प्रमुख बिंदु-
महाराजगंज: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज (Maharajganj) जिले में एक ऐसी शर्मनाक घटना घटी, जिसने न केवल शिक्षा विभाग को हिलाकर रख दिया, बल्कि पूरे प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) संतोष कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चल रही एक ऑनलाइन मीटिंग, जो स्कूलों की समस्याओं पर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी, उसमें अचानक एक अश्लील वीडियो चलने लगा। इस घटना ने न केवल मीटिंग की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि साइबर अपराध के खतरे को भी उजागर कर दिया।
मीटिंग में मचा अचानक हड़कंप
महाराजगंज जिले में 7 अगस्त 2025 को शिक्षा विभाग की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन मीटिंग आयोजित की गई थी। यह मीटिंग ‘जूम’ प्लेटफॉर्म पर ई-चौपाल के तहत हो रही थी, जिसमें डीएम संतोष कुमार शर्मा, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) रिद्धि पांडेय, सभी खंड शिक्षा अधिकारी, प्रधानाध्यापक, सरकारी शिक्षक और आम जनता शामिल थी। इसका उद्देश्य था स्कूलों की जर्जर इमारतों, किताबों के वितरण, मिड-डे मील और युग्मन नीति जैसे मुद्दों पर चर्चा करना।
मीटिंग सुचारू रूप से चल रही थी, तभी अचानक एक प्रतिभागी, जिसने अपनी आईडी ‘जेसन जूनियर’ के नाम से बनाई थी, ने स्क्रीन शेयर कर एक अश्लील वीडियो चला दिया। यह देखकर मीटिंग में मौजूद सभी लोग स्तब्ध रह गए और हड़कंप मच गया। डीएम ने तुरंत वीडियो को बंद करवाया, लेकिन तब तक मीटिंग की गरिमा को गहरा आघात लग चुका था।

आपत्तिजनक टिप्पणी ने बढ़ाया हंगामा
पोर्न वीडियो के बाद स्थिति और बिगड़ गई, जब एक अन्य प्रतिभागी, जिसकी आईडी ‘अर्जुन’ थी, ने कथित तौर पर अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। इसने मीटिंग के माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। अधिकारियों और आम जनता के बीच चल रही यह चर्चा, जो स्कूलों की बेहतरी के लिए थी, पूरी तरह से पटरी से उतर गई। कई अधिकारियों ने तुरंत मीटिंग छोड़ दी और डीएम ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए।
बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय ने इस घटना को “शर्मनाक और साइबर अपराध की श्रेणी में आने वाला कृत्य” बताया। इस घटना ने न केवल शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए, बल्कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।
साइबर पुलिस की जांच और मुकदमा दर्ज
घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम संतोष कुमार शर्मा ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी। 9 अगस्त 2025 को बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धि पांडेय के निर्देश पर खंड शिक्षा अधिकारी (फरेंदा) सुदामा प्रसाद ने महाराजगंज कोतवाली में दो अज्ञात व्यक्तियों, ‘जेसन जूनियर’ और ‘अर्जुन’ के खिलाफ प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज कराई।
सदर कोतवाली के एसएचओ सत्येंद्र राय ने बताया कि साइबर पुलिस की मदद से मामले की गहन जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस तकनीकी साधनों का उपयोग कर इन अज्ञात अपराधियों की पहचान करने में जुटी है। एसएचओ ने आश्वासन दिया कि जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को और रेखांकित किया है।
शिक्षा विभाग और प्रशासन की चुनौतियां
यह घटना महाराजगंज जिले में शिक्षा विभाग और प्रशासन के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है। ऑनलाइन मीटिंग्स, जो कोविड-19 के बाद से प्रशासनिक कार्यों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई हैं, अब साइबर अपराधों का निशाना बन रही हैं। इस घटना ने यह सवाल उठाया कि क्या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर होने वाली ऐसी महत्वपूर्ण बैठकों में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हैं?
साथ ही, यह भी चर्चा का विषय है कि शिक्षा विभाग, जो बच्चों के भविष्य को संवारने की जिम्मेदारी उठाता है, ऐसी शर्मनाक घटनाओं से कैसे निपटेगा। डीएम संतोष कुमार शर्मा ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और कड़े कदम उठाने की बात कही।
राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।