प्रमुख बिंदु-
Amit Shah on Operation Mahadev: 29 जुलाई 2025 को, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में ऑपरेशन महादेव की सफलता की जानकारी दी, जिसमें श्रीनगर के दाचीगाम जंगल में 28 जुलाई को तीन आतंकवादी मारे गए। उन्होंने बताया कि ये वही आतंकवादी थे, जिन्होंने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में बैसारन घाटी में हुए भयानक हमले को अंजाम दिया था। शाह ने कहा, “हमारी सेनाओं ने पक्के सबूतों के साथ इन आतंकवादियों की पहचान की और उन्हें मार गिराया। मैं सुरक्षा बलों को बधाई देता हूं।” ऑपरेशन महादेव भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस का संयुक्त अभियान था, जिसने आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को फिर से साबित किया।
All 3 terrorists neutralised in #OperationMahadev were behind the Pahalgam terror attack:- HM Amit Shah.
— DrVinushaReddy (@vinushareddyb) July 29, 2025
That ends the drama.
Facts > Fake narratives. pic.twitter.com/NXPWAKCn4e
Operation Mahadev में तीन आतंकवादि ढेर
28 जुलाई 2025 को, भारतीय सुरक्षा बलों ने श्रीनगर के बाहरी इलाके में दाचीगाम जंगल में ऑपरेशन महादेव के तहत तीन आतंकवादियों को मार गिराया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ये वही आतंकवादी थे, जिन्होंने पाहलगाम हमले को अंजाम दिया था। मारे गए आतंकवादियों की पहचान सुलेमान शाह उर्फ हाशिम मूसा, अफगान, और जिबरान के रूप में हुई। सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का एक ‘ए’ श्रेणी का कमांडर था, जिसने न केवल पाहलगाम हमले की साजिश रची, बल्कि अक्टूबर 2024 में सोनमर्ग टनल हमले में भी शामिल था, जिसमें सात लोग मारे गए थे।

ऑपरेशन महादेव की शुरुआत 22 मई को हुई थी, जब खुफिया सूचना मिली कि कुछ आतंकवादी दाचीगाम के जंगलों में छिपे हैं। इसके बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने 14 दिनों तक लगातार निगरानी और तलाशी अभियान चलाया। 26 जुलाई को एक चीनी सैटलाइट फोन से संदिग्ध संचार का पता चला, जिसके आधार पर आतंकवादियों का ठिकाना ट्रैक किया गया। 28 जुलाई को सुबह 11:30 बजे, 24 राष्ट्रीय राइफल्स और 4 पैरा की टीम ने आतंकवादियों को एक तंबू में आराम करते हुए पाया और तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें मार गिराया।

सबूतों ने की पहचान पक्की
अमित शाह ने लोकसभा में बताया कि आतंकवादियों की पहचान की पुष्टि कई स्तरों पर की गई। हमले के बाद, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दो स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्होंने आतंकवादियों को खाना और आश्रय दिया था। इन लोगों ने मारे गए आतंकवादियों की पहचान की। इसके अलावा, पाहलगाम हमले के स्थल से बरामद कारतूसों का बैलिस्टिक विश्लेषण किया गया, जो चंडीगढ़ की एक प्रयोगशाला में भेजे गए। मारे गए आतंकवादियों से बरामद तीन राइफलें—एक अमेरिकी एम4 कार्बाइन और दो एके-47—के कारतूसों का मिलान 100% पाया गया।
इसके साथ ही, आतंकवादियों के पास से बरामद सामान, जैसे पाकिस्तानी वोटर आईडी नंबर और पाकिस्तान में बनी चॉकलेट, ने उनके पाकिस्तानी मूल की पुष्टि की। शाह ने कहा कि ये सबूत स्पष्ट करते हैं कि हमला एक सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा था, जिसमें पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और लश्कर-ए-तैयबा शामिल थे।

विपक्ष पर अमित शाह का हमला
लोकसभा में अपने भाषण के दौरान, अमित शाह ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस, पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाहलगाम हमले में शामिल आतंकवादी “स्थानीय” हो सकते हैं और पाकिस्तान का इसमें कोई सबूत नहीं है। शाह ने कहा, “हमारे पास सबूत हैं कि ये आतंकवादी पाकिस्तान से आए थे। उनके पास पाकिस्तानी वोटर आईडी और चॉकलेट तक थीं। चिदंबरम का यह बयान पाकिस्तान को बचाने की साजिश को दर्शाता है।”
शाह ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव पर भी तंज कसा, कहते हुए कि उन्हें आतंकवादियों की धार्मिक पहचान पर दुखी होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे इस सफलता पर खुशी जताएं, क्योंकि यह देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। शाह ने कहा, “मुझे उम्मीद थी कि जब मैं यह खबर साझा करूंगा, तो सभी खुश होंगे, लेकिन विपक्ष उदास दिख रहा है।”
ऑपरेशन सिन्दूर: आतंकी ढांचे पर चोट
पाहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया, जिसमें 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। इनमें लश्कर-ए-तैयबा का मुरिदके और जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय शामिल थे। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के जरिए आतंकवादियों के आकाओं को सबक सिखाया गया, जबकि ऑपरेशन महादेव ने पाहलगाम हमले के प्रत्यक्ष दोषियों को खत्म किया।
भारत ने इन हमलों को सावधानीपूर्वक और गैर-उत्तेजक तरीके से अंजाम दिया, ताकि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को निशाना न बनाया जाए। इस ऑपरेशन को विपक्षी नेताओं, जैसे शिव सेना (यूबीटी) की प्रियंका चतुर्वेदी और राजद के तेजस्वी यादव, ने भी सराहा।

पाहलगाम हमले और ऑपरेशन महादेव ने एक बार फिर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को रेखांकित किया। अमित शाह ने लोकसभा में कहा, “हमने यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी भागकर पाकिस्तान न जा सकें। हमारी सेनाओं ने दिन-रात मेहनत की और अंततः सफलता हासिल की।” उन्होंने देशवासियों को आश्वासन दिया कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ हर कदम उठाएगी और दोषियों को कहीं भी छिपने नहीं देगी।
इस ऑपरेशन ने न केवल पाहलगाम हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाया, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत अपनी सुरक्षा और नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए कितना प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अब अतिरिक्त सुरक्षा उपाय कर रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। इस बीच, देश की जनता और सुरक्षा बलों की एकजुटता ने आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।