प्रमुख बिंदु-
अमरोहा: उत्तर प्रदेश के अमरोहा (Amroha) जिले के औद्योगिक शहर गजरौला में सोमवार रात को एक भयानक हादसा हो गया। वेस्ट क्रॉप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्लांट से जहरीली गैस का रिसाव होने से पूरा इलाका धुंध और धुएं से भर गया। लोग सांस लेने में हांफने लगे, आंखों में तेज जलन हुई और अफरा-तफरी मच गई। इस घटना ने लोगों को भोपाल गैस त्रासदी की याद दिला दी, जहां एक छोटी सी लापरवाही ने हजारों जिंदगियां तबाह कर दी थीं। रात साढ़े दस बजे शुरू हुए इस हादसे ने स्थानीय लोगों को रातभर सताया।
क्या हुआ अमरोहा में?
गजरौला का इंडस्ट्रियल एरिया पेस्टिसाइड्स और केमिकल्स का बड़ा केंद्र है। यहां वेस्ट क्रॉप प्राइवेट लिमिटेड कंपनी शाम की शिफ्ट में काम कर रही थी। रात करीब साढ़े दस बजे अचानक प्लांट के एक स्टोरेज टैंक से जहरीली गैस लीक होने लगी। कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी घबरा गए। कुछ ने तुरंत अलार्म बजाया, लेकिन गैस का रिसाव इतना तेज था कि रोक पाना मुश्किल हो गया। कंपनी की अपनी फायर ब्रिगेड टीम ने कोशिश की, मगर सफलता नहीं मिली।

गैस तेजी से फैलने लगी और देखते ही देखते नाईपुरा, अल्लीपुर, सुल्तान नगर, लक्ष्मी नगर, अतरपुरा, बसंत विहार जैसे आसपास के मोहल्लों तक पहुंच गई। सड़कों पर धुआं छा गया, जिससे रास्ते से गुजर रही गाड़ियां रुक गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गैस की गंध इतनी तेज थी कि घरों के दरवाजे-खिड़कियां बंद करने के बावजूद जहर हवा में घुल गया। यह कंपनी पेस्टिसाइड्स बनाती है, इसलिए रिसाव की गैस में हानिकारक केमिकल्स होने की आशंका है।

रात के सन्नाटे में लोगों पर हुआ भयावह असर
यह हादसा रात के सन्नाटे में हुआ, जब ज्यादातर परिवार सोने की तैयारी कर रहे थे। अचानक गले में जलन, आंखों में खुजली और सांस फूलने लगी। महिलाएं-बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। नाईपुरा की रहने वाली रानी देवी ने बताया, “हम सो रहे थे, तभी गले में कुछ अटक गया। बाहर निकले तो धुआं हर तरफ। बच्चे रोने लगे, सांस ही नहीं आ रही थी।” अल्लीपुर के मोहल्ले में दर्जनों लोग सड़क पर जमा हो गए। कईयों ने मुंह पर रुमाल बांध लिया, लेकिन जलन रुकने का नाम नहीं ले रही थी।
सुबह तक करीब 50 से ज्यादा लोग अस्वस्थ महसूस कर रहे थे। गंभीर लक्षणों वाले मरीजों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, यह गैस श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को। शहर के आधे हिस्से में धुंध छाई रही, जिससे लोग घरों से बाहर नहीं निकल पाए। स्थानीय व्यापारी राकेश कुमार ने कहा, “यह भोपाल की तरह न हो जाए, डर लग रहा है।”

शिकायत मिलते ही प्रशासन आया हरकत में
जैसे ही शिकायत मिली, स्थानीय लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को कॉल किया। रात 11 बजे तक फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। एडीएम गरिमा सिंह और एसडीएम धनौरा विभा श्रीवास्तव ने खुद फैक्ट्री का गेट खुलवाकर अंदर जाकर हालात का जायजा लिया। दो 108 एम्बुलेंस और दो दमकल वाहन तैनात कर दिए गए। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने बताया, “आज रात करीब साढ़े नौ बजे गजरौला थाना क्षेत्र में गोदाम में आग लगने की घटना हुई। गोदाम में कच्चा माल रखा हुआ है। कंपनी कृषि रसायन उत्पाद बनाती है। सूचना मिलने पर पुलिस और अग्निशमन दल तुरंत मौके पर पहुँचे। एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया है…”

फायर ब्रिगेड ने रिसाव वाले टैंक को सील करने की कोशिश की, लेकिन गैस का दबाव ज्यादा होने से थोड़ी मुश्किल हुई। सुबह तक हालात पर काबू पा लिया गया। पुलिस ने इलाके को घेराबंदी कर दी और लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी जांच के लिए रवाना हो चुकी है।
स्थानीय ने लगाए गंभीर आरोप
स्थानीय लोग फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पहले भी छोटे-मोटे रिसाव की शिकायतें हुई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुस्साए लोगों ने फैक्ट्री गेट पर एक घंटे तक हंगामा किया और तत्काल कार्रवाई की मांग की।
प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पूरी जांच के बाद दोषियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि फैक्ट्री की सुरक्षा उपकरण पुराने हो सकते हैं। यह घटना एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर रही है। फिलहाल, लोगों को मास्क लगाने और घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। शहर में तनाव का माहौल बना हुआ है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
