प्रमुख बिंदु-
कर्नाटक , 1 अगस्त 2025: कर्नाटक के हासन से पूर्व सांसद और जनता दल (सेक्युलर) के निलंबित नेता प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) को एक विशेष अदालत ने बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया है। यह मामला उनके खिलाफ दर्ज चार यौन शोषण और बलात्कार के मामलों में से एक है। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट 2 अगस्त 2025 को सजा की घोषणा करेंगे। प्रज्वल, जो पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं, पर उनके परिवार के फार्महाउस में काम करने वाली एक महिला के साथ बलात्कार का आरोप है। इस मामले ने न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में सनसनी मचा दी है।
फार्महाउस की हेल्पर से हैवानियत
यह मामला हासन जिले के होलेनरसीपुरा में स्थित रेवन्ना परिवार के गन्निकाडा फार्महाउस से जुड़ा है। पीड़िता, एक 48 वर्षीय महिला, जो वहां हेल्पर के रूप में काम करती थी, उसने प्रज्वल पर गंभीर आरोप लगाए। महिला का दावा है कि 2021 में प्रज्वल ने उसके साथ दो बार बलात्कार किया और इस अपराध को अपने मोबाइल फोन पर रिकॉर्ड भी किया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि यह घटना उसके लिए बेहद डरावनी और अपमानजनक थी। इस मामले ने यौन शोषण के साथ-साथ निजता के उल्लंघन जैसे गंभीर मुद्दों को भी उजागर किया है। प्रज्वल के खिलाफ ये आरोप उनके राजनीतिक करियर और परिवार की प्रतिष्ठा पर एक बड़ा धब्बा साबित हुए हैं।

SIT की जांच और वीडियो का खुलासा
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के ये मामले तब सामने आए जब 26 अप्रैल 2024 को कर्नाटक में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनके कथित अश्लील वीडियो वायरल हुए। हासन में इन वीडियो को पेन ड्राइव के जरिए बड़े पैमाने पर फैलाया गया, जिसके बाद जनता में आक्रोश फैल गया। इन वीडियो में प्रज्वल पर कई महिलाओं के साथ यौन शोषण का आरोप लगा, जिनमें उनकी घरेलू सहायिका और कुछ पार्टी कार्यकर्ता भी शामिल थीं।
कर्नाटक सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। SIT ने 2,000 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 150 से ज्यादा गवाहों के बयान और जैविक, भौतिक और वैज्ञानिक साक्ष्य शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया कि प्रज्वल पीड़िताओं को अपनी पसंद का कपड़ा पहनने और अपराध के दौरान हंसने के लिए मजबूर करता था, जो इस मामले की क्रूरता को दर्शाता है।
जर्मनी से गिरफ्तारी तक
इन गंभीर आरोपों के बाद प्रज्वल रेवन्ना 27 अप्रैल 2024 को जर्मनी भाग गए थे। उनकी इस हरकत ने जांच को और जटिल कर दिया। इंटरपोल ने उनके खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया और SIT के अनुरोध पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनकी तलाश शुरू की। 31 मई 2024 को जर्मनी से बेंगलुरु लौटते ही प्रज्वल को SIT ने गिरफ्तार कर लिया।
उनकी जमानत याचिका को बेंगलुरु की एक अदालत ने खारिज कर दिया और वह तब से हिरासत में हैं। जेडीएस ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया और 2024 के लोकसभा चुनाव में वह हासन सीट को बरकरार रखने में असफल रहे। उनके दादा एच.डी. देवेगौड़ा ने भी उन्हें जांच का सामना करने की सलाह दी थी, लेकिन प्रज्वल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया।

प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराए जाने के बाद अब सभी की नजरें विशेष अदालत के फैसले पर टिकी हैं, जो सजा की घोषणा करेगी। यह मामला न केवल एक व्यक्ति के अपराध की कहानी है, बल्कि यह समाज में शक्ति के दुरुपयोग और यौन हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों को भी उजागर करता है। पीड़िताओं की आवाज को सुनना और उन्हें न्याय दिलाना इस मामले में सबसे अहम है। साथ ही, यह घटना राजनीतिक नेताओं और प्रभावशाली लोगों की जवाबदेही पर सवाल उठाती है। कर्नाटक और देशभर में इस मामले ने लोगों को झकझोर दिया है, और अब यह देखना बाकी है कि अदालत का अंतिम फैसला क्या होगा।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।