कोरोना का नया वैरिएंट JN.1! भारत में बढ़े मामले
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 21 मई 2025: भारत में एक बार फिर से COVID-19 के मामले बढ़ने शुरू हो गए हैं, जिसने स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकार को सतर्क कर दिया है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या में तेजी देखी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकारों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए निगरानी और टेस्टिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामले हल्के हैं और मृत्यु दर से कोई सीधा संबंध नहीं है।
महाराष्ट्र: मुंबई में सबसे ज्यादा प्रभाव
महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने 20 मई 2025 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि राज्य में वर्तमान में कोविड-19 के 52 सक्रिय मामले हैं, जिनमें से 16 मरीजों में गंभीर लक्षण देखे गए हैं। जनवरी 2025 से अब तक 6,066 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से 106 में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से 101 मामले अकेले मुंबई से हैं, जबकि पुणे, ठाणे और कोल्हापुर में भी छिटपुट मामले सामने आए हैं।
महाराष्ट्र में कोविड-19 से दो मरीजों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, दोनों मुंबई के निवासी थे। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इनमें से एक मरीज को किडनी की बीमारी थी, जबकि दूसरा कैंसर से पीड़ित था। डॉ. गौतम भंसाली, बॉम्बे हॉस्पिटल के वरिष्ठ चिकित्सक, ने बताया कि वर्तमान में कोविड के ज्यादातर मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम ही पड़ रही है।

तमिलनाडु और कर्नाटक में भी बढ़े मामले
तमिलनाडु में कोविड-19 के 40 सक्रिय मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि कर्नाटक में यह संख्या 16 है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने 20 मई को पुष्टि की कि राज्य में सभी मामले हल्के हैं और स्थिति नियंत्रण में है। कर्नाटक में हाल ही में दुबई से लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया कि यह कोविड-19 से कम खतरनाक है और स्थिति नियंत्रण में है।
राष्ट्रीय स्थिति: 257 सक्रिय मामले
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 19 मई 2025 तक पूरे भारत में कोविड-19 के 257 सक्रिय मामले हैं। स्वास्थ्य सेवा के डायरेक्टर जनरल की अध्यक्षता में हाल ही में हुई एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में स्थिति का आकलन किया गया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारत में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है, और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के माध्यम से निगरानी को और मजबूत किया जा रहा है।

वैक्सीन की प्रभावशीलता और नई चुनौतियां
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 भारत में मामलों के बढ़ने का कारण हो सकता है। यह वैरिएंट हल्के लक्षणों के साथ फैल रहा है, लेकिन कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को अतिरिक्त वैक्सीन डोज लेने की सलाह दी गई है। नाक से दी जाने वाली वैक्सीन, जो कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद भी ली जा सकती है, श्वास नली और फेफड़ों में एंटीबॉडीज बनाने में प्रभावी पाई गई है।
हालांकि, एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन वैक्सजेवरिया को वापस लेने की घोषणा की है, जिसके बाद भारत में कोविशील्ड को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। कंपनी ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मरीजों की सुरक्षा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन के दुष्प्रभावों का जोखिम न्यूनतम है, और गंभीर एलर्जी प्रतिक्रियाएं दुर्लभ हैं।

सावधानी और भविष्य की रणनीति
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को टेस्टिंग बढ़ाने और मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और सामाजिक दूरी बनाए रखने की सलाह दी है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि अभी से सतर्कता नहीं बरती गई, तो स्थिति बिगड़ सकती है। मुंबई में बोर्ड परीक्षाओं के दौरान कोविड-19 के बढ़ते मामलों ने छात्रों और अभिभावकों की चिंता बढ़ा दी है।
हांगकांग और सिंगापुर जैसे एशियाई देशों में कोविड-19 मामलों में तेज वृद्धि ने भारत को और सतर्क कर दिया है। सिंगापुर में एक सप्ताह में 14,200 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि हांगकांग में 31 गंभीर मामले सामने आए हैं। भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति को हल्के में न लेने की अपील की है और कहा है कि देश किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिति नियंत्रण में है। वैक्सीन और सावधानियों के साथ, देश इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार है। नागरिकों से अपील है कि वे मास्क पहनें, सामाजिक दूरी बनाए रखें और वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक लें, खासकर यदि उनकी इम्युनिटी कमजोर है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।