कॉफी पीने की ये 3 गलतियां बन सकती हैं सेहत की दुश्मन
प्रमुख बिंदु-
लाइफस्टाइल-सेहत (Unified Bharat): कॉफी (Coffee) न केवल सुबह की शुरुआत को ताजगी देती है, बल्कि यह दिनभर की थकान मिटाने और एनर्जी बूस्ट करने का भी एक शानदार तरीका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कॉफी पीते समय की गई कुछ गलतियां आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती हैं? हार्वर्ड के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी और हालिया शोधों के अनुसार, कॉफी के फायदों के बावजूद कुछ आदतें इसके नुकसान को बढ़ा सकती हैं। आइए जानते हैं कॉफी पीते समय की जाने वाली तीन सबसे बड़ी गलतियों और उनसे बचने के उपायों के बारे में।
1. कॉफी में चीनी का अत्यधिक उपयोग
कॉफी का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें चीनी मिलाना एक आम आदत है। लेकिन यह आदत आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है। डॉ. सौरभ सेठी के अनुसार, कॉफी में अतिरिक्त चीनी मिलाने से न केवल वजन बढ़ने का खतरा होता है, बल्कि यह टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग और शरीर में सूजन जैसी समस्याओं को भी बढ़ावा दे सकता है। एक शोध के मुताबिक, ज्यादा चीनी का सेवन इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाता है, जो डायबिटीज का प्रमुख कारण है।
बचाव का तरीका: अपनी कॉफी को धीरे-धीरे बिना चीनी के पीने की आदत डालें। शुरुआत में ब्लैक कॉफी या दूध के साथ बिना चीनी वाली कॉफी ट्राई करें। अगर स्वाद की जरूरत हो, तो प्राकृतिक स्वीटनर जैसे शहद या स्टीविया का उपयोग करें, लेकिन सीमित मात्रा में। इससे न केवल कॉफी का असली स्वाद उभरकर आएगा, बल्कि आपकी सेहत भी बनी रहेगी।

2. गैर-ऑर्गेनिक कॉफी का चयन
क्या आप जानते हैं कि आपकी कॉफी कैसे उगाई जाती है? गैर-ऑर्गेनिक कॉफी बीन्स को उगाने में अक्सर कीटनाशकों और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग होता है, जो आपके शरीर में टॉक्सिन्स के रूप में जमा हो सकते हैं। ये टॉक्सिन्स लंबे समय में पेट की समस्याएं, हार्मोनल असंतुलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार, ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों का सेवन रासायनिक अवशेषों के जोखिम को कम करता है।
बचाव का तरीका: हमेशा ऑर्गेनिक कॉफी बीन्स चुनें, जो बिना हानिकारक रसायनों के उगाए जाते हैं। ऑर्गेनिक कॉफी न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी बेहतर है। खरीदते समय पैकेजिंग पर “ऑर्गेनिक” लेबल की जांच करें और विश्वसनीय ब्रांड्स को प्राथमिकता दें।

3. रोस्ट टाइप की अनदेखी
कॉफी का रोस्ट टाइप आपके पाचन तंत्र पर गहरा प्रभाव डाल सकता है, खासकर अगर आपको एसिड रिफ्लक्स या पेट की जलन की समस्या है। कई लोग मानते हैं कि डार्क रोस्ट कॉफी में ज्यादा एसिड होता है, लेकिन यह गलतफहमी है। लाइट रोस्ट कॉफी में अधिक एसिड होता है, क्योंकि इसे कम समय तक भूना जाता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और पेट की जलन बढ़ सकती है। इसके विपरीत, डार्क रोस्ट कॉफी को लंबे समय तक भूना जाता है, जिससे इसका एसिड कंटेंट कम हो जाता है।
कोल्ड ब्रू कॉफी भी एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसे ठंडे पानी में लंबे समय तक भिगोकर बनाया जाता है, जिससे इसका एसिड लेवल और भी कम होता है। यह पेट के लिए हल्का और एसिड रिफ्लक्स से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त होता है।
बचाव का तरीका: अगर आपको एसिड रिफ्लक्स या पाचन संबंधी समस्याएं हैं, तो डार्क रोस्ट या कोल्ड ब्रू कॉफी चुनें। इसके अलावा, कॉफी को खाली पेट पीने से बचें, क्योंकि यह पेट में एसिड उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे जलन और बेचैनी हो सकती है।

कॉफी के फायदे और संतुलित सेवन
कॉफी में कैफीन और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे पॉलीफेनॉल्स और क्लोरोजेनिक एसिड होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य, टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करते हैं। हार्वर्ड के टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के अनुसार, दिन में 2-5 कप कॉफी पीने से मृत्यु दर और कई बीमारियों का खतरा कम हो सकता है। हालांकि, अधिक मात्रा में कैफीन (400 मिलीग्राम से ज्यादा) नींद की कमी, बेचैनी और हृदय गति बढ़ने जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
अंतिम सुझाव: कॉफी को संतुलित मात्रा में पिएं, खासकर 2-3 कप प्रतिदिन। इसे खाने के बाद या हल्के नाश्ते के साथ लें, ताकि पेट पर इसका प्रभाव कम हो। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को कॉफी का सेवन सीमित करना चाहिए।
कॉफी (Coffee) आपके दिन को ताजगी और ऊर्जा से भर सकती है, बशर्ते आप इसे सही तरीके से पिएं। इन तीन गलतियों से बचकर और सही कॉफी चुनकर आप इसके फायदों को अधिकतम कर सकते हैं और नुकसान से बच सकते हैं। तो अगली बार जब आप कॉफी का कप उठाएं, तो इन बातों का ध्यान रखें और अपनी सेहत को प्राथमिकता दें!
यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यूनिफाइड भारत आपको सलाह देता है कोई भी उपाय अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।