प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले (Cabinet Decisions) लिए गए, जो देश के कर्मचारियों, किसानों और शिक्षा क्षेत्र को सीधा लाभ पहुंचाएंगे। त्योहारों के मौसम से ठीक पहले सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। इसके अलावा शिक्षा, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी गई है। ये फैसले न केवल आर्थिक मजबूती देंगे बल्कि लाखों लोगों की जिंदगी को आसान बनाएंगे। आइए, इन फैसलों की विस्तार से जानते हैं।
महंगाई भत्ते में 3% की बढ़ोतरी, कर्मचारियों को मिलेगा एरियर
कैबिनेट ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। अब DA 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो जाएगा। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से लागू होगी, जिसका मतलब है कि कर्मचारियों को जुलाई से सितंबर तक के तीन महीनों का एरियर भी मिलेगा। इस फैसले से लगभग 49.2 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 68.7 लाख पेंशनधारकों को फायदा होगा। सरकार के खजाने पर इससे सालाना 10,084 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
DA महंगाई के खिलाफ कर्मचारियों की रक्षा करता है और यह ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) पर आधारित होता है। मार्च में हुई 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद यह दूसरा इजाफा है, जो त्योहारों से पहले कर्मचारियों के लिए बड़ा राहत पैकेज साबित होगा। एक सामान्य कर्मचारी की बेसिक सैलरी पर इसका सीधा असर पड़ेगा, जैसे 60,000 रुपये की बेसिक सैलरी वाले को अब 34,800 रुपये DA मिलेगा।

57 नए केंद्रीय विद्यालयों को हरी झंडी, 86 हजार छात्रों को लाभ
शिक्षा क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट ने 57 नए केंद्रीय विद्यालयों (KV) को मंजूरी दी है। ये विद्यालय 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खोले जाएंगे, जिनमें से 7 गृह मंत्रालय के अधीन होंगे और बाकी 50 राज्य सरकारों द्वारा संचालित किए जाएंगे। खास बात यह है कि 20 विद्यालय ऐसे जिलों में स्थापित होंगे जहां पहले से कोई KV नहीं है। इस प्रोजेक्ट पर 5,862.55 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जो 2026-27 से नौ सालों में पूरा होगा। इससे 86 हजार से ज्यादा छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी।
केंद्रीय विद्यालय केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए जाते हैं, लेकिन अब ये ग्रामीण इलाकों में भी पहुंच बढ़ाएंगे। यह फैसला नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बालवाटिका जैसी योजनाओं को मजबूत करेगा।

दालों में आत्मनिर्भरता के लिए 11,440 करोड़ की मिशन
कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए सरकार ने दालों में आत्मनिर्भरता मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन पर 11,440 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा। लक्ष्य है कि 2030-32 तक दालों का उत्पादन 350 लाख टन तक पहुंचाना, जो वर्तमान 242 लाख टन से काफी ज्यादा है।
पीएम आशा गारंटी योजना के तहत दालों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद की सीमा को 45,000 करोड़ से बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और आयात पर निर्भरता कम होगी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दाल उत्पादक है, लेकिन फिर भी आयात करता है। यह योजना किसानों के लिए तूर, उड़द और मसूर जैसी दालों में नए अवसर पैदा करेगी।
गेहूं के MSP में 160 रुपये की वृद्धि, किसानों को राहत
कैबिनेट ने 2026-27 के लिए रबी फसलों के MSP में बढ़ोतरी की है, जिसमें गेहूं का MSP 160 रुपये बढ़ाकर 2,585 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह 6.59 प्रतिशत की वृद्धि है। पिछले साल 2025-26 के लिए यह 2,425 रुपये था। अन्य फसलों में सरसों में 250 रुपये, चना में 225 रुपये, जौ में 170 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने 2025-26 के लिए गेहूं उत्पादन का लक्ष्य 11.9 करोड़ टन रखा है। यह फैसला किसानों की आय बढ़ाने और महंगाई नियंत्रण में मदद करेगा। विपक्षी दलों ने MSP में और ज्यादा बढ़ोतरी की मांग की है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह संतुलित कदम है।
NH-715 का चौड़ीकरण, असम में इंफ्रा को बूस्ट
इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने असम में NH-715 के कालियाबोर-नुमालीगढ़ सेक्शन को फोर-लेन बनाने को मंजूरी दी है। यह 86 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट 6,957 करोड़ रुपये का है और तेजपुर से झांजी को जोड़ेगा। खास बात यह है कि काजीरंगा नेशनल पार्क के पास होने से इसमें वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय जैसे एलिवेटेड रोड और अंडरपास शामिल हैं। इससे मानव-वन्यजीव संघर्ष कम होगा और परिवहन आसान बनेगा। असम के केंद्रीय मंत्री सरबानंद सोनोवाल ने इस फैसले का स्वागत किया है।
बायोमेडिकल रिसर्च प्रोग्राम का तीसरा फेज
स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कैबिनेट ने बायोमेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम (BRCP) के तीसरे फेज को मंजूरी दी है। इस पर 1,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे और यह 2025-26 से 2030-31 तक चलेगा। पहले दो फेज में 2,388 करोड़ रुपये खर्च कर 721 अनुदान दिए गए थे। तीसरे फेज में 401 रिसर्चरों को समर्थन मिलेगा, जिसमें 192 फेलोशिप, 106 अनुदान और 103 रिसर्च मैनेजमेंट शामिल हैं। यह कार्यक्रम युवा वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग देगा और भारत की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करेगा। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इससे स्वास्थ्य सेवा में नई ऊर्जा आएगी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।