Trump के टैरिफ को चकमा देने के लिए Apple ने भरी हवा में उड़ान: 3 दिन में 5 प्लेन भरकर अमेरिका भेजे लाखों iPhones

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ट्रंप की टैरिफ नीति से पहले Apple का बड़ा मूव: 3 दिन में भारत-चीन से उड़ाए 5 कार्गो प्लेन, लाखों iPhones अमेरिका पहुंचाए

Technology: मार्च के आखिरी हफ्ते में Apple ने एक ऐसा दांव चला जिसने America-China ट्रेड वॉर की गर्मी को कुछ समय के लिए ठंडा कर दिया। डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) सरकार की नई टैरिफ नीति लागू होने से पहले, Apple ने सिर्फ 3 दिन में भारत और चीन से पांच हवाई जहाजों में लाखों iPhones अमेरिका भेज दिए। यह सब हुआ ट्रंप की 5 अप्रैल से लागू होने वाली 10% इम्पोर्ट टैरिफ नीति को देखते हुए।

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“ऑपरेशन स्टॉक फाइल”: टैरिफ से पहले Apple ने बढ़ाई रफ्तार, फैक्ट्रियों से एयरलिफ्ट तक मचा दिया हड़कंप

सूत्रों के मुताबिक, Apple को जैसे ही इस टैरिफ की भनक लगी, कंपनी ने “ऑपरेशन स्टॉक फाइल” शुरू किया। भारत और चीन की फैक्ट्रियों में दिन-रात प्रोडक्शन चला, ट्रकों की लंबी कतारें लगीं और लगातार उड़ान भरते विमानों से अमेरिका में iPhones की बाढ़ आ गई। टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए एक सीनियर इंडियन ऑफिसर ने कहा, यह सब इतनी तेजी से हुआ कि किसी को अंदाजा ही नहीं लगा।

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भारत बना Apple का नया फोकस: चीन पर 54% टैक्स की मार, भारत से सिर्फ 27% में iPhone एक्सपोर्ट

इस रणनीति के तहत एप्पल को बड़ा फायदा हुआ। क्योंकि जो iPhones अमेरिका में पहुंचे, उन पर पुराना और कम टैक्स रेट लागू हुआ। इसका मतलब ये कि कंपनी फिलहाल अमेरिका और बाकी देशों में iPhone की कीमतें नहीं बढ़ाएगी। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।

9 अप्रैल से ट्रंप सरकार ने टैरिफ को और कड़ा करते हुए कुछ उत्पादों पर 27% टैक्स और चीन से आने वाले स्मार्टफोन्स पर 54% टैक्स लगा दिया। वहीं भारत से आने वाले फोन्स पर सिर्फ 27% टैक्स है।

इस बड़े फर्क ने भारत को एप्पल की रणनीति में नया फोकस बना दिया है। कंपनी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को तेज़ी से बढ़ा रही है। पिछले साल भारत से अमेरिका को करीब 9 अरब डॉलर के स्मार्टफोन्स एक्सपोर्ट हुए, जिनमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी Apple की थी।

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अब सवाल ये है—क्या स्टॉक फाइलिंग हमेशा कारगर रहेगी?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये सिर्फ टेम्पररी समाधान है। अगर टैरिफ और बढ़े, तो एप्पल को अपनी पूरी सप्लाई चेन को रीशेप करना पड़ सकता है।

फिलहाल इतना तय है कि भारत अब Apple का सेफेस्ट बेट बनता जा रहा है, और कंपनी America-China तनाव के बीच भारत को एक मजबूत विकल्प के तौर पर देख रही है।

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