प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 5 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों के लिए दो बड़े ऐलान किए। पहला, प्रदेश के 9 लाख शिक्षकों को अब कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी, जिसमें शिक्षा मित्र, अनुदेशक और रसोइये भी शामिल होंगे। दूसरा, शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के मानदेय में जल्द वृद्धि होगी। इन घोषणाओं ने शिक्षा जगत में उत्साह की लहर पैदा कर दी है।
शिक्षकों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस पर लखनऊ के लोकभवन में आयोजित एक समारोह में घोषणा की कि अब प्रदेश के सभी शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा बेसिक, माध्यमिक, सहायता प्राप्त (एडेड) और सेल्फ-फाइनेंस स्कूलों के शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों और रसोइयों को भी मिलेगी। इस योजना से लगभग 9 लाख परिवारों को लाभ होगा। चाहे सामान्य बीमारी हो या गंभीर स्वास्थ्य समस्या, सभी का इलाज कैशलेस होगा। इस पहल को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के तहत लागू किया जाएगा, जिसके तहत कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड जारी किए जाएंगे। यह कार्ड सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान करेगा।
शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के लिए खुशखबरी
सीएम योगी ने शिक्षा मित्रों और अनुदेशकों के लिए एक और बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के मानदेय में जल्द वृद्धि की जाएगी। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है। इस समिति की सिफारिशों के आधार पर मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा।
वर्तमान में शिक्षा मित्रों को 11 महीने के लिए 10,000 रुपये और अनुदेशकों को 9,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है। रसोइयों को प्रति माह 2,000 रुपये दिए जाते हैं। शिक्षक संगठनों की लंबे समय से चली आ रही मांग थी कि मानदेय को 12 महीने के लिए बढ़ाया जाए और इसे सम्मानजनक बनाया जाए। योगी सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र के इन कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।


81 शिक्षकों को मिला राज्य शिक्षक पुरस्कार
शिक्षक दिवस के मौके पर लोकभवन में आयोजित समारोह में सीएम योगी ने 81 शिक्षकों को राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया। इनमें बेसिक शिक्षा के 66 और माध्यमिक शिक्षा के 15 शिक्षक शामिल थे। इसके अलावा, 2,204 प्रधानाचार्यों को टैबलेट वितरित किए गए और 1,236 माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया गया। योगी ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि एक शिक्षक की तुलना किसी नेता या नौकरशाह से नहीं की जा सकती, क्योंकि शिक्षक का सम्मान समाज में सर्वोपरि है।

यूपी की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव
सीएम योगी ने अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में आए बदलावों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले 8 वर्षों में यूपी की बेसिक शिक्षा ने अभूतपूर्व प्रगति की है। परिषदीय स्कूलों में 60 लाख से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं और 5,000 से अधिक बाल वाटिकाएं शुरू हो चुकी हैं। इन स्कूलों को स्मार्ट क्लास, गुणवत्तापूर्ण कंटेंट और बेहतर शिक्षकों के माध्यम से आधुनिक बनाया जा रहा है। योगी ने कहा कि पहले यूपी को ‘बीमारू राज्य’ कहा जाता था, लेकिन आज यह देश के विकास का इंजन बन चुका है। उन्होंने एससीईआरटी को निर्देश दिए कि पाठ्यपुस्तकों में भारतीय पात्रों को शामिल किया जाए, जैसे कि रामायण
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
