भारत में 6000 के पार पहुंचे सक्रिय केस, 24 घंटे में 6 मौतें
प्रमुख बिंदु-
COVID-19 Update, 8 जून 2025: भारत में एक बार फिर कोरोना वायरस ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में सक्रिय कोविड-19 मामले 6,133 तक पहुंच गए हैं। बीते 24 घंटे में 378 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 753 लोग ठीक होकर घर लौट चुके हैं। इस साल जनवरी से अब तक 6,237 लोग कोरोना से उबर चुके हैं, लेकिन 65 लोगों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स LF.7 और NB.1.8.1 के कारण यह नई लहर देखने को मिल रही है, जो तेजी से फैल रहे हैं। हालांकि, अधिकांश मामले हल्के हैं और घरेलू देखभाल में ठीक हो रहे हैं।
राज्यवार स्थिति: केरल सबसे प्रभावित
देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, और सक्रिय केस 6,133 तक पहुंच गए हैं। केरल सबसे ज्यादा प्रभावित है, जहां 1,950 केस हैं, इसके बाद गुजरात (822), पश्चिम बंगाल (693), दिल्ली (686), और महाराष्ट्र (595) का स्थान है। अन्य राज्यों में भी मामले हैं, जैसे कर्नाटक (366), उत्तर प्रदेश (219), तमिलनाडु (194), राजस्थान (132), और हरियाणा (102)। आंध्र प्रदेश में 86, बिहार में 49, छत्तीसगढ़ में 41, पंजाब में 35, ओडिशा में 33, सिक्किम में 23, पुडुचेरी में 15, तेलंगाना में 10, गोवा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में 9-9, असम में 6, झारखंड में 4, हिमाचल प्रदेश में 3, चंडीगढ़ में 2, और त्रिपुरा में 1 केस दर्ज हुआ है।

मृत्यु दर और उपचार की स्थिति
पिछले 24 घंटों में छह लोगों की कोरोना से मौत हुई है। केरल में तीन पुरुष (51, 64, और 92 वर्ष) की मौत हुई, जो पहले से ही मधुमेह, हृदय रोग, और अन्य बीमारियों से पीड़ित थे। कर्नाटक में दो पुरुषों (51 और 78 वर्ष) और तमिलनाडु में एक 42 वर्षीय पुरुष की मौत दर्ज की गई। इस साल जनवरी से अब तक 65 मौतें हो चुकी हैं। राहत की बात यह है कि उपचार दर काफी अच्छी है, जिसमें 6,237 लोग इस साल ठीक हो चुके हैं। अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, और थकान देखे गए हैं, जो घर पर आइसोलेशन में ठीक हो रहे हैं।

केंद्र सरकार की सतर्कता और तैयारियां
केंद्र सरकार ने बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी राज्यों को अलर्ट रहने और सुविधाओं की जांच करने का निर्देश दिया है। ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर, और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही हैं। 2 और 3 जून को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक डॉ. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में तकनीकी समीक्षा बैठकें हुईं, जिसमें ICMR, NCDC, और IDSP के साथ तैयारियों का मूल्यांकन किया गया। IDSP के तहत इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) की निगरानी की जा रही है। सभी SARI मामलों और 5% ILI मामलों का परीक्षण अनिवार्य है, और पॉजिटिव नमूनों का जीनोम अनुक्रमण किया जा रहा है।

नए वैरिएंट्स और सावधानियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, LF.7 और NB.1.8.1 वैरिएंट्स इस लहर के लिए जिम्मेदार हैं। ये वैरिएंट्स तेजी से फैलते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी का खतरा कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण और पिछले संक्रमणों से मिली हाइब्रिड इम्युनिटी के कारण भारत स्थिर स्थिति में है। फिर भी, बुजुर्गों और गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग, और नियमित हाथ धोना जरूरी है।
कोरोना की इस नई लहर ने चिंता जरूर बढ़ाई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति नियंत्रण में है। सही सावधानियों और टीकाकरण के साथ इस लहर को नियंत्रित किया जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति पर नजर रख रही हैं, और जनता से भी अपील की गई है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।