबर तक पूरी तरह फुल हो चुकी है। हर गुरुवार रात 11:45 बजे चंडीगढ़ से चलने वाली यह ट्रेन लखनऊ, सुल्तानपुर, वाराणसी, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, बक्सर और आरा रुकते हुए अगले दिन शाम 4:35 बजे पटना पहुंचती है। वापसी में पटना से शुक्रवार रात 11 बजे चलकर शनिवार रात चंडीगढ़ आती है।
ट्रेन में एसी, स्लीपर और जनरल कोच हैं, लेकिन डिमांड इतनी ज्यादा है कि वेटिंग लिस्ट 500 से ऊपर पहुंच गई। रेलवे ने सलाह दी है कि वैकल्पिक रूप से नई वाराणसी या धनबाद स्पेशल चुनें, या फिर दिल्ली-सीतामढ़ी स्पेशल (04015/04016) का सहारा लें। पटना पहुंचने के बाद लोकल ट्रेन से आसपास के इलाकों में आसानी से जा सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि अगर डिमांड बढ़ी, तो इस ट्रेन के फेरे बढ़ाए जा सकते हैं।

इन स्पेशल ट्रेनों से नॉर्दर्न रेलवे जोन में कुल 50 हजार अतिरिक्त सीटें जुड़ेंगी, जो पूरे देश में चल रही 12,000 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनों का हिस्सा हैं। यात्रियों से अपील है कि जल्द बुकिंग कराएं और स्टेशन पर समय से पहुंचें। त्योहारों का मजा दोगुना करने के लिए रेलवे की यह पहल सराहनीय है। सुरक्षित यात्रा करें!
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
