प्रमुख बिंदु-
Ayodhya Deepotsav 2025: अयोध्या की पावन धरती पर रविवार को नौवें दीपोत्सव की भव्यता ने एक बार फिर दुनिया को मंत्रमुग्ध कर दिया। लाखों दीपों की जगमगाहट के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकथा पार्क से विपक्ष पर ऐसा तीखा प्रहार किया कि राजनीतिक हलचल तेज हो गई। जहां एक तरफ भगवान राम का राज्याभिषेक हो रहा था, वहीं योगी ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस को आइना दिखाते हुए कहा कि इन्होंने रामभक्ति को कुचलने की कोशिश की, लेकिन सत्य की जीत हुई। यह आयोजन न सिर्फ सांस्कृतिक उत्सव था, बल्कि 500 वर्षों के संघर्ष की याद दिलाने वाला एक सशक्त संदेश भी।
दीपोत्सव की भव्यता
अयोध्या में इस बार दीपोत्सव ने नया इतिहास रचा। राम की पैड़ी पर 26 लाख से अधिक दीपों की रोशनी ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर कदम बढ़ाए। मुख्यमंत्री योगी ने स्वयं भगवान राम का राजतिलक किया और कहा, “ये दीप केवल रोशनी नहीं, बल्कि अंधकार पर विजय के प्रतीक हैं।” कार्यक्रम में देश-विदेश से सनातन धर्म के अनुयायी पहुंचे। सरयू नदी के तट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने त्रेता युग की झलक दिखाई।
योगी ने जोर देकर कहा कि अयोध्या अब विकास और विरासत का संगम है, जहां आस्था और आधुनिकता साथ-साथ चल रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण को संभव बनाया। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का था, बल्कि पर्यटन को बढ़ावा देने वाला भी साबित हुआ, क्योंकि हजारों पर्यटक यहां जुटे।
विपक्ष पर तीखा प्रहार
योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में सपा और कांग्रेस पर सीधी चोट की। उन्होंने कहा, “जब हम लाखों दीपों से अयोध्या को जगमगा रहे हैं, तब याद रखें कि इसी जगह राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान सपा ने रामभक्तों पर गोलियां चलवाईं।” योगी ने 1990 के दशक के दर्दनाक प्रसंग को ताजा किया, जब कारसेवकों पर फायरिंग हुई थी, जिसमें कई जानें गईं। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा, “इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर कहा था कि श्रीराम काल्पनिक हैं, एक मिथक हैं।” योगी ने जोर दिया कि 1949 में जब रामलला की मूर्तियां स्थापित हुईं, तो कांग्रेस सरकार ने ताले लगवा दिए। आज वही अयोध्या मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का न्योता ठुकरा देती है।”

दोहरा चरित्र उजागर
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के “दोहरे चरित्र” पर कटाक्ष किया। “ये वही लोग हैं जो बाबर की कब्र पर जाकर सजदा करते हैं, लेकिन राम मंदिर में रामलला के दर्शन से कतराते हैं,” योगी ने कहा। उन्होंने सपा को “विध्वंस का प्रतीक” बताते हुए आरोप लगाया कि पार्टी ने अयोध्या के विकास को रोका और दंगों को बढ़ावा दिया। योगी ने याद दिलाया कि सपा शासन में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए गए, जबकि रामभक्तों को गोलियों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, “हम राम को मानते हैं, ये बाबर को।” यह बयान न केवल ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है, बल्कि वर्तमान राजनीति में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को भी दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे बयान भाजपा के वोट बैंक को एकजुट करने में मददगार साबित होते हैं। योगी ने विपक्ष को चेतावनी दी कि सनातन धर्म की आस्था को अब चुनौती नहीं दी जा सकती।

500 वर्षों का संघर्ष, अब नई अयोध्या
योगी ने अपने भाषण को भावुक मोड़ देते हुए कहा, “सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। हर दीया हमें यही सिखाता है।” उन्होंने 500 वर्षों के संघर्ष का जिक्र किया, जब बाबरी मस्जिद विध्वंस से लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक सनातनियों को अपमान सहना पड़ा। आज राम मंदिर का भव्य निर्माण उसी की जीत है। योगी ने अयोध्या को “सप्त पुरियों में प्रथम” बताते हुए कहा कि यहां धर्म मानव रूप में अवतरित हुआ।

उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का जिक्र करते हुए कहा कि अयोध्या अब आर्थिक केंद्र भी बन रही है। दीपोत्सव के जरिए सरकार ने निषाद बस्तियों और मलिन क्षेत्रों में भी उत्सव मनवाया, जो समावेशी विकास का संदेश देता है। कुल मिलाकर, यह आयोजन आस्था के साथ-साथ सामाजिक एकता का प्रतीक बना।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
