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प्रदेश डेस्क: उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावण (Chandrashekhar Azad Ravan) पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाने वाली इंदौर की पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी का विवाद अब चरम पर पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड में रहने वाली रोहिणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सांसद को ‘कायर’ और ‘नौटंकीबाज’ बताते हुए धमकी दी है। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी को टैग कर पूछा कि सांसद को क्यों बचाया जा रहा है। रोहिणी ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने शादी का झांसा देकर उनका शोषण किया और अब उनकी जिंदगी बर्बाद हो चुकी है।
दूसरी ओर, सांसद के प्रतिनिधि ने रोहिणी के एक वीडियो को लेकर उन पर ही एफआईआर दर्ज कराई है। यह मामला न सिर्फ निजी रिश्तों का है, बल्कि राजनीतिक साजिश के आरोपों से भी घिर गया है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने शिकायत दर्ज की है, लेकिन दिल्ली पुलिस पर कार्रवाई न करने का इल्जाम लग रहा है। आइए, इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं।
विवाद की शुरुआत
यह कहानी 2019 से शुरू होती है, जब इंदौर के बीमा अस्पताल में सफाईकर्मी की बेटी रोहिणी घावरी स्विट्जरलैंड में हायर एजुकेशन के लिए गईं। मध्य प्रदेश सरकार की एक करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप पर जिनेवा यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने वाली रोहिणी दलित-बहुजन मुद्दों पर सक्रिय हैं। वे जनपावर वेलफेयर फाउंडेशन चलाती हैं और संयुक्त राष्ट्र में भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। पढ़ाई के दौरान ही उनका संपर्क चंद्रशेखर रावण से हुआ, जो तब भीम आर्मी के प्रमुख थे।
रोहिणी के मुताबिक, जून 2021 से दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई। चंद्रशेखर ने खुद को अविवाहित बताकर शादी का भरोसा दिया। रोहिणी ने उनके राजनीतिक अभियानों में मदद की, भारत आने पर दिल्ली के होटलों और द्वारका स्थित घर पर बुलाया गया। उन्होंने दावा किया कि चंद्रशेखर ने कई बार शारीरिक संबंध बनाए, लेकिन 2022 के यूपी चुनाव के दौरान पता चला कि वे पहले से शादीशुदा हैं। रिश्ता तोड़ने पर चंद्रशेखर ने खुदकुशी की धमकी दी और ‘बहुजन आंदोलन छोड़ दूंगा’ कहकर ब्लैकमेल किया। रोहिणी ने कहा, “उन्होंने मेरे विश्वास का दुरुपयोग किया, मुझे ‘रखैल’ जैसे शब्दों से नवाजा। इससे मैं डिप्रेशन में चली गई और दो बार सुसाइड का प्रयास किया।”
तीन महीने पहले जून 2025 में रोहिणी ने एक्स पर पोस्ट कर आरोप लगाए। उन्होंने चंद्रशेखर के साथ चैट्स, वीडियो कॉल्स और गिफ्ट्स (50-50 हजार रुपये के) के स्क्रीनशॉट शेयर किए। दावा किया कि चंद्रशेखर ने न सिर्फ उनका, बल्कि कई अन्य लड़कियों का शोषण किया। रोहिणी ने कहा, “मैंने गरीब चंद्रशेखर को पसंद किया था, सांसद को नहीं। उन्होंने मुझे इस्तेमाल किया और अब बीजेपी का सहारा लेकर बच रहे हैं।” यह विवाद तब तूल पकड़ा जब रोहिणी ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज की। आयोग ने मामला स्वीकार किया और जांच शुरू की।

रोहिणी की न्याय की गुहार
विवाद जून से चला आ रहा है, लेकिन 24 सितंबर 2025 को रोहिणी ने एक्स पर सुसाइड की धमकी दी। उन्होंने चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की फोटो शेयर कर लिखा, “मेरा जीवन बर्बाद कर खुशियां मना रहा है। आज तेरे नाम पर जहर खाऊंगी। तूने मुझे खत्म कर दिया। मेरी लाश भारत मत लाना।” दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में रोहिणी ने रोते हुए कहा, “मैंने दिल्ली कमिश्नर से कई बार मुलाकात की, सबूत दिए। एयरपोर्ट थाने ने जांच की, लेकिन चंद्रशेखर के प्रभाव में कोई कार्रवाई नहीं। ऊपर से ऑर्डर नहीं आया, ऐसा कहा जाता है। देश में पीड़िता को न्याय के लिए मरना पड़ता है।”
रोहिणी ने 26 सितंबर को एक और आक्रामक पोस्ट किया: “मर्दों वाली लड़ाई लड़ कायर, गृहमंत्री के पीछे मत छिप। नौटंकीबाज मुझसे दारू की बॉटल्स स्विट्जरलैंड से मंगाता था। बीजेपी क्यों बचा रही? तुझे मार के मरूंगी।” उन्होंने एक फोटो शेयर की, जिसमें चंद्रशेखर कथित तौर पर नशे में दिख रहे हैं। रोहिणी ने दावा किया कि चंद्रशेखर ने उन्हें भावनात्मक रूप से तोड़ा और अब सिस्टम उन्हें न्याय नहीं दे रहा। उन्होंने पीएम मोदी, गृहमंत्री शाह और संयुक्त राष्ट्र को टैग कर गुहार लगाई। एनसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा, लेकिन अभी तक एफआईआर नहीं हुई। रोहिणी ने कहा, “मैं यूनाइटेड नेशंस के मंच से अपनी आवाज उठाऊंगी।”
चंद्रशेखर की चुप्पी
चंद्रशेखर रावण ने आरोपों पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कहा। उनके प्रतिनिधि विवेक सेन ने 26 सितंबर को बिजनौर के धामपुर कोतवाली में रोहिणी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया, “रोहिणी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें सांसद ग्रीन टी पी रहे हैं, लेकिन इसे शराब बताकर छवि बर्बाद की। इससे मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो।” भीम आर्मी ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। चंद्रशेखर ने कहा, “सारे आरोपों का कोर्ट में जवाब दूंगा।” उनके समर्थक रोहिणी को ‘नौटंकीबाज’ बता रहे हैं और कहते हैं कि यह लोकसभा चुनाव के बाद का बदला है।

राजनीतिक हलचल: साजिश या न्याय की लड़ाई?
यह विवाद राजनीतिक रंग ले चुका है। रोहिणी ने बीजेपी पर सांसद को बचाने का आरोप लगाया, जबकि चंद्रशेखर के समर्थक इसे विपक्ष की चाल बताते हैं। मायावती और अन्य दलित नेताओं ने चुप्पी साधी है। एनसीडब्ल्यू ने जांच के आदेश दिए, लेकिन पुलिस की सुस्ती पर सवाल उठ रहे हैं। रोहिणी ने कहा, “देश में ताकतवरों के आगे बेटियां हार जाती हैं।” मामला कोर्ट में पहुंच चुका है, जहां सच्चाई सामने आ सकती है। यह न सिर्फ दो लोगों का विवाद है, बल्कि महिला सुरक्षा और राजनीतिक नैतिकता का सवाल भी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।