प्रमुख बिंदु-
वाराणसी: बेंगलुरु से वाराणसी आ रही एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) की फ्लाइट IX-1086 में सोमवार सुबह एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे विमान में सनसनी फैला दी। एक यात्री ने कॉकपिट का दरवाजा खोलने की कोशिश की, जिससे हाईजैक का डर मच गया। सतर्क कैप्टन ने दरवाजा लॉक कर लिया और एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अलर्ट किया। लैंडिंग के बाद सीआईएसएफ ने आरोपी और उसके 8 साथियों को हिरासत में ले लिया। शुरुआती जांच में पता चला कि सभी पहली बार फ्लाइट में सफर कर रहे थे और गलती से कॉकपिट को शौचालय समझ लिया। एयरलाइन ने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर भरोसा जताया है, लेकिन जांच जारी है।
घटना का विवरण
सोमवार सुबह 8:14 बजे बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 से एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-1086 ने उड़ान भरी। यह विमान लगभग 160 यात्रियों को लेकर वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था। उड़ान के दौरान, जब विमान हवा में था, एक यात्री अपनी सीट से उठा और आगे की ओर बढ़ गया। वह कॉकपिट के दरवाजे के पास पहुंचा और अचानक दरवाजे पर लगा कोड पैड में कुछ नंबर दबाने लगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने रैंडम नंबर दबाए, लेकिन कुछ स्रोतों में दावा किया गया कि कोड सही हो गया था। कैप्टन ने हाईजैक की आशंका में दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया और किसी को अंदर नहीं घुसने दिया। केबिन क्रू ने तुरंत यात्री को रोकने की कोशिश की, लेकिन आरोपी जिद करने लगा। उसके साथ के लोग भी उठकर सपोर्ट करने लगे, जिससे विमान में तनाव बढ़ गया। कैप्टन ने फौरन एटीसी को सूचना दी, जिसने एयरपोर्ट अथॉरिटी को अलर्ट कर दिया। विमान सुबह 10:20 बजे (शेड्यूल से 7 मिनट पहले) वाराणसी में सुरक्षित लैंड हुआ। सभी यात्री सुरक्षित निकाले गए।
यात्रियों की पहचान
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी मणि आर नाम का 30 वर्षीय युवक है, जो बेंगलुरु का निवासी है। वह 8 दोस्तों के ग्रुप के साथ काशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए आ रहा था। सभी ने एक ट्रैवल एजेंसी से टूर पैकेज बुक किया था। ग्रुप के सदस्यों के नाम इस प्रकार हैं: मणि आर, योगेश सी, धनुष आर, श्रीमंथा एस, मणिकांता बी, शिवा कुमार एच, मंजूनाथ एम, सुदीप एनवी और हर्ष बी। सभी टैक्सी ड्राइवर हैं और बेंगलुरु में ही रहते हैं। यह उनका पहला हवाई सफर था।
मणि ने बताया कि शौचालय की तलाश में वह भटक गया और कॉकपिट के दरवाजे को बाथरूम का समझ लिया। क्रू मेंबर्स ने उसे समझाया, लेकिन उसके दोस्तों ने भी हल्का-फुल्का हंगामा किया। बाबतपुर पुलिस चौकी में सभी से पूछताछ चल रही है। उनके मोबाइल फोन, कॉल डिटेल्स और सामान की तलाशी ली गई। लोकल पुलिस के जरिए एड्रेस वेरिफिकेशन भी हो रहा है। शुरुआती जांच में कोई संदिग्ध चीज नहीं मिली।

एयरलाइन और पुलिस की प्रतिक्रिया
एअर इंडिया एक्सप्रेस के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा, “हमें मीडिया रिपोर्ट्स से वाराणसी जाने वाली हमारी फ्लाइट पर हुई घटना की जानकारी है। एक यात्री शौचालय ढूंढते हुए कॉकपिट एंट्री एरिया में पहुंच गया था। उसने रैंडम नंबर डाले, कोई सही पासकोड नहीं। हम पुष्टि करते हैं कि मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू हैं और उनसे कोई समझौता नहीं हुआ। लैंडिंग पर संबंधित अधिकारियों को सूचना दी गई।”
वाराणसी के गोमती जोन के अपर पुलिस उपायुक्त वैभव बांगर ने बताया, “नौ व्यक्तियों का ग्रुप मंदिर दर्शन के लिए आया था। यात्री वॉशरूम जाना चाहता था, लेकिन पहली बार फ्लाइट में होने से गलती हो गई। सभी एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। यात्रियों के पास कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली। बैकग्राउंड चेक जारी है।” सीआईएसएफ ने लैंडिंग के तुरंत बाद आरोपी ग्रुप को हिरासत में लिया और सामान दोबारा चेक किया। डीजीसीए को भी सूचना दी गई है।

सुरक्षा प्रोटोकॉल और नियम
कॉकपिट विमान का सबसे संवेदनशील हिस्सा होता है, जहां पायलट उड़ान कंट्रोल करता है। डीजीसीए के सिविल एविएशन रूल्स के अनुसार, कॉकपिट डोर हमेशा लॉक रहता है। कोड डालना ही काफी नहीं, कैप्टन की अंदर से मंजूरी जरूरी होती है। अगर कोई यात्री जबरन घुसने की कोशिश करे, तो यह ‘अनरुली पैसेंजर’ या ‘कॉकपिट ब्रेक अटेम्प्ट’ माना जाता है। ऐसे मामलों में नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की सजा हो सकती है – 3 महीने से आजीवन बैन तक।
एंटी-हाईजैकिंग एक्ट 2016 और एयरक्राफ्ट रूल्स के तहत यह गंभीर अपराध है, जिसमें सजा और जुर्माना हो सकता है। इस घटना में एयरलाइन के प्रोटोकॉल ने काम किया, लेकिन यह पहला समय नहीं जब ऐसी चूक हुई हो। विशेषज्ञों का कहना है कि पहली बार सफर करने वालों को ज्यादा गाइडेंस की जरूरत है।

आंकड़ों पर नजर
भारत में हवाई यात्रा तेजी से बढ़ रही है, लेकिन सुरक्षा उल्लंघनों के मामले भी सामने आ रहे हैं। पिछले 5 सालों में 375 से ज्यादा लोगों को नो-फ्लाई लिस्ट में डाला गया। 2023 में सबसे ज्यादा 110 यात्री शामिल हुए, जब 2024 में यह संख्या घटकर 82 रह गई। 2025 में जुलाई तक 48 यात्री लिस्ट में आ चुके हैं। ज्यादातर मामले शराब पीने, गाली-गलौज या क्रू से झगड़े से जुड़े हैं।
कॉकपिट से जुड़े मामले कम हैं, लेकिन हर घटना सुरक्षा पर सवाल उठाती है। डीजीसीए ने हाल ही में सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिसमें क्रू को ट्रेनिंग और यात्रियों को जागरूकता पर जोर दिया गया है। यह आंकड़े बताते हैं कि उड़ान सुरक्षा में सुधार जरूरी है, खासकर बढ़ते यात्रियों के बीच।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
