अब ChatGPT में UPI से कर सकेंगे शॉपिंग: बिगबास्केट से सामान मंगवाएं बिना ऐप खोले; AI और UPI का गजब मेल, जानिए कैसे करेगा काम!

ChatGPT’s UPI Revolution

टेक डेस्क: क्या आपने कभी सोचा है कि ChatGPT से बात करते हुए ही किराने का सामान ऑर्डर कर सकें? अब यह सपना हकीकत बनने की कगार पर है। OpenAI ने भारत की नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और फिनटेक कंपनी रेजरपे के साथ हाथ मिलाकर ChatGPT में UPI पेमेंट्स का पायलट प्रोग्राम लॉन्च किया है। इस नई सुविधा से यूजर्स चैट इंटरफेस में ही खरीदारी पूरी कर सकेंगे, बिना किसी अलग ऐप या वेबसाइट पर स्विच किए। बिगबास्केट जैसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म इसकी पहली झलक दिखा रही हैं, जो डिजिटल पेमेंट्स को और आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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साझेदारी का बड़ा ऐलान: AI और UPI का अनोखा मेल

9 अक्टूबर को घोषित इस साझेदारी ने डिजिटल इंडस्ट्री में हलचल मचा दी है। OpenAI के इंटरनेशनल स्ट्रैटेजी के मैनेजिंग डायरेक्टर ओलिवर जे ने कहा, “हम NPCI के साथ मिलकर एआई को दुनिया के सबसे भरोसेमंद रीयल-टाइम पेमेंट नेटवर्क UPI से जोड़ने को उत्साहित हैं। इससे सुरक्षित और सहज कॉमर्स का नया दौर शुरू होगा।” यह पायलट प्रोग्राम एआई एजेंट्स को स्वायत्त रूप से लेन-देन करने की क्षमता देगा, लेकिन यूजर कंट्रोल में। 

NPCI, जो UPI का संचालन करता है, हर महीने 20 अरब से ज्यादा ट्रांजेक्शन्स हैंडल करता है। इस साझेदारी में रेजरपे फाइनेंशियल टूल्स मुहैया करा रहा है, जबकि एक्सिस बैंक और एयरटेल पेमेंट्स बैंक जैसे बैंकिंग पार्टनर्स पायलट को सपोर्ट कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत की डिजिटल इकोनॉमी को ग्लोबल स्तर पर मजबूत करेगा, जहां एआई चैटबॉट्स पहले से ही कस्टमर सर्विस में क्रांति ला चुके हैं। हालांकि, अभी यह सीमित यूजर्स के लिए टेस्टिंग फेज में है, ताकि सिक्योरिटी और यूजर एक्सपीरियंस की जांच हो सके।

ChatGPT’s UPI Revolution

ChatGPT में शॉपिंग कैसे होगी आसान?

कल्पना कीजिए: आप ChatGPT से पूछते हैं, “मुझे दूध, ब्रेड और सब्जियां चाहिए।” एआई न सिर्फ सुझाव देगा, बल्कि बिगबास्केट से सीधे ऑर्डर प्लेस कर देगा और UPI से पेमेंट भी कंफर्म हो जाएगा। यह ‘एजेंटिक एआई’ तकनीक पर आधारित है, जो बातचीत को ट्रांजेक्शन में बदल देती है। रेजरपे के प्लेटफॉर्म से पेमेंट गेटवे इंटीग्रेट होगा, जबकि NPCI UPI का रीयल-टाइम वैलिडेशन सुनिश्चित करेगा।

पायलट में यूजर्स को वॉयस या टेक्स्ट कमांड्स से प्रोडक्ट सर्च, कार्ट ऐड और चेकआउट सब कुछ चैट में ही मिलेगा। लेकिन प्राइवेसी का ध्यान रखा गया है, ट्रांजेक्शन डेटा एन्क्रिप्टेड रहेगा और यूजर को हर स्टेप पर अप्रूवल की जरूरत पड़ेगी। इंडस्ट्री एनालिस्ट्स कहते हैं कि यह फीचर छोटे व्यापारियों के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है, क्योंकि चैटबॉट्स सेल्स को पर्सनलाइज्ड बना देंगे। फिलहाल, यह सुविधा एंड्रॉयड और आईओएस ऐप्स पर टेस्ट हो रही है, लेकिन विस्तार की योजना बन रही है।

बिगबास्केट पहला प्लेटफॉर्म: किराने की खरीदारी में नया ट्विस्ट

टाटा ग्रुप की BigBasket इस पायलट की स्टार बन चुकी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स ChatGPT से ही ग्रॉसरी लिस्ट बनाकर डिलीवरी शेड्यूल कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर, अगर आप हेल्दी ऑप्शन्स चाहें, तो एआई आपके पिछले ऑर्डर्स के आधार पर सुझाव देगा और UPI से पेमेंट ले लेगा। बिगबास्केट के प्रवक्ता ने कहा कि इससे कस्टमर एंगेजमेंट बढ़ेगा और चेकआउट ड्रॉप-ऑफ रेट कम होगा। 

यह भारत के ई-कॉमर्स मार्केट के लिए महत्वपूर्ण है, जहां ग्रॉसरी सेगमेंट तेजी से बढ़ रहा है। अन्य प्लेटफॉर्म्स जैसे अमेजन या फ्लिपकार्ट भी जल्द जुड़ सकते हैं, लेकिन बिगबास्केट की शुरुआत से लोकल मार्केट को बूस्ट मिलेगा। यूजर्स को फायदा? समय की बचत और कन्वीनियंस, खासकर बिजी लाइफस्टाइल में।

bigbasket

AI पेमेंट्स की अनलिमिटेड संभावनाएं

अगर यह पायलट सफल रहा, तो ChatGPT जैसी एआई टूल्स ई-कॉमर्स को पूरी तरह बदल देंगी। टेकक्रंच की रिपोर्ट बताती है कि भारत अब ChatGPT के अलावा गूगल के जेमिनी और एंथ्रोपिक के क्लॉड जैसे अन्य चैटबॉट्स के साथ भी इसी तरह के पायलट चला रहा है। इससे एआई-ड्रिवन कॉमर्स ग्लोबल स्टैंडर्ड बन सकता है। 

NPCI के चेयरमैन दिलीप आसवाले ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में कहा कि एआई UPI को और स्मार्ट बनाएगा। लेकिन चुनौतियां भी हैं, जैसे साइबर सिक्योरिटी, डेटा प्राइवेसी और रेगुलेटरी अप्रूवल्स। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2026 तक यह फीचर मास मार्केट में आ सकता है, जिससे डिजिटल ट्रांजेक्शन्स और तेज होंगे।

AI Payment

NPCI की अन्य इनोवेशन्स: UPI का नया दौर

इस साझेदारी के अलावा, NPCI ने फिनटेक फेस्ट में कई नई सुविधाएं अनाउंस कीं। एआई-बेस्ड UPI हेल्प, जो स्मॉल लैंग्वेज मॉडल पर चलता है, यूजर्स को पेमेंट्स, मंडेट्स और डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन में मदद करेगा। आइओटी पेमेंट्स से कारें, वियरेबल्स और स्मार्ट टीवी जैसे डिवाइसेस से ट्रांजेक्शन संभव होंगे। वहीं, UPI रिजर्व पे से यूजर्स क्रेडिट लिमिट ब्लॉक मैनेज कर सकेंगे। 

ये पहल भारत को डिजिटल पेमेंट्स का हब बनाने की दिशा में मजबूत कदम हैं। कुल मिलाकर, OpenAI-NPCI की यह पार्टनरशिप न सिर्फ टेक्नोलॉजी को नया आयाम देगी, बल्कि आम आदमी की जिंदगी को और डिजिटल फ्रेंडली बना देगी। क्या आप तैयार हैं इस नई क्रांति के लिए? 

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