Ahilyanagar Riot: महाराष्ट्र के अहिल्यानगर जिले में सोमवार सुबह एक साधारण-सी रंगोली ने पूरे इलाके को हिला दिया। सड़क पर ‘आई लव मोहम्मद’ लिखी यह रंगोली धार्मिक भावनाओं को चुभ गई, जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। पुणे-छत्रपति संभाजीनगर हाईवे जाम हो गया, पथराव की घटनाएं हुईं और पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा। यह विवाद उत्तर प्रदेश से शुरू हुए ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद की आंच का नया रूप है, जो अब महाराष्ट्र तक फैल चुका है। फिलहाल तनाव कम है, लेकिन पुलिस की सख्ती से इलाके में सतर्कता बरती जा रही है।
घटना का पूरा घटनाक्रम
सोमवार सुबह करीब सात बजे अहिल्यानगर के कोटला गांव के पास रंगीली रोड पर कुछ अज्ञात लोगों ने सड़क पर रंगोली बनाई, जिसमें ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा था। यह जगह ऐसी थी जहां हिंदूवादी संगठन ‘हिंदुस्तान शिव प्रतिष्ठान’ दुर्गा माता दौड़ का आयोजन करने वाला था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रंगोली का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया।
नाराज लोग थोड़ी ही देर में कोतवाली थाने पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई। लेकिन गुस्सा काबू में न रहा। सैकड़ों प्रदर्शनकारी नारेबाजी करते हुए हाईवे पर उतर आए और सड़क जाम कर दी। इससे पुणे और छत्रपति संभाजीनगर की ओर जाने वाले वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। आधे घंटे तक जाम चला, जिसमें ट्रक, कारें और बसें फंस गईं। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि सुबह का ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई।

पुलिस की टीम मौके पर पहुंची तो प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इस दौरान कोई गंभीर चोट नहीं लगी, लेकिन हंगामे में कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा। अहिल्यानगर के एसपी सोनाथ घर्गे ने बताया कि पथराव करने वाले लगभग 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है। रंगोली बनाने वाले मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का केस दर्ज किया गया।

विवाद की जड़: ‘आई लव मोहम्मद’
यह घटना देशभर में छिड़े ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद का हिस्सा है, जो उत्तर प्रदेश के कानपुर से शुरू हुआ था। चार सितंबर को बारावफात के जुलूस में इस नारे वाला बैनर लगाया गया, जिस पर हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई। यूपी पुलिस ने 25 लोगों पर एफआईआर दर्ज की, लेकिन मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक आजादी पर हमला बताया। इसके बाद बरेली में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुए, जहां पथराव और लाठीचार्ज की घटनाएं सामने आईं।

महाराष्ट्र में यह पहली बड़ी घटना है। स्थानीय मुस्लिम नेताओं का कहना है कि रंगोली को पैगंबर मोहम्मद का अपमान माना गया, जबकि हिंदू संगठन इसे उकसाने वाली साजिश बता रहे हैं। सोशल मीडिया ने इस विवाद को तेजी से फैलाया, जहां वीडियो वायरल होने से स्थानीय मुद्दा राष्ट्रीय बन गया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
पुलिस ने तुरंत मोर्चा संभाला। जाम खुलवाने के बाद भारी संख्या में फोर्स तैनात कर दी गई। एसपी घर्गे ने कहा कि इलाके में ड्रोन से निगरानी की जा रही है और अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया है। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ चल रही है, जिसमें शरारती तत्वों का पता लगाया जा रहा है। प्रशासन ने अपील की है कि लोग अफवाहों पर भरोसा न करें और शांति बनाए रखें। फिलहाल हाईवे पर ट्रैफिक सामान्य हो गया है, लेकिन संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। कोई राजनीतिक बयानबाजी न होने से मामला शांतिपूर्ण दिशा में बढ़ रहा है।
फडणवीस बोले- ये साजिश
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “यह साजिश लग रही है। राज्य में तनाव फैलाने की कोशिश हो रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” फडणवीस ने अधिकारियों को पूरी जांच के निर्देश दिए हैं।
पुलिस जांच में यह सामने आ रहा है कि रंगोली रात में बनाई गई थी, संभवतः किसी शरारती तत्व ने। अगर साजिश साबित हुई तो बड़े स्तर पर कार्रवाई हो सकती है।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।