RBI के नए नियम से आपकी जेब पर कितना पड़ेगा असर?
प्रमुख बिंदु-
मुंबई, 3 मई 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के प्रस्ताव के आधार पर ATM लेनदेन के लिए नए नियम लागू किए हैं, जो 1 मई 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। इन नियमों के तहत, अगर आप अपने बैंक के अलावा किसी अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, तो आपको अब ज्यादा शुल्क देना होगा। यह बदलाव उन ग्राहकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करेगा जो बार-बार ATM का उपयोग करते हैं या जिनके अपने बैंक के ATM तक आसान पहुंच नहीं है। आइए, इस नए नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

नए नियम: कितना बढ़ा शुल्क?
RBI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार, अन्य बैंकों के ATM से पैसे निकालने की फीस 21 रुपये से बढ़ाकर 23 रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है। इसके अलावा, बैलेंस चेक करने की फीस भी 7 रुपये से बढ़कर 9 रुपये हो गई है। ये शुल्क तब लागू होंगे जब आप अपने मासिक मुफ्त लेनदेन की सीमा को पार कर लेंगे। मेट्रो शहरों (जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई) में ग्राहकों को प्रति माह 5 मुफ्त लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों) मिलेंगे, जबकि गैर-मेट्रो क्षेत्रों में यह सीमा केवल 3 मुफ्त लेनदेन की है।
कई बैंकों जैसे HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और इंडसइंड बैंक ने अपने ग्राहकों को इन बदलावों के बारे में पहले ही सूचित करना शुरू कर दिया है। PNB ने बताया कि 9 मई 2025 से गैर-वित्तीय लेनदेन (जैसे बैलेंस चेक) के लिए 11 रुपये का शुल्क लगेगा।

बैंकों ने दी जानकारी, ग्राहकों को सलाह
HDFC बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और इंडसइंड बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को नए शुल्क के बारे में सूचित करना शुरू कर दिया है। HDFC बैंक ने स्पष्ट किया है कि उसके अपने ATM पर गैर-वित्तीय लेनदेन (जैसे बैलेंस पूछताछ, मिनी स्टेटमेंट) मुफ्त रहेंगे, लेकिन नकद निकासी पर फ्री लिमिट के बाद 23 रुपये + टैक्स देना होगा। PNB ने कहा है कि 9 मई 2025 से गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए 11 रुपये और वित्तीय लेनदेन के लिए 23 रुपये शुल्क लागू होगा। बैंकों ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे अपने लेनदेन की संख्या पर नजर रखें और डिजिटल बैंकिंग का उपयोग बढ़ाएं।

क्यों बढ़ाई गई फीस?
RBI और NPCI के अनुसार, यह फीस वृद्धि ATM संचालन की बढ़ती लागत को कवर करने के लिए जरूरी थी। इसमें ATM की मेंटेनेंस, नकदी प्रबंधन, और तकनीकी उन्नयन जैसी लागतें शामिल हैं। खासकर व्हाइट-लेबल ATM (WLA) ऑपरेटर, जो बैंकों से स्वतंत्र रूप से ATM सेवाएं प्रदान करते हैं, ने इस वृद्धि की मांग की थी। RBI का कहना है कि यह कदम ATM बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और छोटे बैंकों को समर्थन देने के लिए उठाया गया है।
हालांकि, उपभोक्ता अधिकार समूहों ने इस फैसले की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह अतिरिक्त शुल्क आम लोगों, खासकर निम्न और मध्यम वर्ग, पर बोझ डालेगा। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जहां डिजिटल सुविधाएं सीमित हैं, यह ग्राहकों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।

ग्राहकों पर क्या होगा असर?
नए नियमों का असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा होगा जो बार-बार ATM का उपयोग करते हैं। मेट्रो शहरों में 5 मुफ्त लेनदेन और गैर-मेट्रो क्षेत्रों में 3 मुफ्त लेनदेन की सीमा जल्दी खत्म हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो छोटी-छोटी राशि बार-बार निकालते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप मेट्रो शहर में रहते हैं और 5 बार से ज्यादा अन्य बैंक के ATM से पैसे निकालते हैं, तो हर बार 23 रुपये + GST देना होगा। इसी तरह, बैलेंस चेक करने पर 9 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लगेगा।
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा गर्म है। कुछ यूजर्स का कहना है कि यह डिजिटल इंडिया के दावों के खिलाफ है, क्योंकि बैंकिंग सेवाओं को और महंगा किया जा रहा है।

कैसे बचें अतिरिक्त शुल्क से?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि ग्राहक कुछ आसान तरीकों से इन अतिरिक्त शुल्कों से बच सकते हैं:
- अपने बैंक के ATM का उपयोग करें: अपने बैंक के ATM से 5 मुफ्त लेनदेन का पूरा लाभ उठाएं।
- डिजिटल बैंकिंग अपनाएं: UPI, मोबाइल बैंकिंग, या ऑनलाइन ट्रांसफर का उपयोग करें।
- कम बार, ज्यादा राशि निकालें: छोटी-छोटी राशि निकालने के बजाय एक बार में ज्यादा पैसे निकालें।
- बैलेंस चेक ऑनलाइन करें: मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग से बैलेंस चेक करें ताकि ATM की फीस बचे।

RBI का कहना है कि ये बदलाव ATM सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी हैं, लेकिन ग्राहकों को अपनी आदतों में बदलाव लाना होगा। क्या आप इन नए नियमों से प्रभावित होंगे? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।