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रायपुर: बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पश्चिम बंगाल में अपनी प्रस्तावित हनुमान कथा को रद्द कर दिया है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में चल रही कथा के दौरान उन्होंने साफ कहा कि ममता बनर्जी यानी ‘दीदी‘ के सत्ता में रहते वे बंगाल का रुख नहीं करेंगे। ‘दादा’ जब सत्ता संभालेंगे, तब जाकर कथा का आयोजन होगा। यह बयान राजनीतिक हलचल मचा रहा है, क्योंकि शास्त्री ने इसे धर्म के खिलाफ साजिश करार दिया।
बंगाल कथा रद्द: बारिश का बहाना
कोलकाता में 10 से 12 अक्टूबर तक हनुमान कथा का भव्य आयोजन तय था। लाखों श्रद्धालु इंतजार कर रहे थे, लेकिन अचानक बारिश की वजह से स्थल पर पानी भर गया और स्थानीय प्रशासन ने परमिशन रद्द कर दी। शास्त्री ने रायपुर में पत्रकारों से कहा, “हमने थैंक यू बोल दिया। लेकिन दूसरी जगह परमिशन ही नहीं मिल रही। दीदी के इशारे पर सब रुक गया।” उनका इशारा साफ था- ममता बनर्जी सरकार पर।
पिछले कुछ महीनों में बंगाल में धार्मिक आयोजनों पर सवाल उठे हैं। मुरशिदाबाद हिंसा और महाकुंभ पर ममता के बयानों के बाद शास्त्री पहले भी निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा, “धर्म के खिलाफ जाना ठीक नहीं। हम सनातन के पक्ष में हैं, न कि किसी राजनीति के।” बंगाल बीजेपी ने इसे सरकार की असहिष्णुता बताया है, जबकि टीएमसी ने इसे मौसम की मार करार दिया।

रायपुर कथा: हिंदुत्व की जागृति का आह्वान
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 4 से 8 अक्टूबर तक चल रही हनुमान कथा में शास्त्री ने हिंदुत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हिंदुओं को गुलामी की आदत पड़ गई है। बार-बार जगाना पड़ता है।” धर्मांतरण पर उनकी राय साफ- “अपनी इच्छा से हो तो दिक्कत नहीं, लेकिन जबरदस्ती गलत है।”
कथा के दूसरे दिन उन्होंने जोर देकर कहा कि पूजा-पाठ के अलावा अधर्म के खिलाफ आवाज उठाना भी धर्म है। “घंटी बजाना, तिलक लगाना ही सबकुछ नहीं। विधर्मियों की साजिशों का मुकाबला करना जरूरी है।” रायपुर के गुड़ीयारी मैदान पर हजारों श्रद्धालु जुटे। स्थानीय लोगों का कहना है कि शास्त्री की बातें युवाओं को जोड़ रही हैं। एक श्रद्धालु ने बताया, “उनकी कथा से हिंदुत्व की एकता मजबूत हो रही है।” कथा के दौरान ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर भी टिप्पणी की- “इसमें कुछ बुरा नहीं, लेकिन सनातन की रक्षा प्राथमिक है।” यह कथा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक जागृति का मंच बन रही है।

बागेश्वर धाम में VIP संस्कृति का अंत
नवरात्रि साधना पूरी होने के बाद बागेश्वर धाम में बड़ा बदलाव आया है। शास्त्री ने घोषणा की कि अब VIP और VVIP सिफारिशकर्ताओं से मुलाकात बंद। गुरु सन्यासी बाबा की फटकार पर यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा, “गुरु जी ने कहा कि VIP प्रोटोकॉल से गरीब-असहाय श्रद्धालुओं की पीड़ा अनसुनी रह जाती है। अब प्राथमिकता सच्चे भक्तों को।”
केन नदी किनारे व्रत समापन के बाद दिव्य दरबार लगाया गया। हर गुरुवार भक्तों से मुलाकात और भभूति वितरण होगा, लेकिन सिफारिश वालों को अलग समय। VIP अगर बिना सिफारिश आएं, तो उन्हें भी जगह मिलेगी, लेकिन पहले मरीज और दूर-दराज के लोग। यह कदम धाम को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में है। समर्थकों का मानना है कि इससे धाम की छवि और मजबूत होगी।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
