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दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनावों की सरगर्मी में भोजपुरी सिनेमा के पावरस्टार पवन सिंह (Pawan Singh) ने एक बार फिर राजनीतिक पटल पर धमाल मचा दिया है। मंगलवार को दिल्ली पहुंचे पवन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर अपनी ‘घर वापसी’ के संकेत दे दिए। बिहार भाजपा प्रभारी विनोद तावड़े ने साफ कहा, ‘पवन सिंह हमेशा से भाजपा के साथ थे और रहेंगे।’ यह कदम न सिर्फ एनडीए को मजबूत करेगा, बल्कि शाहाबाद क्षेत्र की 22 सीटों पर बड़ा असर डाल सकता है।
दिल्ली की तीन बड़ी मुलाकातें
मंगलवार सुबह पवन सिंह की दिल्ली यात्रा शुरू हुई राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा के आवास से। विनोद तावड़े और बिहार भाजपा के प्रदेश महासचिव ऋतुराज सिन्हा के साथ पहुंचे पवन ने कुशवाहा को गले लगाया और पैर छुए। यह मुलाकात पुराने मतभेदों को दूर करने वाली थी, जिसकी पुष्टि तावड़े ने बाद में की।

इसके बाद पवन सीधे गृह मंत्रालय पहुंचे, जहां अमित शाह से करीब 30 मिनट तक बातचीत हुई। मुलाकात के दौरान पवन ने शाह को पारंपरिक बिहारी गमछा भेंट किया। बाहर निकलते वक्त पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने मुस्कुराते हुए हाथ जोड़कर चुप्पी साध ली।

शाम को भाजपा मुख्यालय में जेपी नड्डा से मिले पवन ने उन्हें शॉल ओढ़ाई। ये मुलाकातें बिहार चुनाव से ठीक पहले एनडीए की रणनीति का हिस्सा लग रही हैं, जहां पवन की लोकप्रियता को हथियार बनाया जा सकता है।

कुशवाहा से पुरानी रंजिश का अंत
2024 लोकसभा चुनाव में पवन सिंह का राजनीतिक सफर विवादों से घिरा था। भाजपा ने उन्हें पहले आसनसोल (पश्चिम बंगाल) से टिकट दिया, लेकिन बाद में वापस ले लिया। नाराज पवन ने बिहार की काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरने का फैसला किया। यहां एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को मैदान में उतारा था, लेकिन पवन की वजह से वोट बंट गए और कुशवाहा हार गए। इस हार के लिए कुशवाहा ने पवन को जिम्मेदार ठहराया था।
सोमवार को पटना में तावड़े और सिन्हा से मिले पवन ने दिल्ली में इस रंजिश को खत्म करने का मन बना लिया। कुशवाहा के घर पर हुई गर्मजोशी भरी बातचीत ने साफ संकेत दिया कि अब दोनों एकजुट होकर एनडीए के लिए काम करेंगे। पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने हाल ही में आरा में कहा था, ‘पवन के साथ अन्याय हुआ था। उन्हें भाजपा में लौटना चाहिए।’ यह सुलह शाहाबाद के राजपूत-कोएरी वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश नजर आ रही है।

आरा से टिकट की अटकलें
बिहार चुनावों से पहले पवन सिंह की एंट्री एनडीए के लिए मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकती है। सूत्र बताते हैं कि पवन आरा विधानसभा सीट से एनडीए के टिकट पर उतर सकते हैं। भोजपुरी बेल्ट में उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है, जो युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं को लुभा सकती है। शाहाबाद क्षेत्र की 22 सीटें हमेशा से भाजपा के लिए चुनौती रही हैं। 2024 में काराकाट के अलावा बक्सर और सासाराम में भी एनडीए को नुकसान हुआ था।
पवन की वापसी से यहां का समीकरण बदल सकता है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, ‘पवन हमेशा से गठबंधन का हिस्सा थे।’ वहीं, विपक्षी खेमे में हलचल है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर तंज कसा कि ‘भाजपा में ऐसे हीरो ही फिट बैठते हैं।’ पवन की मौजूदगी से एनडीए को न सिर्फ वोट मिलेंगे, बल्कि भोजपुरी इंडस्ट्री के जरिए प्रचार का नया आयाम भी खुलेगा।
रियलिटी शो छोड़ते समय कहा था- ‘जनता मेरा भगवान’
पवन सिंह का राजनीतिक उत्साह हाल ही में रियलिटी शो ‘राइज एंड फॉल’ छोड़ने से झलकता है, जिसे बिजनेस टाइकून अशनीर ग्रोवर होस्ट कर रहे थे। शो से बाहर आते हुए पवन ने कहा, ‘मेरी जनता ही मेरा भगवान है। चुनाव के समय उनका साथ देना मेरा फर्ज है।’ यह बयान उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को उजागर करता है। भोजपुरी स्टार के रूप में करोड़ों फैंस वाले पवन पहले से ही बिहार की सियासत में सक्रिय हैं।

सोशल मीडिया पर उनकी वापसी को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ यूजर्स उनकी पुरानी विवादास्पद हरकतों का जिक्र कर रहे हैं, तो कुछ एनडीए की रणनीति की तारीफ कर रहे हैं। कुल मिलाकर, पवन की यह ‘पावर मूव’ बिहार चुनाव को और रोमांचक बना देगी। क्या वे आरा से धमाल मचाएंगे? आने वाले दिनों में साफ होगा।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।