प्रमुख बिंदु-
पटना, 24 जुलाई 2025: बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) के मॉनसून सत्र के चौथे दिन जोरदार हंगामा देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों पर गंभीर आरोप लगाए। तेजस्वी ने बताया कि सदन में उनके संबोधन के दौरान BJP विधायकों ने न केवल उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, बल्कि उनके माता-पिता और बहन को भी गालियां दीं। उन्होंने यह भी दावा किया कि BJP विधायक संजय सिंह ने माइक तोड़कर उन पर हमला करने की कोशिश की, जिसे RJD विधायकों ने रोक लिया। इस घटना ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया और बिहार की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया।
तेजस्वी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “लगातार हमारे भाषण को बाधित करने की कोशिश की जा रही थी। मेरे माता-पिता और बहन को गालियां दी गईं, लेकिन मैंने संयम बरता। BJP विधायक जनक सिंह ने अभद्र टिप्पणियां कीं और संजय सिंह ने माइक तोड़कर मुझ पर फेंकने की कोशिश की। अगर RJD विधायक नहीं रोकते, तो हालात और बिगड़ सकते थे।” उन्होंने स्पीकर से इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग निकालने की मांग की ताकि सच सामने आ सके।
#WATCH | Patna | Following ruckus in the Bihar Assembly today, RJD leader Tejashwi Yadav says, "During my speech in the Assembly today, their ministers, Deputy CM, MLAs kept making statements in the middle. Today, it was proved that one deputy is a foul-mouthed and another is a… pic.twitter.com/HWoMGlxas6
— ANI (@ANI) July 24, 2025
विवाद का मुख्य कारण SIR
यह पूरा विवाद स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लेकर शुरू हुआ। तेजस्वी यादव ने SIR प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) बिना जांच के फॉर्म पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, जिससे वोटरों के नाम गलत तरीके से काटे जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा, “11 तरह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, लेकिन आम आदमी के पास इतने दस्तावेज कहां? आधार कार्ड और राशन कार्ड को मान्य क्यों नहीं किया गया?”
सदन में तेजस्वी के संबोधन के दौरान डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के साथ उनकी तीखी नोकझोंक हुई। तेजस्वी ने पत्रकारों पर एफआईआर को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और पूछा, “पत्रकार पर FIR कराने वाले आप कौन होते हैं?” इस बयान पर डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भड़क उठे। उन्होंने तीखे अंदाज में पलटवार करते हुए कहा, “जिसका बाप अपराधी है, वो क्या बोलेगा. चल हट लुटेरा हो-लुटेरा…” जवाब में तेजस्वी ने भी तंज कसते हुए कहा, “ज्यादा जोर से बोलोगे तो गीला हो जाएगा.” जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच धक्कामुक्की और मारपीट की नौबत आ गई।
तेजस्वी- आपकी सरकार ने ईमानदार पत्रकार (अजीत अंजुम) पर FIR करवा दिया
— अंकित मिश्र चंचल (@ankitprayaag) July 24, 2025
सम्राट- आप क्या बोलेंगे, जिसका बाप अपराधी है pic.twitter.com/wKyziRQL8j
विधानसभा अध्यक्ष ने किया हस्तक्षेप
हंगामे की तीव्रता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सदन की कार्यवाही को कई बार स्थगित किया। पहले दोपहर 2 बजे तक और फिर शाम 4 बजे तक कार्यवाही रोक दी गई। नंद किशोर यादव ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन हालात बेकाबू हो गए। मार्शलों को बीच में आकर विधायकों को अलग करना पड़ा। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के विधायक ही सदन में व्यवधान पैदा कर रहे हैं, जो लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है।
Bihar Assembly में नया तनाव
इस घटना ने बिहार की राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है। तेजस्वी ने कहा कि BJP और उनके सहयोगी दल सच सुनने की हिम्मत खो चुके हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि सत्ता पक्ष विपक्ष की आवाज दबाना चाहता है। दूसरी ओर, BJP विधायकों ने तेजस्वी के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि RJD विधायक सदन में अराजकता फैला रहे हैं।

सदन के बाहर भी दोनों पक्षों के विधायकों के बीच तीखी झड़पें देखने को मिलीं। RJD विधायक मुकेश कुमार रौशन ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा, “उनके इशारे पर BJP विधायकों ने यह गुंडागर्दी की।” इस बीच, विपक्ष ने SIR के खिलाफ अपना विरोध तेज करने और विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की धमकी दी है।
यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि SIR और वोटर वेरिफिकेशन का मुद्दा बिहार की सियासत में पहले से ही गरम है। तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।


राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।