ChatGPT का कमाल या बवाल? फर्जी ID पर सवाल
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में OpenAI का ChatGPT एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह मजेदार नहीं, बल्कि चिंताजनक है। जहां एक तरफ इंटरनेट पर लोग ChatGPT के जरिए जापानी स्टूडियो घिबली स्टाइल की तस्वीरें बनाकर सोशल मीडिया पर धूम मचा रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस नए AI टूल का इस्तेमाल फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाने के लिए कर रहे हैं। इस खुलासे ने साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आखिर ChatGPT इतनी आसानी से सरकारी पहचान पत्रों की नकल कैसे कर रहा है? और इससे बचने के लिए आपको क्या करना चाहिए? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
सोशल मीडिया पर मचा हड़कंप
पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई यूजर्स ने ChatGPT से बने फर्जी आधार और पैन कार्ड की तस्वीरें शेयर की हैं। इनमें से कुछ तस्वीरें तो इतनी वास्तविक लगती हैं कि पहली नजर में इन्हें असली समझने की भूल हो सकती है। एक यूजर ने लिखा, “ChatGPT आधार कार्ड की तस्वीरें बना सकता है, लेकिन असली सवाल ये है कि इसे आधार की ट्रेनिंग डेटा कहां से मिला?” इस सवाल ने लोगों के मन में शंका पैदा कर दी कि क्या AI कंपनियां हमारी निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल कर रही हैं।

वहीं, कुछ यूजर्स ने मजाक में OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन और टेस्ला के मालिक एलन मस्क के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाए, जिनमें QR कोड और वैध दिखने वाले आधार नंबर तक शामिल थे। एक अन्य यूजर ने लिखा, “भाई, ChatGPT ने कुछ सेकंड में फर्जी पैन कार्ड बना दिया। सोचिए, अगर ये तकनीक गलत हाथों में पड़ गई तो आधार, पैन, सब कुछ नकली बन सकता है। ये कमाल भी है और डरावना भी।”
ChatGPT कैसे बना रहा फर्जी ID?
ChatGPT का नया वर्जन GPT-4o, अब पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट हो गया है। इसमें बिल्ट-इन इमेज जेनरेशन की सुविधा है, जिसके जरिए यह टेक्स्ट कमांड्स को फॉलो करके बेहद सटीक और विस्तृत तस्वीरें बना सकता है। पहले OpenAI DALL-E जैसे बाहरी मॉडल्स पर निर्भर था, लेकिन अब GPT-4o एक ऑटोरेग्रेसिव मॉडल के तौर पर काम करता है, जो इसे पहले से ज्यादा खतरनाक और उपयोगी बनाता है।

OpenAI ने खुद माना है कि यह नई तकनीक जोखिमों से भरी है। कंपनी ने एक बयान में कहा, “DALL-E एक डिफ्यूजन मॉडल था, लेकिन GPT-4o का इमेज जेनरेशन सिस्टम ChatGPT के अंदर ही मौजूद है। यह नई क्षमताएं लाता है, लेकिन साथ ही नए खतरे भी। ये जोखिम पहले के मॉडल्स में नहीं थे।” यूजर्स का दावा है कि बस कुछ आसान कमांड्स जैसे “एक आधार कार्ड बनाओ, नाम XYZ, पता ABC” देने से ChatGPT कुछ ही सेकंड में फर्जी ID तैयार कर देता है।
भारत के लिए क्यों है खतरा?
भारत में आधार और पैन कार्ड दो सबसे महत्वपूर्ण पहचान पत्र हैं। आधार को यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) जारी करता है, जबकि पैन कार्ड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से मिलता है। ये दोनों दस्तावेज बैंक खाते खोलने, टैक्स फाइल करने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जरूरी हैं। अगर कोई इनका नकली वर्जन बना लेता है, तो साइबर क्राइम, पहचान की चोरी और वित्तीय धोखाधड़ी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
एक यूजर ने चेतावनी दी, “ChatGPT फर्जी आधार और पैन कार्ड तुरंत बना रहा है। ये गंभीर सुरक्षा खतरा है। AI को कुछ हद तक रेगुलेट करना जरूरी है।” विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस तकनीक का दुरुपयोग बढ़ा, तो यह न सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है।

फर्जी ID से कैसे बचें?
अब सवाल ये है कि आप असली और नकली आधार या पैन कार्ड में फर्क कैसे करेंगे? कुछ आसान तरीकों से आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं:
- फोटो की जांच करें: सबसे पहले आधार कार्ड पर लगी पासपोर्ट साइज फोटो देखें। AI से बनी तस्वीरों में कभी-कभी छोटी-मोटी खामियां होती हैं। हो सकता है कि फोटो असली से थोड़ी अलग दिखे या पूरी तरह बदल दी गई हो।
- फॉन्ट का मिलान करें: असली आधार कार्ड पर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे टेक्स्ट के फॉन्ट एक जैसे होते हैं। AI से बने कार्ड में फॉन्ट, स्पेसिंग या स्टाइल में अंतर हो सकता है।
- सिंटैक्स पर ध्यान दें: आधार कार्ड की संरचना में कोलन (:), स्लैश (/) और कॉमा (,) जैसे चिह्नों की जगह फिक्स होती है। फर्जी कार्ड में ये छोटी-छोटी गलतियां दिख सकती हैं।
- लोगो की बारीकी देखें: आधार और भारत सरकार के लोगो को ध्यान से जांचें। AI से बने कार्ड में इनके डिजाइन, स्पेसिंग या साफ-सफाई में कमी हो सकती है।
- QR कोड स्कैन करें: असली आधार कार्ड पर QR कोड होता है, जिसे स्कैन करने पर आपकी जानकारी वेरिफाई होती है। अगर QR कोड नहीं है या स्कैन करने पर कुछ नहीं होता, तो कार्ड फर्जी है।
- ऑनलाइन वेरिफिकेशन: UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (uidai.gov.in) या MyAadhaar पोर्टल पर जाकर आधार नंबर चेक करें। अगर नंबर फर्जी है, तो साइट आपको “वैध नंबर डालें” का मैसेज देगी। असली नंबर पर “Aadhaar Verification Completed” का पेज खुलेगा।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि AI का ये दुरुपयोग नया नहीं है, लेकिन ChatGPT की आसानी और सटीकता इसे खतरनाक बनाती है। एक विशेषज्ञ ने कहा, “AI को रेगुलेट करना जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही लोगों को जागरूक करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।” UIDAI ने भी साफ किया है कि असली आधार कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा होता है, जिसे AI कॉपी नहीं कर सकता। फिर भी, सतर्कता बरतना जरूरी है।
ChatGPT की नई इमेज जेनरेशन तकनीक ने जहां क्रिएटिविटी को नई ऊंचाइयां दी हैं, वहीं इसके गलत इस्तेमाल ने सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाना न सिर्फ गैरकानूनी है, बल्कि ये समाज के लिए बड़ा खतरा भी है। ऐसे में सरकार, AI कंपनियों और आम लोगों को मिलकर इस समस्या का हल निकालना होगा।
आप भी सावधान रहें, अपने दस्तावेजों की जांच करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। क्या आपकी पहचान सुरक्षित है? ये सवाल अब हर किसी के लिए जरूरी हो गया है।