प्रमुख बिंदु-
सिटी डेस्क, मथुरा: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर मथुरा और वृंदावन भक्ति और उत्सव के रंग में डूबे हैं। वृंदावन में 10 लाख भक्तों का श्रीकृष्ण जन्मभूमि में आगमन हुआ है और मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की तैयारियां चरम पर हैं। शनिवार सुबह 5:30 बजे शहनाई और नगाड़ों की मधुर ध्वनि के बीच ठाकुरजी की मंगला आरती हुई, जिसके बाद पंचामृत से अभिषेक किया गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की और कान्हा बने बच्चों को गोद में लेकर दुलार किया। इस बीच, काशी विश्वनाथ मंदिर से मथुरा के लिए विशेष उपहार भेजे गए हैं, जो इस उत्सव को और भव्य बना रहे हैं।

सीएम योगी का मथुरा दौरा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को मथुरा पहुंचे और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने कान्हा के रूप में सजे बच्चों को गोद में लिया, उन्हें खीर खिलाई, तिलक लगाया, और मोती की माला पहनाई। बच्चों को खिलौने भी भेंट किए। सीएम ने कहा कि पौराणिक विरासत को बचाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। दुष्प्रवृत्तियां देश को कमजोर करना चाहती हैं और जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर बांटना चाहती हैं। हमें संरक्षण के लिए समर्पित होना होगा। यह उनका पिछले 8 वर्षों में मथुरा का 38वां दौरा है और वे 2.5 घंटे तक यहां रुकेंगे।

कान्हा के रंग में रंगी श्रीकृष्ण जन्मभूमि
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम के तहत सजाया गया है। गर्भगृह को कारागार की तरह सजाने में 221 किलो चांदी का उपयोग किया गया है। ठाकुरजी के लिए बनाए गए फूल बंगले को कोलकाता और बेंगलुरु से मंगाए गए सिंदूरी रंग के फूलों से सजाया गया है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा ने बताया कि कान्हा की पोशाक को मथुरा के कारीगरों ने 6 महीने में तैयार किया है। इसमें सोने-चांदी के तारों और इंद्रधनुष के सात रंगों का समावेश किया गया है। काशी विश्वनाथ मंदिर से भेजे गए उपहारों में टॉफी, चॉकलेट, लड्डू, और अन्य मंगल वस्तुएं शामिल हैं, जो इस उत्सव में भक्ति का रंग घोल रही हैं।

वृंदावन में भव्य आयोजन
वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में जन्मोत्सव की तैयारियां रात 12 बजे से शुरू होंगी। ठाकुरजी का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, इत्र और यमुना के जल से होगा, जो गर्भगृह में परदे की आड़ में किया जाएगा। इसके बाद ठाकुरजी को पीतांबर वस्त्र और आभूषण पहनाए जाएंगे। रात 1:30 से 2:00 बजे तक ठाकुरजी जगमोहन दर्शन देंगे। 16 अगस्त की रात को विशेष मंगला आरती होगी, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होंगे। हालांकि, 2022 में हुए हादसे के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर में एक समय में केवल 500 श्रद्धालुओं को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। पूरी रात दर्शन की व्यवस्था रहेगी।

मंगला आरती और अनुष्ठान
शनिवार सुबह 5:30 बजे वृंदावन में शहनाई और नगाड़ों की ध्वनि के साथ ठाकुरजी की मंगला आरती हुई। सुबह 9 बजे मंदिर के भागवत भवन में पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंगला आरती और अभिषेक के दौरान भक्तों में उत्साह का माहौल रहा। गर्भगृह में पंचामृत अभिषेक के बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। मंदिरों में ‘नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ के भजनों से वातावरण भक्तिमय हो गया।

श्री काशी विश्वनाथ से कान्हा को उपहार
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए विशेष उपहार भेजे गए हैं। इनमें कान्हा की पोशाकें, चॉकलेट, लड्डू, फल और मिठाइयां शामिल हैं। ये उपहार डमरू दल और अर्चकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में समर्पित किए गए और फिर मथुरा रवाना किए गए। यह परंपरा काशी और मथुरा के बीच आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाती है।

सुरक्षा और व्यवस्था
जन्माष्टमी के दौरान मथुरा-वृंदावन में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंदिर परिसर में सीसीटीवी निगरानी, पुलिस बल और सीमित प्रवेश की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। 2022 के हादसे के बाद मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष कदम उठाए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुगम दर्शन हो सकें।

मथुरा और वृंदावन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव भक्ति, संस्कृति और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम है। सीएम योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति, काशी विश्वनाथ से आए उपहार और भव्य सजावट ने इस उत्सव को और भी विशेष बना दिया है। 10 लाख भक्तों की उपस्थिति और मंदिरों में होने वाले अनुष्ठानों ने मथुरा-वृंदावन को भक्ति का केंद्र बना दिया है। यह उत्सव न केवल श्रीकृष्ण जन्मभूमि की महिमा को दर्शाता है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता को भी रेखांकित करता है।
यह भी पढ़ें…
काशी विश्वनाथ धाम में जन्माष्टमी का भव्य आयोजन, लड्डू गोपाल करेंगे विशेष दर्शन

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।
