प्रमुख बिंदु-
नई दिल्ली (Air India Plane Crash): 12 जून 2025 को अहमदाबाद हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयानक हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई और जमीन पर मौजूद 19 लोगों ने भी अपनी जान गंवाई। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विमान के दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति उड़ान भरने के तुरंत बाद एक सेकंड के भीतर बंद हो गई थी, जिससे कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हुई।

इस घटना ने बोइंग विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच (FCS) की लॉकिंग प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद, भारत के नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने बोइंग 787 और 737 विमानों की जांच के लिए सख्त निर्देश जारी किए।
सभी बोइंग विमानों की जांच अनिवार्य – DGCA का सख्त आदेश
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर, DGCA ने 14 जुलाई 2025 को सभी भारतीय एयरलाइनों को अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग प्रणाली की जांच करने का आदेश दिया। यह आदेश 2018 में अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) द्वारा जारी एक विशेष वायुयोग्यता सूचना बुलेटिन (SAIB) पर आधारित था, जिसमें बोइंग के कुछ मॉडलों में ईंधन स्विच की लॉकिंग प्रणाली के संभावित डिसएंगेजमेंट की चेतावनी दी गई थी।
हालांकि, FAA ने इसे गंभीर सुरक्षा चिंता नहीं माना था और इसकी जांच वैकल्पिक थी। DGCA ने इस जांच को अनिवार्य करते हुए सभी एयरलाइनों को 21 जुलाई तक निरीक्षण पूरा करने और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। इस आदेश का पालन करने वाली एयरलाइनों में एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और अकासा एयर शामिल हैं, जबकि इंडिगो के विदेशी पंजीकृत विमानों को इस आदेश से छूट दी गई।

एयर इंडिया की जांच में कोई खराबी नहीं मिली
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने 22 जुलाई 2025 को घोषणा की कि उसने अपने पूरे बोइंग 787 और 737 बेड़े में ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग प्रणाली का एहतियाती निरीक्षण पूरा कर लिया है और इसमें कोई खराबी नहीं पाई गई। एयर इंडिया ने बताया कि उसने DGCA के आदेश से पहले ही 12 जुलाई को स्वैच्छिक रूप से जांच शुरू कर दी थी और निर्धारित समयसीमा से पहले इसे पूरा कर लिया।
एयर इंडिया के बेड़े में 33 बोइंग 787 विमान हैं, जबकि इसकी सहायक कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस 75 बोइंग 737 विमानों का संचालन करती है। एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि दुर्घटनाग्रस्त विमान (VT-ANB) का थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल, जिसमें ईंधन स्विच शामिल हैं, 2023 में बदला गया था और तब से इसमें कोई दोष नहीं पाया गया था।

जांच ने खड़े किये अनसुलझे सवाल
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में यह तो स्पष्ट हुआ कि ईंधन स्विच के ‘कटऑफ’ स्थिति में चले जाने से दोनों इंजनों की शक्ति खत्म हो गई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि स्विच पायलटों द्वारा गलती से बंद किए गए या कोई तकनीकी खराबी थी। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने ईंधन क्यों बंद किया?” जिसका जवाब था, “मैंने नहीं किया।” यह रहस्य अभी भी अनसुलझा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ईंधन स्विच में स्प्रिंग-लोडेड ब्रैकेट होते हैं, जो आकस्मिक हेरफेर को रोकते हैं, जिससे मानवीय गलती की संभावना कम हो जाती है। कुछ विशेषज्ञों ने इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट में संभावित खराबी की ओर भी इशारा किया है।
DGCA के आदेश के बाद, न केवल भारत बल्कि सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे देशों में भी बोइंग विमानों की जांच शुरू हो गई है। एतिहाद एयरवेज और सिंगापुर एयरलाइंस ने भी अपने 787 बेड़े की स्वैच्छिक जांच शुरू की है। AAIB की अंतिम रिपोर्ट, जो अगले कुछ महीनों में आने की उम्मीद है, इस हादसे के सटीक कारणों का खुलासा कर सकती है। तब तक, एयर इंडिया और अन्य एयरलाइनों का यह दावा कि उनके विमानों में कोई खराबी नहीं है, यात्रियों को कुछ राहत दे सकता है, लेकिन हादसे के पीछे की सच्चाई अभी भी जांच के दायरे में है।

राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।