प्रमुख बिंदु-
Lucknow : UP में मानसून की भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। गंगा, यमुना और वरुणा नदियों के उफान के कारण कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार को 30 जिलों में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया, जिसमें 9 जिलों में मूसलाधार और 21 जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। इस दौरान 30-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं और आकाशीय बिजली का खतरा भी है। पिछले 24 घंटों में बारिश और बिजली गिरने से 18 लोगों की मौत हुई है। बहराइच में एक दुखद घटना में मगरमच्छ ने 55 वर्षीय महिला को सरयू नहर में खींच लिया, जिसका शव बाद में निकाला गया।
UP में बारिश का रिकॉर्ड
मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में मिर्जापुर के चुनार में सबसे अधिक 240 मिमी बारिश दर्ज की गई। प्रयागराज में 209 मिमी, जौनपुर में 142 मिमी, सोनभद्र में 100 मिमी और वाराणसी में 92.2 मिमी बारिश हुई। पूरे प्रदेश में 70 जिलों में औसतन 16.3 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जो सामान्य 8.9 मिमी से 83% अधिक है। 1 जून से 18 जुलाई तक 268.8 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य 247.8 मिमी से 8% ज्यादा है। यह भारी बारिश नदियों के जलस्तर को खतरे के निशान के करीब ले आई है, जिससे बाढ़ का संकट गहरा गया है।
नदियों का उफान और बाढ़ का खतरा
UP के वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर 68.94 मीटर पर है, जो खतरे के निशान (70.50 मीटर) से मात्र 1.56 मीटर नीचे है। वरुणा नदी डेंजर जोन में पहुंच गई है, जिससे इसके किनारे बसे 30,000 घरों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। प्रयागराज में गंगा और यमुना के उफान से 15 से अधिक मोहल्लों में पानी घुस गया, जिससे 5 लाख लोग प्रभावित हैं। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है। महोबा में नहर टूटने से गांवों में पानी भर गया, जिससे फसलें और संपत्ति नष्ट हो गईं।

बहराइच में मगरमच्छ का हमला
बहराइच के कतर्नियाघाट वन क्षेत्र में शुक्रवार शाम एक दर्दनाक हादसा हुआ। निषादनगर गांव की 55 वर्षीय लक्ष्मीना, पत्नी कल्लू, सरयू नहर किनारे मवेशी चरा रही थीं, तभी एक विशालकाय मगरमच्छ ने उन पर हमला कर उन्हें पानी में खींच लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लक्ष्मीना जोर-जोर से चिल्लाईं, लेकिन मगरमच्छ ने उन्हें 500 मीटर तक पानी में घसीटा। ग्रामीणों ने जाल डालकर उनका शव निकाला, लेकिन तब तक उनकी मृत्यु हो चुकी थी। इस घटना से गांव में दहशत है, क्योंकि यह क्षेत्र मगरमच्छों का गढ़ है। 2017 की गणना के अनुसार, कतर्नियाघाट के बफर जोन में 111 और आसपास 55 मगरमच्छ हैं, जो हर साल 1-3 लोगों की जान लेते हैं।

UP में बारिश से जुड़े हादसे
पिछले 24 घंटों में बारिश और बिजली गिरने से 18 लोगों की मौत हुई। चित्रकूट में 6, महोबा, बांदा और मुरादाबाद में 3-3, तथा गाजीपुर, ललितपुर और गोंडा में 1-1 व्यक्ति की जान गई। इन हादसों ने प्रशासन के सामने राहत और बचाव की बड़ी चुनौती खड़ी की है।
मौसम विभाग की चेतावनी
लखनऊ के मौसम विज्ञानी अतुल सिंह ने बताया कि उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम UP पर बना दबाव तंत्र 17 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर दिशा में बढ़ रहा है। अगले 6 घंटों में भारी बारिश और तेज हवाएं संभावित हैं। लोगों से घरों में रहने, बिजली गिरने से बचने, और प्रशासन की सलाह मानने की अपील की गई है।

प्रशासन की तैयारियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP) ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों की सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात हैं और प्रयागराज में 87 स्वास्थ्य टीमें काम कर रही हैं। नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। वाराणसी में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्कूल बंद हैं और निचले इलाकों में रहने वालों को तत्काल पलायन की सलाह दी गई है।

UP में बारिश से आर्थिक प्रभाव
भारी बारिश ने फसलों, विशेष रूप से धान को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे किसानों की आजीविका खतरे में है। शहरी क्षेत्रों में जलभराव से यातायात और दैनिक गतिविधियां ठप हैं। प्रशासन ने मुआवजे की घोषणा की है और बिजली-पानी की आपूर्ति बहाल करने में जुटा है।

UP में मानसून का कहर बाढ़, जलभराव और मगरमच्छ जैसे खतरों के रूप में सामने आया है। गंगा, यमुना और वरुणा नदियों के बढ़ते जलस्तर ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और मौसम विभाग की सतर्कता के बावजूद, लोगों से सावधानी और सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील है। यह संकट एकजुटता और त्वरित राहत कार्यों की मांग करता है।

बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।