प्रमुख बिंदु-
Air India Plane Crash Report: एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने 11 जुलाई 2025 को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के हादसे की 15 पेज की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी की, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। 12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला टाटा ग्रुप की एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर टेकऑफ के मात्र 30 सेकंड बाद बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल कॉम्प्लेक्स से टकरा गया।
इस भयावह हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों में से केवल एक यात्री, ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश, जीवित बचे। इसके अलावा, जमीन पर 19 लोगों की जान गई और 67 अन्य घायल हुए। भारत के विमानन इतिहास में चार दशकों में यह सबसे घातक दुर्घटना थी।

फ्यूल स्विच और पायलटों की बातचीत
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, विमान के टेकऑफ के तीन सेकंड बाद, यानी 13:39 IST पर, दोनों इंजनों (GE GEnx-1B) के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए, जिससे इंजनों को तेल की सप्लाई बंद हो गई। इस वजह से विमान में थ्रस्ट पूरी तरह खत्म हो गया और वह 650 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद तेजी से नीचे गिरने लगा।
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में रिकॉर्ड बातचीत से पता चलता है कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” जिसका जवाब मिला, “मैंने नहीं किया।” हादसे के वक्त जहाज के कैप्टेन 56 वर्षीय सुमीत सभरवाल थे जिन्हें 15,600 घंटे जहाज उड़ाने का अनुभव था। इसमें से 8500 घंटे बोईंग 787 पर था जिसका उस दिन हादसा हुआ था। वहीं को-पायलट की बात करें तो 32 वर्षीय क्लाइव कुंदर के पास करीब 3400 घंटे विमान उड़ाने का अनुभव था और उनके पास वर्ष 2017 से बोइंग 787 के को-पायलट होने की योग्यता थी। उस समय को-पायलट कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि सभरवाल मॉनिटरिंग की भूमिका में थे।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि पायलटों ने इंजनों को पुनः शुरू करने की कोशिश की। एक इंजन में थोड़ी रिकवरी दिखी, लेकिन दूसरा इंजन पूरी तरह विफल रहा। टेकऑफ थ्रस्ट चालू होने के बावजूद, थ्रस्ट लीवर ‘आइडल’ स्थिति में था, जो मैकेनिकल या सिस्टम डिस्कनेक्ट की ओर इशारा करता है। आपातकालीन उपकरण राम एयर टरबाइन (RAT) सक्रिय हो गया, जो पावर फेल्योर की स्थिति में स्वचालित रूप से काम करता है। पायलटों ने ‘मेडे, मेडे, मेडे’ कॉल की, लेकिन हादसे से पहले कोई और जवाब नहीं दे सके।

कोई मैकेनिकल खराबी या डिजाइन दोष नहीं मिला
AAIB की जांच में कोई मैकेनिकल खराबी या डिजाइन दोष नहीं मिला, जिसके चलते बोइंग 787-8 या GE GEnx-1B इंजनों के लिए कोई तत्काल सेफ्टी एडवायजरी जारी नहीं की गई। जांच में पक्षी टकराने, मौसम की खराबी, या ईंधन में मिलावट जैसी संभावनाओं को खारिज कर दिया गया। दोनों पायलट मेडिकली फिट थे, पर्याप्त आराम कर चुके थे और प्री-फ्लाइट ब्रेथलाइजर टेस्ट में पास हुए थे। विमान का वजन भी सामान्य था, और उसमें कोई खतरनाक सामग्री नहीं थी।
हालांकि, 2018 में यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने फ्यूल कंट्रोल स्विच की लॉकिंग मैकेनिज्म में संभावित खराबी के बारे में एक सलाह जारी की थी, लेकिन यह अनिवार्य नहीं थी। एयर इंडिया ने इस सलाह के आधार पर कोई जांच नहीं की थी। विमान के थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल, जिसमें फ्यूल स्विच शामिल हैं, 2019 और 2023 में बदले गए थे, लेकिन इनका कारण फ्यूल स्विच से संबंधित नहीं था।
एयर इंडिया ने AAIB की रिपोर्ट स्वीकारी
AAIB ने दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर फोरेंसिक जांच के लिए अलग रखा है। मलबे को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है, और ड्रोन फोटोग्राफी के जरिए हादसे की जगह का विश्लेषण किया गया है। ब्लैक बॉक्स (EAFR) से डेटा और कॉकपिट ऑडियो की जांच जारी है, जिसमें एक रिकॉर्डर को भारी नुकसान पहुंचा था। एकमात्र जीवित यात्री विश्वासकुमार रमेश और अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। ईंधन के नमूने संतोषजनक पाए गए।
एयर इंडिया ने AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रही है, लेकिन तकनीकी विवरण पर टिप्पणी से बचेगी। टाटा ग्रुप, जिसने 2022 में एयर इंडिया को सरकार से खरीदा था, इस हादसे से अपनी छवि को हुए नुकसान से जूझ रहा है। भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हादसे के बाद एयर इंडिया के 33 बोइंग 787 विमानों में से 26 की जांच पूरी कर ली, जिसमें कोई बड़ी खामी नहीं मिली।

यह हादसा न केवल एयर इंडिया के लिए बल्कि भारतीय विमानन उद्योग के लिए भी एक बड़ा झटका है। AAIB की अंतिम रिपोर्ट, जो अगले एक साल में आएगी, इस बात का खुलासा कर सकती है कि फ्यूल स्विच का गलत इस्तेमाल जानबूझकर हुआ, अनजाने में हुआ, या कोई अन्य कारण था। फिलहाल, जांच मानवीय कारकों और प्रक्रियात्मक चूकों पर केंद्रित है। हादसे ने विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं और पीड़ितों के परिवारों के लिए जवाबों की तलाश अब भी जारी है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।