प्रमुख बिंदु-
लखनऊ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रात के समय आसमान में उड़ते ड्रोन (Drone Misuse) ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। लोग इन ड्रोनों को चोरी, जासूसी या अन्य अपराधों से जोड़कर देख रहे हैं, जिससे गांवों में रातभर पहरेदारी और अफवाहों का बाजार गर्म है। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्रोन के दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वालों पर गैंगस्टर एक्ट और जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही, उनकी संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि ड्रोन के जरिए दहशत या अफवाह फैलाने की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके लिए सभी जिलों में ड्रोन गतिविधियों की कड़ी निगरानी और नियमित गश्त के आदेश दिए गए हैं।

ड्रोन नीति 2023 के तहत Drone Misuse पर सख्ती
उत्तर प्रदेश में ड्रोन नीति 2023 के तहत पहले से ही ड्रोन संचालन के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। बैठक में डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि इस नीति के तहत अब तक 17 मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस को यह अधिकार दिया गया है कि वे किसी भी क्षेत्र को 96 घंटे के लिए स्थायी रेड जोन घोषित कर सकते हैं, जहां ड्रोन उड़ान पूरी तरह प्रतिबंधित होगी। यह कदम संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी वीडियो और रील्स के जरिए दहशत फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई तेज कर दी है। मेरठ पुलिस ने 28 ऐसी पोस्ट चिह्नित की हैं, जिनमें से 16 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए और 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उदाहरण के तौर पर, मुजफ्फरनगर में दो व्यक्तियों को कबूतरों पर रंगीन लाइट्स लगाकर ड्रोन जैसा भ्रम पैदा करने के लिए गिरफ्तार किया गया।

अफवाहों ने बढ़ाया डर, ग्रामीणों में बेचैनी
पश्चिमी यूपी के बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, मेरठ, हापुड़ और शाहजहांपुर जैसे जिलों में ड्रोन की अफवाहों ने लोगों को रातभर जागने पर मजबूर कर दिया है। कई गांवों में ग्रामीण लाठी-डंडों और लाइसेंसी हथियारों के साथ पहरेदारी कर रहे हैं। कुछ जगहों पर निर्दोष लोगों को संदिग्ध समझकर पीटने की घटनाएं भी सामने आई हैं। उदाहरण के लिए, बुलंदशहर में एक युवक को नशे में होने के कारण ड्रोन चोर समझकर पीटा गया।
ये अफवाहें जून 2025 से शुरू हुईं, जब अमरोहा में ‘कच्छा-बनियान गैंग’ के वीडियो वायरल हुए, जिसके बाद ड्रोन से रेकी की बातें फैलने लगीं। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कई बार लोग टॉय हेलिकॉप्टर, LED पतंगों या अन्य वस्तुओं को ड्रोन समझ लेते हैं। इसके बावजूद, ग्रामीणों में डर इतना है कि महिलाएं अपने जेवर बैंक लॉकर में जमा कर रही हैं।

योगी सरकार का सख्त संदेश
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “तकनीक का दुरुपयोग कर कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ड्रोन समाज के कल्याण के लिए है, न कि अराजकता फैलाने के लिए।” उन्होंने पुलिस को निर्देश दिए कि अफवाह प्रभावित क्षेत्रों में 24 घंटे गश्त और पैदल पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। साथ ही, बीट आरक्षियों को लोगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी दी गई है।
सीएम ने यह भी चेतावनी दी कि अगर अफवाहों के चलते कोई अप्रिय घटना होती है, तो थानाध्यक्ष से लेकर जिले के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत 112 नंबर पर दें और भीड़ द्वारा मारपीट से बचें। ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम को और मजबूत करने के लिए तकनीकी संसाधनों का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।

योगी सरकार का यह सख्त रुख ड्रोन के दुरुपयोग और अफवाहों से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ग्रामीणों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और पुलिस का सहयोग करें। तकनीक का सही उपयोग समाज को सशक्त बनाता है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल रोकने के लिए सरकार की यह पहल सराहनीय है।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।