India Pakistan Tension: असीम मुनीर की परमाणु धमकी पर भारत का करारा जवाब, अमेरिका को भी लिया लपेटे में!

India Slams Asim Munir's Nuclear Bluster

नई दिल्ली (India Pakistan Tension): पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अमेरिका की धरती से भारत को परमाणु हमले और सिंधु नदी पर बांध तोड़ने की धमकी दी, जिसने दक्षिण एशिया में तनाव को और बढ़ा दिया। फ्लोरिडा के टाम्पा में पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित करते हुए मुनीर ने कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी पर बांध बनाया, तो पाकिस्तान उसे मिसाइलों से उड़ा देगा। साथ ही, मुनीर ने कहा परमाणु युद्ध की धमकी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान डूबा, तो वह आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएगा।

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भारत ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और परमाणु ब्लैकमेल का हिस्सा बताते हुए कड़ा जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने न केवल पाकिस्तान की आलोचना की, बल्कि अमेरिका को भी आड़े हाथों लिया, जहां से यह बयान दिया गया।

पाकिस्तान की धमकी: क्या है पूरा मामला?

पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर ने फ्लोरिडा के टाम्पा में एक कार्यक्रम में भारत के खिलाफ जहरीले बोल उगले। उन्होंने कहा, “सिंधु नदी भारत की निजी संपत्ति नहीं है। अगर भारत ने इस पर बांध बनाया, तो हम उसे 10 मिसाइलों से उड़ा देंगे।” मुनीर ने परमाणु हथियारों का जिक्र करते हुए कहा, “पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति है। अगर हमें डूबने की नौबत आई, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे।” यह बयान उन्होंने अमेरिका के सेंट्रल कमांड के समारोह में हिस्सा लेने के दौरान दिया, जो उनकी दो महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा थी। मुनीर ने कश्मीर को भी “पाकिस्तान की गले की नस” करार दिया और भारत पर बलूचिस्तान में अशांति फैलाने का आरोप लगाया।

पाकिस्तान का यह बयान न केवल भारत के लिए, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के बयान उस देश की साख पर सवाल उठाते हैं, जहां सेना और आतंकी समूहों के बीच गहरे संबंध होने की बात लंबे समय से कही जाती रही है।

PAK Asim Munir

भारत का जवाब: हम नहीं झुकेंगे!

भारतीय विदेश मंत्रालय ने मुनीर के बयान को “परमाणु तलवार लहराने” की पुरानी आदत करार दिया। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान का परमाणु धमकी देना कोई नई बात नहीं है। यह गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी उस देश की मानसिकता को दर्शाती है, जहां सेना और आतंकी संगठन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।” भारत ने साफ किया कि वह किसी भी परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे बयान एक मित्र देश (अमेरिका) की धरती से दिए गए। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस पर संज्ञान लेने की अपील की।

Randhir Jaiswal MEA India

अमेरिका पर भारत की नाराजगी

भारत ने मुनीर के बयान को लेकर अमेरिका को भी कठघरे में खड़ा किया। विदेश मंत्रालय ने कहा, “यह खेदजनक है कि ऐसे गैर-जिम्मेदाराना बयान उस देश से आए, जिसके साथ भारत के अच्छे रिश्ते हैं।” भारत ने अमेरिका से अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले में हस्तक्षेप करने और मुनीर की बयानबाजी पर लगाम लगाने की मांग की। सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया कि जब भी अमेरिका पाकिस्तानी सेना को समर्थन देता है, वह अपने असली रंग दिखाने लगती है। यह बयान अमेरिका के लिए एक चुनौती है, क्योंकि अब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी।

Modi Trump

पूर्व राजदूत राजीव डोगरा की टिप्पणी

पूर्व भारतीय राजदूत राजीव डोगरा ने मुनीर के “पारिवारिक संपत्ति” वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “मुनीर ने सही शब्द चुना, क्योंकि सिंधु नदी का पानी वाकई भारत की पारिवारिक संपत्ति है।” डोगरा ने तंज कसते हुए कहा कि हर बड़ा देश, जैसे चीन और अमेरिका, अपनी नदियों को अपनी संपत्ति मानता है और भारत भी ऐसा ही करता है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर पाकिस्तान ऐसी धमकियां देता रहे, तो भारत को सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करना चाहिए और पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति रोकने पर विचार करना चाहिए। डोगरा ने मुनीर को सलाह दी कि वह भारत विरोधी बयान देने से पहले किसी समझदार व्यक्ति से सलाह लें।

सीपीआई सांसद जॉन ब्रिटास का रुख

सीपीआई सांसद जॉन ब्रिटास ने भी मुनीर के बयान की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “अमेरिका की धरती से भारत को धमकी देना निंदनीय है। यह चिंताजनक है कि पाकिस्तान अमेरिका का नया दोस्त बन गया है और वहां से भारत विरोधी बयानबाजी हो रही है।” ब्रिटास ने भारत सरकार से इस मामले में कड़ा जवाब देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना का यह रवैया क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

 सिंधु जल संधि

सिंधु जल संधि, जो 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, छह नदियों (सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास, सतलुज) के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करती है। भारत ने हाल ही में इस संधि को निलंबित करने का फैसला किया, जिसके बाद पाकिस्तान की बौखलाहट बढ़ गई। मुनीर ने इसे “लक्ष्मण रेखा” करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान पानी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगा। भारत ने इस पर जवाब दिया कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों को प्राथमिकता देगा। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए, जिसके बाद मुनीर की यह बयानबाजी सामने आई। यह स्थिति दक्षिण एशिया में तनाव को और गहरा सकती है।

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पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की परमाणु धमकी और सिंधु नदी पर बांध तोड़ने की गीदड़भभकी ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है। भारत ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक बताते हुए साफ कर दिया कि वह किसी भी ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा। पूर्व राजदूत राजीव डोगरा और सांसद जॉन ब्रिटास ने भी इस बयान की निंदा की और इसे क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा बताया। अमेरिका को भी इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी, क्योंकि उसके मित्र देश की धरती से दी गई यह धमकी वैश्विक चिंता का विषय है।

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