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नई दिल्ली: भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहा ‘वोट चोरी’ विवाद अब और गहरा गया है। भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा (Pawan Khera) और उनकी पत्नी कोटा नीलिमा पर दो-दो वोटर आईडी रखने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। यह मामला तब सामने आया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार चुनाव आयोग और भाजपा पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। मालवीय ने इसे कांग्रेस की ‘वोट चोरी की रणनीति’ करार दिया, जबकि पवन खेड़ा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए उल्टा चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। दिल्ली के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर ने भी पवन खेड़ा को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
भाजपा का पवन खेड़ा पर आरोप
भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने 2 और 3 सितंबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दावा किया कि कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के पास दो सक्रिय वोटर आईडी हैं। पहला वोटर आईडी दिल्ली के जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र (EPIC नंबर: XHC1992338, पार्ट नंबर: 28, निजामुद्दीन ईस्ट) में और दूसरा नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र (EPIC नंबर: SJE0755967, पार्ट नंबर: 78, काका नगर) में दर्ज है।


इसके बाद मालवीय ने खेड़ा की पत्नी कोटा नीलिमा पर भी दो वोटर आईडी होने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक, नीलिमा का एक वोटर आईडी तेलंगाना के खैरताबाद विधानसभा क्षेत्र (EPIC नंबर: TDZ2666014, पार्ट नंबर: 214, गफ्फर खान कॉलोनी) में और दूसरा नई दिल्ली (EPIC नंबर: SJE0755975, पार्ट नंबर: 78, काका नगर) में है। मालवीय ने इसे सुनियोजित ‘वोट चोरी’ करार देते हुए कहा कि यह कांग्रेस की पुरानी रणनीति का हिस्सा है।


राहुल गांधी और कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ अभियान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बिहार में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की, जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग और भाजपा पर वोटर लिस्ट में धांधली के गंभीर आरोप लगाए। राहुल ने कर्नाटक के महादेवपुरा क्षेत्र में 1 लाख से ज्यादा फर्जी वोटर होने का दावा किया और इसे ‘हाइड्रोजन बम’ जैसा खुलासा बताया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जल्द ही इस मामले में बड़ा खुलासा करेगी, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख पर सवाल उठेंगे। हालांकि, भाजपा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पलटवार किया और पवन खेड़ा के मामले को सामने लाकर कांग्रेस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। मालवीय ने दावा किया कि राहुल गांधी बिना ठोस सबूत के निर्दोष मतदाताओं को बदनाम कर रहे हैं।

पवन खेड़ा ने दागा चुनाव आयोग पर सवाल
पवन खेड़ा ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि वह 2016 में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से शिफ्ट हो चुके थे। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने अपना नाम वोटर लिस्ट से हटाने के लिए फॉर्म 7 भरा था, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे अपडेट नहीं किया।
खेड़ा ने NDTV से कहा, “मैं जानना चाहता हूं कि मेरे नाम पर नई दिल्ली में कौन वोट डाल रहा है? मुझे वहां का सीसीटीवी फुटेज चाहिए।” उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वोटर लिस्ट को दुरुस्त करना आयोग की जिम्मेदारी है। खेड़ा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी लंबे समय से ऐसी गड़बड़ियों की बात उठा रहे हैं, और मालवीय के आरोपों ने उल्टा आयोग की नाकामी को उजागर किया है।

चुनाव आयोग का पवन खेड़ा को नोटिस
दिल्ली के जिला निर्वाचन कार्यालय ने 2 सितंबर 2025 को पवन खेड़ा को नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि एक से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में वोटर लिस्ट में नाम होना जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के तहत दंडनीय अपराध है। नोटिस में खेड़ा से 8 सितंबर 2025 तक जवाब देने को कहा गया है, जिसमें उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। आयोग ने उनके दो EPIC नंबरों (SJE0755967 और XHC1992338) का उल्लेख करते हुए गंभीरता दिखाई है। यह नोटिस इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है और अब सबकी नजरें खेड़ा के जवाब और आयोग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

सोनिया गांधी पर भी मालवीय का हमला
अमित मालवीय ने इस विवाद को और गर्माते हुए कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा। उन्होंने दावा किया कि 1980 में, जब सोनिया गांधी भारतीय नागरिक नहीं थीं, तब भी उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल था। मालवीय ने इसे कांग्रेस की पुरानी रणनीति का हिस्सा बताया और कहा कि पार्टी अवैध प्रवासियों और गैर-भारतीयों को वोटर लिस्ट में शामिल करवाकर वोट बैंक की राजनीति करती रही है। उन्होंने राहुल गांधी से इस मामले पर चुप्पी तोड़ने की मांग की और कहा कि कांग्रेस का ‘वोट चोरी’ का आरोप खुद उनके नेताओं पर लागू होता है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
