प्रमुख बिंदु-
Bareilly Violence: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद ने शुक्रवार को हिंसक रूप धारण कर लिया। जुमे की नमाज के बाद सैकड़ों लोग बैनर लेकर सड़कों पर उतर आए। सदर कोतवाली, प्रेगनगर और बारादरी जैसे तीन थाना क्षेत्रों में पथराव हुआ। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। छतों और खिड़कियों से भी पत्थर फेंके गए। मौलाना तौकीर रजा को नजरबंद कर दिया गया है। आसपास के जिलों से भारी फोर्स बुलाई गई।
बरेली में क्या हुआ
बरेली में तनाव तब चरम पर पहुंचा जब इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आईएमसी) के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड में प्रदर्शन की अपील की। उनका कहना था कि कानपुर की एफआईआर गलत है और मुसलमानों को अपने पैगंबर के प्रति आस्था जताने का हक है। नमाज शांतिपूर्ण रही, लेकिन सदर कोतवाली, प्रेगनगर और बारादरी इलाकों में जुमे की नमाज के बाद हालात बिगड़ गए। मुस्लिम समाज के लोग ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लेकर इस्लामिया मैदान की ओर बढ़े। खलील स्कूल के पास शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। अल्लाहु अकबर के नारे लगे और पथराव शुरू हो गया।

पुलिस ने तुरंत लाठीचार्ज किया।। लाठीचार्ज से स्थिति काबू में आई, लेकिन भगदड़ में कई लोग जख्मी हो गए। डीआईजी ने कहा कि नमाज में कोई दिक्कत नहीं थी, बस प्रदर्शन अनुमति के बिना था।

विवाद की शुरुआत
‘आई लव मोहम्मद’ का मुद्दा 4 सितंबर को कानपुर के रावतपुर इलाके से शुरू हुआ। बारावफात के जुलूस के दौरान मुस्लिम युवाओं ने सड़क पर ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर लगाए। हिंदू संगठनों ने इसे नई परंपरा बताकर विरोध कियातो पुलिस ने जुलूस में नई प्रथा शुरू ना करने को कहते हुए टेंट हटा दिया। अब टेंट हटा तो पोस्टर भी हट गया।
पुलिस के टेंट हटवाने की कार्रवाई से जुलूस में शामिल लोग नाराज हो गए। भीड़ आगे बढ़ी तो दूसरे पक्ष के कुछ धार्मिक पोस्टर्स को फाड़ने लगी। अचानक बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने लोगों को हटाया और एक FIR दर्ज कर दी। इसमें 9 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
यह विवाद उन्नाव, वाराणसी, लखनऊ, काशीपुर और हैदराबाद तक फैल गया। बरेली में तो हाल ही में आजम नगर में बच्चों की क्रिकेट बॉल पोस्टर पर लगने से दो समुदायों की महिलाओं के बीच झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने आपसी समझौता कर लिया, लेकिन तनाव बना रहा।
क्या बोला था मौलाना तौकीर रजा ने?
मौलाना तौकीर रजा ने कहा था कि अगर मुसलमानों के साथ हो रहे अन्याय नहीं रुके तो मुसलमान सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी या बुजदिली न समझा जाए। जिस दिन मुसलमान हमारे नियंत्रण से बाहर हो गए, हालात गंभीर हो जाएंगे। हम भारत को श्रीलंका और नेपाल नहीं बनने देंगे। मगर, नेपाल से ज्यादा आक्रोश भारत की जनता में सरकार के प्रति है, जिस दिन लोग सड़कों पर आ गए सरकार संभाल नहीं पाएगी। इसके लिए जिम्मेदार कौन होगा?

पुलिस कार्रवाई और सुरक्षा इंतजाम
पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। मौलाना तौकीर रजा को उनके आवास पर ही हिरासत में ले लिया गया। पूरे शहर में फ्लैग मार्च निकाला गया। आरएएफ, पीएसी और स्थानीय फोर्स की तैनाती बढ़ा दी गई। बाजारों को बंद कराया गया और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई। ड्रोन से निगरानी की जा रही है। कुछ जगहों पर सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट मिलने पर जांच शुरू हो गई है।

बरेली में “I Love मोहम्मद” विवाद के बाद जुम्मा की नमाज़ को लेकर चारों जिलों बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत में खास अलर्ट जारी किया गया है। डीआईजी अजय साहनी ने स्पष्ट कहा है कि कानून हाथ में लेने की किसी को इजाज़त नहीं दी जाएगी और शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखते हुए नमाज़ पढ़कर सीधे घर जाने की अपील की। डीआईजी खुद सड़कों पर फ्लैग मार्च कर हालात का जायज़ा ले रहे हैं। सभी जिलों के एसपी को कड़े निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी उपद्रव पर तुरंत कार्रवाई हो.
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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