जिंदा हो गया ‘Raanjhanaa’ का ‘कुंदन’, AI ने बदली फिल्म की कहानी, आंख खुलते ही थिएटर में झूम उठे लोग

Raanjhanaa Re Release

एंटरटेनमेंट डेस्क: 1 अगस्त 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई तमिल फिल्म ‘अंबिकापथी’, जो कि 2013 में आई सुपरहिट हिंदी फिल्म ‘रांझणा’ का तमिल संस्करण है, इस बार कुछ अलग लेकर आई। इस बार फिल्म का क्लाइमेक्स बदल दिया गया है और वो भी किसी लेखक या निर्देशक द्वारा नहीं, बल्कि Artificial Intelligence द्वारा।

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नई तकनीक के इस्तेमाल से फिल्म के अंतिम दृश्य को बदल दिया गया है, जिसमें अब कुंदन (धनुष द्वारा निभाया गया किरदार) की मौत नहीं होती, बल्कि वह जिंदा बच जाता है। इस बदलाव ने जहां एक ओर फैंस के दिलों को जीत लिया है, वहीं दूसरी ओर फिल्म के मूल निर्देशक आनंद एल राय ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है।

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आनंद एल राय का विरोध: ‘ये मेरे विज़न के साथ अन्याय है’

फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय ने इस बदलाव पर नाखुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि “मेरी फिल्म की आत्मा उसके ट्रैजिक अंत में थी। कुंदन की मौत सिर्फ एक कहानी नहीं थी, वो एक विचार था, एक प्रेम का चरम स्वरूप था जिसे बदला नहीं जाना चाहिए था।”

उन्होंने कहा कि उन्हें इस री-एडिटेड संस्करण की जानकारी पहले से नहीं दी गई थी और उन्होंने AI की इस ‘हस्तक्षेप’ प्रक्रिया को “निर्देशक की रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला” बताया।

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AI से बदला गया क्लाइमेक्स, कैसा है नया दृश्य

फिल्म का क्लाइमेक्स (अंत का हिस्सा) अब पहले जैसा नहीं रहा | AI द्वारा जनरेट किया गया नया क्लाइमेक्स पहले से रिकॉर्ड किए गए दृश्यों और डीपफेक तकनीक के माध्यम से बनाया गया है। इस संस्करण में जब कुंदन पर गोली चलती है, तो वह अंत में अपनी आंखें खोलता है और मुस्कुराता है। AI और डीपफेक से यह सीन इतना असली लग रहा था जैसे सच में वहीं शूट किया गया हो। यह दृश्य सिनेमाघर में मौजूद दर्शकों के लिए भावनात्मक और उत्साहपूर्ण क्षण बन गया।

फैंस की भावनाएं उमड़ीं

फिल्म का नया अंत देखकर दर्शक खुद को रोक नहीं पाए। सोशल मीडिया पर #Ambikapathy और #KundanAlive जैसे हैशटैग्स ट्रेंड करने लगे। फैंस सिनेमाघरों में सीटियों और तालियों से अपनी खुशी ज़ाहिर कर रहे हैं।

एक फैन ने लिखा कि “AI वर्जन का नया क्लाइमेक्स देखकर दिल भर आया। मेरे कुंदन की जान बच गई, अब रांझणा अधूरी नहीं लगती।”

एक और यूज़र ने ट्वीट किया कि “अब मैं हमेशा खुश रहूंगा। @aanandlrai सर, आपकी ओरिजिनल मेकिंग अद्वितीय है, लेकिन एक धनुष फैन के तौर पर कुंदन को जिंदा देखना एक सपना सच होने जैसा है।”

कुछ यूज़र्स ने ट्वीट किया कि “AI है तो मुमकिन है, लेकिन अगर कुंदन मरा नहीं तो क्या ‘तेरे इश्क में’ वाला शंकर ही कुंदन है?”

“AI ने जो किया, वो फिल्म की आत्मा से भटक सकता है, लेकिन हमें जो closure मिला, उसकी कोई कीमत नहीं।”

मूल ‘रांझणा’ का अंत

2013 की ‘रांझणा’ ने जब रिलीज़ के वक्त दर्शकों को रुला दिया था, तब उसका अंत ही कहानी की सबसे बड़ी शक्ति थी। कुंदन एक सार्वजनिक रैली में मारा जाता है, जबकि उसे पहले से अपनी मौत का अंदाज़ा होता है। इसके बावजूद वह ज़ोया (सोनम कपूर) को कुछ नहीं बताता और सब कुछ चुपचाप सह लेता है।

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कुंदन का यह त्याग और चुपचाप सहना, उसके सच्चे प्यार और आत्मसमर्पण को दिखाता है। वह जानता था कि उसे कुछ नहीं मिलेगा, फिर भी वह ज़ोया की भलाई के लिए अपनी जान दे देता है। यही वजह है कि फिल्म का यह अंत बहुत गहरा असर छोड़ता है। यह त्याग और प्रेम का एक गहरा संदेश था, जिसे दर्शकों ने वर्षों तक याद रखा।

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