प्रमुख बिंदु-
Voter Adhikar Yatra: बिहार की सियासी जमीन पर विपक्षी गठबंधन ने अपनी ताकत का जोरदार प्रदर्शन किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मिलकर सारण जिले के एकमा में ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के 14वें दिन एक ऐतिहासिक रोड शो किया। यह यात्रा, जो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में कथित गड़बड़ियों के खिलाफ शुरू की गई, अब जनता के बीच जोश और एकजुटता का प्रतीक बन चुकी है। राहुल सांकृत्यायन की कर्मभूमि एकमा में तीनों नेताओं की मौजूदगी ने न केवल विपक्षी एकता को मजबूत किया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और चुनाव आयोग पर भी तीखा हमला बोला।
एकमा में ऐतिहासिक रोड शो
शनिवार सुबह एकमा से शुरू हुआ यह मेगा रोड शो छपरा होते हुए भोजपुर जिले के आरा तक पहुंचा। राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव एक खुली जीप में सवार होकर सड़कों पर उतरे, जहाँ उनके स्वागत में हजारों समर्थक उमड़ पड़े। राहुल गांधी सफेद टी-शर्ट और गमछे में, तेजस्वी यादव अपनी सिग्नेचर शैली में, और अखिलेश यादव पारंपरिक कुर्ता-पाजामा में जनता का अभिवादन करते नजर आए।
जगह-जगह फूल-मालाओं, ढोल-नगाड़ों और नारों के साथ कार्यकर्ताओं ने नेताओं का जोरदार स्वागत किया। युवा, महिलाएं और किसान इस रोड शो में बढ़-चढ़कर शामिल हुए, जिसने विपक्षी गठबंधन के जनाधार को और मजबूत करने का संदेश दिया। भोजपुर के वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में जनसभा को संबोधित करते हुए नेताओं ने मतदाता सूची में कथित हेराफेरी और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की।

वोटर अधिकार यात्रा
‘वोटर अधिकार यात्रा’ बिहार में विपक्षी गठबंधन (इंडिया ब्लॉक) की एक सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है। यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई और 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ समाप्त होगी। इसका मुख्य उद्देश्य चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में कथित अनियमितताओं को उजागर करना है। विपक्ष का दावा है कि 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए, जिसे वे ‘वोट चोरी’ का षड्यंत्र मानते हैं।
राहुल, तेजस्वी और अखिलेश ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और बीजेपी पर संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया। अखिलेश यादव ने पटना में कहा, “यह यात्रा न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक कदम है।” यह रणनीति न केवल बिहार में, बल्कि उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में भी विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश है।

अखिलेश की एंट्री: MY से PDA की सियासी जुगलबंदी
अखिलेश यादव की इस यात्रा में शामिल होने की वजह केवल विपक्षी एकता तक सीमित नहीं है। उनकी मौजूदगी को राजद के मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण को अखिलेश के ‘पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक’ (PDA) फॉर्मूले के साथ जोड़ने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटें जीतकर बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी।


अब बिहार में भी इस फॉर्मूले को आजमाने की कोशिश हो रही है। भोजपुरी बेल्ट में अखिलेश की मौजूदगी यादव और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को एकजुट करने का प्रयास है। विश्लेषकों का मानना है कि यह तिकड़ी नीतीश कुमार की सरकार के खिलाफ एक बड़ी चुनौती पेश कर सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ महागठबंधन की पकड़ कमजोर मानी जाती है।

जनता का जोश, बीजेपी पर हमला
रोड शो के दौरान जनता का उत्साह देखते ही बनता था। समर्थकों ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ जैसे नारे लगाए, जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुए। राहुल गांधी ने जनसभा में बीजेपी और चुनाव आयोग पर जमकर निशाना साधा, जबकि तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर ‘मूल विचारों’ की कमी का आरोप लगाया। अखिलेश ने बीजेपी को ‘जुगाड़ आयोग’ का साथी बताते हुए कहा, “जनता ने ठान लिया है कि बीजेपी को बिहार से बाहर करना है।”

इस यात्रा में वाम दलों के नेता दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी शामिल हुए, जिसने विपक्षी एकता को और मजबूती दी। यह रोड शो न केवल एक राजनीतिक आयोजन था, बल्कि बिहार की जनता के बीच बदलाव की लहर पैदा करने का प्रयास भी
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।