प्रमुख बिंदु-
Bihar Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। अक्टूबर-नवंबर में होने वाले इस महासंग्राम के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला लगभग तय कर लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया दिल्ली दौरे के बाद NDA के घटक दलों के बीच 243 विधानसभा सीटों के बंटवारे पर अंतिम सहमति बन गई है। सूत्रों के अनुसार, जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 102 सीटें, भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 101 सीटें और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) यानी LJP(R) को 20 सीटें मिलने की संभावना है। हालांकि, आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन इस बंटवारे ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है।
NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला
NDA गठबंधन ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए कई दौर की बैठकों के बाद यह फॉर्मूला तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक, JDU और BJP के बीच कांटे की टक्कर रही, क्योंकि दोनों दल बराबर हिस्सेदारी चाहते थे। आखिरकार, JDU को 102 और BJP को 101 सीटें देने पर सहमति बनी। यह बंटवारा 2020 के विधानसभा चुनाव से अलग है, जहां BJP ने 110 और JDU ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार JDU को नीतीश कुमार के नेतृत्व और उनकी जमीनी पकड़ के चलते एक-दो सीटें ज्यादा मिली हैं।

चिराग पासवान की LJP(R) ने 40 सीटों की मांग की थी, लेकिन गठबंधन में उन्हें 20 सीटें ही मिली हैं। वहीं, HAM और RLM को 10-10 सीटें दी गई हैं, जो उनकी क्षेत्रीय ताकत और जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखकर तय की गई हैं। NDA जल्द ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी आधिकारिक घोषणा कर सकता है, लेकिन कौन सी पार्टी किन सीटों पर लड़ेगी, इस पर अभी मंथन जारी है।
2020 से कितना बदला समीकरण?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA में चार दल थे। उस समय BJP ने 110 सीटों पर चुनाव लड़कर 74 सीटें जीती थीं, जबकि JDU ने 115 सीटों पर लड़कर 43 सीटें हासिल की थीं। HAM ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा और 4 सीटें जीतीं, जबकि VIP ने 11 सीटों पर लड़कर 4 सीटें जीतीं। इस बार NDA में पांच दल हैं और LJP(R) के शामिल होने से समीकरण बदले हैं।
2020 की तुलना में BJP की 9 और JDU की 13 सीटें कम हुई हैं। इन सीटों को LJP(R), HAM और RLM में बांटा गया है। खास बात यह है कि 2020 में LJP ने अकेले 135 सीटों पर चुनाव लड़ा था और JDU को कई सीटों पर नुकसान पहुंचाया था। इस बार चिराग पासवान NDA के साथ हैं, जिससे गठबंधन को मजबूती मिलने की उम्मीद है।

सहयोगी दलों की मांगें
2024 के लोकसभा चुनाव में LJP(R) ने 5 सीटों पर शत-प्रतिशत स्ट्राइक रेट के साथ जीत हासिल की थी। इस प्रदर्शन के आधार पर चिराग ने 40 सीटों की मांग की थी, लेकिन उन्हें 20 सीटें ही मिली हैं। सूत्रों का कहना है कि चिराग की पार्टी को दलित और पासवान समुदाय के प्रभाव वाली सीटें दी जाएंगी। जीतन राम मांझी की HAM ने 2020 में 7 सीटों पर लड़कर 4 सीटें जीती थीं। इस बार उन्हें 10 सीटें मिली हैं, जो मांझी के मुसहर समुदाय में प्रभाव और मगध क्षेत्र की उनकी जमीनी पकड़ को दर्शाता है।
वहीं उपेंद्र कुशवाहा की RLM2020 में थर्ड फ्रंट के साथ थी और एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। इस बार NDA में शामिल होकर उन्हें 10 सीटें मिली हैं, जो उनके कोइरी समुदाय के प्रभाव को ध्यान में रखकर दी गई हैं। और 2020 में NDA का हिस्सा रही मुकेश सहनी की VIP अब महागठबंधन में है। सूत्रों के अनुसार, VIP 60 सीटों की मांग कर रही है, लेकिन इसका NDA के बंटवारे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
नीतीश कुमार होंगे CM फेस
NDA ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में पेश किया है। JDU नेताओं का कहना है कि नीतीश की जमीनी पकड़ और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) में उनकी लोकप्रियता गठबंधन की जीत की कुंजी होगी। BJP ने भी नीतीश के नेतृत्व को समर्थन दिया है, लेकिन चिराग पासवान के कुछ बयानों ने सियासी हलचल मचाई है। चिराग के समर्थकों का कहना है कि उन्हें भविष्य में बड़ी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए, जिसे दबाव की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
NDA की रणनीति इस बार जातिगत समीकरणों और क्षेत्रीय प्रभाव को ध्यान में रखकर उम्मीदवारों का चयन करने की है। BJP और JDU के बीच कुछ सीटों की अदला-बदली भी हो सकती है, ताकि जीत की संभावना बढ़े।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।