ANI कॉपीराइट स्ट्राइक विवाद के बीच दूरदर्शन, PIB और आकाशवाणी ने क्रिएटर्स के लिए खोला मुफ्त कंटेंट का खजाना!

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सरकार ने क्रिएटर्स को दी मुफ्त सामग्री की चाबी!

नई दिल्ली: भारत की प्रमुख सरकारी मीडिया एजेंसियों जैसे कि प्रसार भारती, आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो), दूरदर्शन नेशनल और प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने हाल ही में अपने विशाल संग्रह को यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया मंचों पर मुफ्त या कम लागत में उपलब्ध कराने की घोषणा की है। यह कदम न्यूज़ एजेंसी एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल (ANI) और कई यूट्यूब क्रिएटर्स के बीच चल रहे कॉपीराइट विवाद के बीच आया है। प्रसार भारती, आकाशवाणी (ऑल इंडिया रेडियो), दूरदर्शन नेशनल और प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने अपनी सामग्री को कॉपीराइट-मुक्त और सार्वजनिक उपयोग के लिए खोल दिया है, जिससे क्रिएटर्स को बिना किसी कानूनी चिंता के विश्वसनीय सामग्री का उपयोग करने का अवसर मिला है।

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ANI और यूट्यूब क्रिएटर्स के बीच तनाव

हाल ही में, ANI और यूट्यूब क्रिएटर्स के बीच कॉपीराइट को लेकर विवाद सुर्खियों में रहा। लोकप्रिय यूट्यूबर मोहक मंगल ने ANI पर आरोप लगाया कि उनकी कोलकाता रेप केस और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बनाए गए वीडियो में ANI की 9 और 11 सेकंड की छोटी क्लिप्स के उपयोग के बाद, उनकी सामग्री पर कॉपीराइट स्ट्राइक लगाई गई। मंगल ने दावा किया कि ANI ने स्ट्राइक हटाने के लिए लाइसेंसिंग फीस या जुर्माने की मांग की।

इसी तरह, क्रिएटर रजत पवार ने भी ANI पर उनके कंटेंट पर स्ट्राइक लगाने और 18 लाख रुपये प्रति वर्ष के लाइसेंसिंग समझौते या जुर्माने की मांग करने का आरोप लगाया। इस विवाद ने दिल्ली हाई कोर्ट तक का रुख किया, जहां ANI ने मंगल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। गुरुवार को कोर्ट ने मंगल को अपने वीडियो के उन हिस्सों को हटाने का निर्देश दिया, जिन्हें ANI ने मानहानिकारक माना।

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सरकारी मीडिया का क्रिएटर्स के लिए तोहफा

इस विवाद के बीच, प्रसार भारती, आकाशवाणी, दूरदर्शन और PIB ने अपनी सामग्री को मुफ्त में उपलब्ध कराने का ऐलान किया। आकाशवाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर घोषणा की कि क्रिएटर्स 50 श्रेणियों और 15 भाषाओं में शॉर्ट्स, व्याख्यात्मक वीडियो और वृत्तचित्र जैसी सामग्री मुफ्त में उपयोग कर सकते हैं। प्रसार भारती ने अपने डिजिटल मंच PBShabd को बढ़ावा देते हुए कहा कि इसमें “दुर्लभ दृश्य, ऐतिहासिक फुटेज और विश्वसनीय डेटा” उपलब्ध है, जो कॉपीराइट-मुक्त और पेशेवरों के लिए विश्वसनीय है। दूरदर्शन नेशनल ने भी क्रिएटर्स को अपनी सामग्री का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें 24/7 समाचार क्लिप, ऑडियो सामग्री, लिखित कहानियां और दृश्य शामिल हैं।

PTI का योगदान और PBShabd की भूमिका

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) ने भी इस दिशा में कदम उठाया और अपनी वीडियो सामग्री को यूट्यूब और अन्य मंचों पर किफायती दरों पर उपलब्ध कराया। PBShabd को भारत का सबसे व्यापक मीडिया संग्रह माना जा रहा है, जिसमें 1,700 से अधिक पत्रकार और क्रिएटर्स भरोसा करते हैं। यह मंच न केवल कॉपीराइट-मुक्त सामग्री प्रदान करता है, बल्कि यह सुरक्षित और प्रामाणिक भी है। PIB ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए कहा कि यह क्रिएटर्स को रचनात्मक स्वतंत्रता देता है।

क्रिएटर्स और सरकार के बीच नया रिश्ता

इस कदम को क्रिएटर्स और सरकारी मीडिया के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत माना जा रहा है। जहां एक ओर ANI जैसे निजी न्यूज़ संगठनों पर कॉपीराइट स्ट्राइक के दुरुपयोग का आरोप लग रहा है, वहीं सरकारी एजेंसियां क्रिएटर्स को सशक्त बनाने के लिए आगे आई हैं। यह पहल न केवल डिजिटल क्रिएटर्स को विश्वसनीय सामग्री प्रदान करती है, बल्कि भारत के समृद्ध मीडिया संग्रह को वैश्विक मंच पर ले जाने में भी मदद करेगी।

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ANI और यूट्यूब क्रिएटर्स के बीच चल रहा विवाद डिजिटल युग में कॉपीराइट और फेयर यूज़ के सवालों को उठाता है। दूसरी ओर, प्रसार भारती और अन्य सरकारी मीडिया एजेंसियों की यह पहल क्रिएटर्स को बिना किसी कानूनी डर के रचनात्मकता का मौका देती है। PBShabd जैसे मंच न केवल भारत के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं, बल्कि इसे नई पीढ़ी के क्रिएटर्स के साथ साझा भी करते हैं। यह बदलाव डिजिटल मीडिया के लिए एक नई दिशा की ओर इशारा करता है।

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