तुर्की और अज़रबैजान के पाकिस्तान समर्थन पर भारत में गुस्सा
प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली: तुर्की (Turkey) और अज़रबैजान (Azerbaijan) द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के पक्ष में दिए गए बयानों के बाद भारत में इन दोनों देशों के प्रति व्यापक नाराजगी देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

क्या है मामला?
हाल ही में तुर्की और अज़रबैजान द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों के बाद भारत में इन दोनों देशों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है। सोशल मीडिया पर #BoycottTurkeyAzerbaijan ट्रेंड कर रहा है और भारतीय लोग इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करने लगे हैं।
भारतीय ट्रैवल कंपनियों की सख्त प्रतिक्रिया
EaseMyTrip, Ixigo, और Cox & Kings जैसी प्रमुख भारतीय ट्रैवल कंपनियों ने तुर्की और अज़रबैजान के लिए सभी टूर पैकेज और बुकिंग्स को निलंबित कर दिया है। EaseMyTrip ने ग्राहकों को इन देशों की अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।

पर्यटन उद्योग पर संभावित आर्थिक प्रभाव
2023 में तुर्की में भारतीय पर्यटकों की संख्या में 20.7% की वृद्धि हुई थी और अज़रबैजान में 2.43 लाख भारतीय पर्यटक गए थे। हालांकि, अब इन देशों के पाकिस्तान के समर्थन के चलते भारत में इनका बहिष्कार हो रहा है, जिससे इन देशों की पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
सोशल मीडिया पर बहिष्कार की लहर
सोशल मीडिया पर #BoycottTurkey और #BoycottAzerbaijan जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। लोग इन देशों की यात्रा का बहिष्कार करने का आह्वान कर रहे हैं और ट्रैवल एजेंसियों को बुकिंग्स कैंसिल किए जाने के कॉल भी मिल रहे हैं।

भारतीय पर्यटकों के लिए वैकल्पिक गंतव्य
तुर्की और अज़रबैजान के बहिष्कार के बीच, ग्रीस जैसे देश भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
एक ग्रीक इन्फ्लुएंसर ने भारतीय पर्यटकों को ग्रीस आने का निमंत्रण दिया है और वहां की विशेष व्यंजनों को साझा किया है।

दिव्यांशु सिंह यूनिफाइड भारत के एक शोधपरक और तथ्य-संवेदनशील कंटेंट राइटर हैं, जो सरकारी नौकरियों, रक्षा समाचार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर विशेषज्ञता रखते हैं। उनके लेख सरकारी परीक्षाओं, नियुक्तियों और नीतिगत बदलावों को सरलता से समझाते हैं, जो लाखों युवाओं के लिए भरोसेमंद सूचना का स्रोत हैं। रोजगार और सामाजिक स्थिरता के लिए सटीक जानकारी देने के साथ-साथ वह रक्षा और अंतरराष्ट्रीय राजनीति जैसे जटिल विषयों को सहज भाषा में प्रस्तुत करने के लिए समर्पित हैं।