प्रमुख बिंदु-
लखनऊ, 05 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों के लिए एक बड़ी खुशखबरी! अब उन्हें आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनवाने या उसमें सुधार कराने के लिए शहरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने पंचायती राज विभाग को ग्राम पंचायत सचिवालयों में आधार सेवाएँ शुरू करने की अनुमति दे दी है। इस पहल से ग्रामीणों को अपने गांव में ही आधार से संबंधित सभी सुविधाएँ मिल सकेंगी, जिससे उनका समय और पैसा दोनों बचेगा। पहले चरण में 2500 ग्राम पंचायतों में यह सेवा शुरू होगी और धीरे-धीरे इसे प्रदेश की सभी 57,691 ग्राम पंचायतों तक विस्तारित किया जाएगा।
पंचायत सचिवालयों में आधार सेवा
पंचायती राज विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में आधार सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब ग्राम पंचायत सचिवालयों को आधार नामांकन और संशोधन केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। इस योजना के तहत ग्रामीणों को आधार कार्ड बनवाने, उसमें नाम, पता, जन्मतिथि या अन्य जानकारी में सुधार करने और बायोमेट्रिक अपडेट जैसी सेवाएँ अपने गांव में ही मिलेंगी। इससे पहले ग्रामीणों को इन सेवाओं के लिए जन सेवा केंद्रों या शहरों में स्थित आधार केंद्रों पर जाना पड़ता था, जिससे समय और धन की बर्बादी होती थी।
पंचायती राज निदेशक अमित कुमार सिंह ने बताया कि इस सेवा को शुरू करने के लिए पंचायत सहायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 11 अगस्त 2025 से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें UIDAI के मानकों के अनुसार सहायकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पहले चरण में 2500 ग्राम पंचायतों में यह सेवा शुरू की जाएगी और बाद में इसे चरणबद्ध तरीके से सभी ग्राम पंचायतों तक ले जाया जाएगा।

ग्रामीणों को मिलेगी बड़ी राहत
इस पहल का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ग्रामीणों को अब आधार से संबंधित सेवाओं के लिए दूर-दराज के केंद्रों पर नहीं जाना पड़ेगा। पहले आधार कार्ड बनवाने या उसमें सुधार के लिए लोगों को शहरों में लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था, जिससे कई बार मजदूरी और अन्य काम प्रभावित होते थे। अब पंचायत सचिवालयों में यह सुविधा उपलब्ध होने से ग्रामीण अपने समय के अनुसार आधार से जुड़े कार्य करा सकेंगे।
जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) अवनीश श्रीवास्तव ने कहा, “पंचायत सचिवालयों में आधार केंद्र स्थापित होने से ग्रामीणों को बड़ी राहत मिलेगी। यह सेवा न केवल समय बचाएगी, बल्कि ग्रामीणों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना भी आसान होगा, क्योंकि आधार कार्ड कई योजनाओं के लिए अनिवार्य है।” इस सुविधा के शुरू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिलेगा।

प्रशिक्षण और प्रोत्साहन: कैसे होगा संचालन?
इस योजना को सफल बनाने के लिए पंचायत सहायकों को UIDAI के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण जिला पंचायत संसाधन केंद्रों के माध्यम से आयोजित होगा, जिसकी व्यवस्था मंडलीय उपनिदेशक करेंगे। प्रशिक्षण के बाद सहायक आधार नामांकन और संशोधन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित कर सकेंगे।
इसके अलावा, आधार सेवाएँ प्रदान करने वाले पंचायत सहायकों को प्रोत्साहन के रूप में कुछ धनराशि दी जाएगी। यह राशि निर्धारित शुल्क का हिस्सा होगी, जो ग्रामीणों से ली जाएगी। शुरुआत में यह सेवा बैंकों और कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के सहयोग से शुरू की जाएगी। भविष्य में इसके लिए अलग से बजट का प्रबंध भी किया जाएगा।

भविष्य की योजना
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सभी 57,691 ग्राम पंचायतों में आधार सेवाएँ शुरू होने के बाद ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं, जैसे राशन कार्ड, पेंशन योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने में आसानी होगी। आधार कार्ड आज कई सेवाओं और योजनाओं का आधार है, और गांव स्तर पर इसकी उपलब्धता ग्रामीणों के जीवन को और सुगम बनाएगी।
यह योजना न केवल ग्रामीणों के लिए सुविधाजनक होगी, बल्कि पंचायत सचिवालयों को भी एक सेवा प्रदाता केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। इससे पंचायती राज व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी। सरकार का लक्ष्य है कि ग्राम पंचायतें आत्मनिर्भर बनें और स्थानीय स्तर पर सभी आवश्यक सेवाएँ प्रदान कर सकें।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।