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नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने हाल ही में आयोजित चयन पोस्ट फेज 13 परीक्षा को रद्द करने से इनकार किया है, लेकिन उन उम्मीदवारों के लिए पुनर्परीक्षा की संभावना जताई है, जिन्हें तकनीकी खामियों या प्रबंधन की कमी के कारण उचित मौका नहीं मिला। SSC के चेयरमैन एस गोपालकृष्णन ने सोमवार को यह बयान दिया, जब देशभर में परीक्षा प्रबंधन में गड़बड़ियों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे थे। इस परीक्षा में तकनीकी समस्याओं, जैसे सॉफ्टवेयर क्रैश, बायोमेट्रिक सत्यापन में विफलता और गलत परीक्षा केंद्र आवंटन, ने लाखों उम्मीदवारों को परेशान किया। आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
परीक्षा में गड़बड़ियों ने मचाया हंगामा
24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक 142 शहरों के 194 केंद्रों पर आयोजित SSC चयन पोस्ट फेज 13 परीक्षा में करीब 5 लाख उम्मीदवार शामिल हुए। लेकिन इस दौरान कई समस्याएं सामने आईं, जिनमें अचानक परीक्षा रद्द होना, सॉफ्टवेयर क्रैश, बायोमेट्रिक सत्यापन में त्रुटियां और गलत केंद्र आवंटन शामिल हैं। कुछ उम्मीदवारों को उनके गृह नगर से सैकड़ों किलोमीटर दूर केंद्र आवंटित किए गए, जिससे यात्रा और खर्च का बोझ बढ़ा। दिल्ली के पवन गंगा एजुकेशनल सेंटर 2 और उत्तर प्रदेश के एडुकासा इंटरनेशनल जैसे दो केंद्रों पर पूरी तरह से परीक्षा रद्द कर दी गई, जिससे लगभग 2,500 उम्मीदवार प्रभावित हुए।
इन समस्याओं ने उम्मीदवारों और शिक्षकों में भारी असंतोष पैदा किया। दिल्ली में 31 जुलाई को “चलो दिल्ली” आंदोलन के तहत हजारों उम्मीदवारों और शिक्षकों ने जंतर-मंतर और DoPT कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने SSC से बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता की मांग की। कुछ ने आरोप लगाया कि केंद्रों पर कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया।

SSC चेयरमैन का जवाब: पुनर्परीक्षा की संभावना
चेयरमैन गोपालकृष्णन ने स्वीकार किया कि नई परीक्षा वेंडर, एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज, के साथ शुरुआती समस्याएं आईं। उन्होंने कहा, “हम डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं। अगर हमें एक भी उम्मीदवार ऐसा मिलता है जिसके साथ अन्याय हुआ, तो हम उनके लिए फिर से परीक्षा आयोजित करेंगे।” उन्होंने यह भी बताया कि 2 अगस्त को तीन शिफ्टों में अतिरिक्त परीक्षाएं आयोजित की गईं, जिसमें 16,600 उम्मीदवारों को बुलाया गया था, लेकिन केवल 8,048 (लगभग 60%) ने ही भाग लिया। अगर जरूरत पड़ी, तो और पुनर्परीक्षा आयोजित की जाएगी।
चेयरमैन ने वेंडर को हटाने की मांग को खारिज करते हुए कहा, “एक परीक्षा के आधार पर मैं उन्हें नहीं हटा सकता। नया वेंडर चुनने में दिसंबर तक का समय लगेगा, तब तक परीक्षाएं कैसे होंगी?” उन्होंने यह भी दावा किया कि वेंडर ने एक सप्ताह में अपनी कार्यप्रणाली में सुधार दिखाया है।

तकनीकी और प्रशासनिक सुधार के वादे
SSC ने तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। आयोग ने वेंडर को सभी समस्याओं को ठीक करने के लिए पत्र लिखा है और सिस्टम हैंग, माउस की खराबी जैसे मुद्दों के लिए दंड लगाने की बात कही है। इसके अलावा, SSC ने बताया कि वह लॉग, CCTV फुटेज और सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (CDAC) की मदद से इलेक्ट्रॉनिक डेटा विश्लेषण के जरिए परीक्षा की अखंडता सुनिश्चित करता है।
कुछ उम्मीदवारों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर सवाल उठाए, उनका दावा था कि इससे प्रश्नों की पुनरावृत्ति हुई। SSC ने स्पष्ट किया कि AI का उपयोग केवल प्रश्नों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए किया जाता है, और प्रत्येक प्रश्न मेटाडेटा के साथ टैग किया जाता है।

भविष्य की परीक्षाओं के लिए आशा
SSC को उम्मीद है कि 6 से 8 अगस्त तक होने वाली आगामी परीक्षाएं बिना किसी रुकावट के सुचारू रूप से होंगी। चेयरमैन ने कहा, “इस परीक्षा से हमें समस्याओं का अंदाजा हुआ है। अगली परीक्षाएं, जिनमें 3.5 लाख उम्मीदवार शामिल होंगे, कम व्यवधान के साथ होंगी।”
हालांकि, उम्मीदवारों और शिक्षकों का कहना है कि SSC को दीर्घकालिक सुधारों पर ध्यान देना चाहिए, जैसे बेहतर केंद्र आवंटन, समय पर एडमिट कार्ड जारी करना और तकनीकी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना। सोशल मीडिया पर #SSCMisManagement ट्रेंड कर रहा था, जहां उम्मीदवार अपनी शिकायतें और अनुभव साझा कर रहे हैं।
SSC चयन पोस्ट फेज 13 परीक्षा में हुई गड़बड़ियों ने न केवल उम्मीदवारों के धैर्य की परीक्षा ली है, बल्कि SSC की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए हैं। आगामी सुधार और पुनर्परीक्षा की संभावना उम्मीदवारों के लिए राहत की खबर हो सकती है, लेकिन यह देखना बाकी है कि आयोग भविष्य में ऐसी समस्याओं से कैसे निपटता है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।