तमिलनाडु में हलचल! बीजेपी-AIADMK गठबंधन की धमाकेदार वापसी, नैनार नागेंद्रन सम्हालेंगे बीजेपी की कमान!

BJP AIADMK alliance

अमित शाह की बैठक के बाद, 2026 में DMK को टक्कर देने की तैयारी!

चेन्नई, 11 अप्रैल 2025: तमिलनाडु की सियासत में आज एक नया अध्याय शुरू हुआ, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चेन्नई में ऐलान किया कि AIADMK और भाजपा 2026 के विधानसभा चुनाव में एक साथ मिलकर लड़ेंगे। इस गठबंधन की कमान AIADMK महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पाडी के. पलानीस्वामी (EPS) के हाथों में होगी। इसके साथ ही, बीजेपी ने तिरुनेलवेली से विधायक नैनार नागेंद्रन को निर्विरोध तमिलनाडु बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है, जो के. अन्नामलाई की जगह लेंगे।

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बीजेपी-AIADMK गठबंधन की वापसी

सितंबर 2023 में टूटे गठबंधन के बाद यह पहला मौका है, जब बीजेपी और AIADMK ने फिर से हाथ मिलाया है। 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों को अलग-अलग लड़ने की वजह से भारी नुकसान हुआ था, जिसके बाद यह गठबंधन दोनों के लिए रणनीतिक रूप से जरूरी हो गया। अमित शाह ने चेन्नई में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “बीजेपी और AIADMK, NDA के बैनर तले, तमिलनाडु में DMK की भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए एकजुट होंगे। यह गठबंधन तमिलनाडु की जनता के हित में है और इसे EPS के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।”

नैनार नागेंद्रन: नए बीजेपी अध्यक्ष

नैनार नागेंद्रन, जो 2017 में AIADMK छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, उनको तमिलनाडु बीजेपी का 13वां अध्यक्ष चुना गया है। तिरुनेलवेली से विधायक और थेवर समुदाय के प्रभावशाली नेता नागेंद्रन का AIADMK के साथ पुराना रिश्ता उन्हें इस गठबंधन के लिए एक मजबूत कड़ी बनाता है। उन्होंने 2001-2006 तक जयललिता सरकार में परिवहन, उद्योग और बिजली जैसे अहम मंत्रालय संभाले थे। 2021 में बीजेपी के टिकट पर तिरुनेलवेली सीट जीतने के बाद उन्हें विधानसभा में बीजेपी का विधायक दल नेता बनाया गया था।

Nainar Nagendran

नागेंद्रन की नियुक्ति को बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें दक्षिणी तमिलनाडु में थेवर समुदाय के वोटों को मजबूत करना और AIADMK के साथ बेहतर तालमेल सुनिश्चित करना शामिल है।

अन्नामलाई की नई भूमिका

पूर्व बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई, जिनके कुछ बयानों की वजह से AIADMK के साथ तनाव बढ़ा था, अब पार्टी में नई जिम्मेदारी निभाएंगे। शाह ने कहा, “अन्नामलाई ने तमिलनाडु में बीजेपी को मजबूत करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उनकी संगठनात्मक क्षमता का इस्तेमाल अब राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा।” सूत्रों के मुताबिक, अन्नामलाई को युवाओं और जमीनी कार्यकर्ताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी दी जा सकती है, ताकि गठबंधन को और मजबूती मिले।

EPS

क्यों जरूरी है यह गठबंधन?

2021 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी-AIADMK गठबंधन ने अच्छा प्रदर्शन किया था, जिसमें बीजेपी ने चार सीटें और AIADMK ने 66 सीटें जीती थीं। लेकिन अन्नामलाई के कुछ विवादास्पद बयानों, खासकर AIADMK के दिग्गज नेताओं सी.एन. अन्नादुराई और जे. जयललिता के खिलाफ टिप्पणियों ने गठबंधन को तोड़ दिया था। 2024 के लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों का खराब प्रदर्शन इस बात का सबूत था कि DMK के खिलाफ मजबूत विपक्ष के लिए एकता जरूरी है।

अमित शाह ने DMK पर निशाना साधते हुए कहा, “DMK सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है और तमिल संस्कृति व भाषा की अनदेखी कर रही है। बीजेपी तमिलनाडु की जनता और उनकी परंपराओं का सम्मान करती है। यह गठबंधन DMK के कुशासन को खत्म करेगा।”

Amit Shah Chennai

आगे की राह और चुनौतियां

यह गठबंधन तमिलनाडु में चार-पक्षीय मुकाबले की ओर इशारा करता है, जिसमें DMK, बीजेपी-AIADMK गठबंधन, विजय की तमिलगा वेट्री कड़गम (TVK), और अन्य छोटे दल शामिल हो सकते हैं। विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी और AIADMK का एकजुट होना DMK के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है, खासकर पश्चिमी और दक्षिणी तमिलनाडु में, जहां दोनों पार्टियों की मजबूत मौजूदगी है।

हालांकि, गठबंधन के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। AIADMK ने हाल ही में भाषा नीति और परिसीमन जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना की थी, जिसे लेकर दोनों पार्टियों को एकमत होना होगा। इसके अलावा, अभिनेता विजय की TVK पार्टी युवा वोटरों को अपनी ओर खींच सकती है, जिसका असर गठबंधन की रणनीति पर पड़ सकता है।

क्या कहते हैं जानकार?

राजनीतिक विश्लेषक प्रियन का कहना है, “बीजेपी और AIADMK का गठबंधन DMK के लिए खतरे की घंटी है, लेकिन दोनों पार्टियों को स्थानीय मुद्दों पर एकजुट होकर काम करना होगा। नैनार नागेंद्रन की नियुक्ति से दक्षिणी तमिलनाडु में बीजेपी को फायदा मिलेगा, लेकिन अन्नामलाई की लोकप्रियता का भी इस्तेमाल जरूरी है।”

बीजेपी-AIADMK गठबंधन और नैनार नागेंद्रन की नियुक्ति से तमिलनाडु की सियासत में नया जोश आ गया है। 2026 के चुनावों में यह गठबंधन DMK को कितनी टक्कर दे पाएगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन फिलहाल तमिलनाडु की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर तय है। क्या यह गठबंधन तमिलनाडु में नया इतिहास रचेगा? नजरें अब इस पर टिकी हैं।


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