प्रमुख बिंदु-
टेक्नोलॉजी डेस्क: व्हाट्सएप (WhatsApp), जिसे दुनिया भर में 2 अरब से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं, अब तक एक विज्ञापन-मुक्त मंच के रूप में जाना जाता था। लेकिन हाल ही में, मेटा ने घोषणा की है कि व्हाट्सएप पर अब विज्ञापन दिखाई देंगे। यह बदलाव 16 जून 2025 को आधिकारिक तौर पर घोषित किया गया और अब यह उपयोगकर्ताओं के लिए रोलआउट हो रहा है। यह कदम मेटा की कमाई बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है, क्योंकि कंपनी अपने 1.5 अरब दैनिक उपयोगकर्ताओं को विज्ञापनों के जरिए लक्षित करना चाहती है। लेकिन क्या यह बदलाव उपयोगकर्ताओं के लिए अच्छा है, या यह उनकी निजता और अनुभव को प्रभावित करेगा? आइए, इस खबर को विस्तार से समझते हैं।
कहाँ और कैसे दिखेंगे विज्ञापन?
मेटा ने साफ किया है कि विज्ञापन केवल WhatsApp के अपडेट्स टैब में दिखाई देंगे, जिसमें स्टेटस और चैनल्स शामिल हैं। निजी चैट्स, समूह चैट्स, या कॉल्स में कोई विज्ञापन नहीं दिखेगा। ये विज्ञापन उपयोगकर्ता की बुनियादी जानकारी जैसे देश, शहर, डिवाइस की भाषा, और अपडेट्स टैब में उनकी गतिविधियों के आधार पर दिखाए जाएंगे। मेटा ने यह भी वादा किया है कि उपयोगकर्ताओं के निजी संदेशों या कॉल्स की गोपनीयता पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि ये एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेंगे। इसके अलावा, मेटा कुछ खास चैनल्स के लिए सशुल्क सब्सक्रिप्शन की सुविधा भी ला रहा है, जिसके जरिए उपयोगकर्ता विशेष सामग्री तक पहुंच सकते हैं, जैसा कि इंस्टाग्राम पर होता है।

यह बदलाव व्यवसायों के लिए एक बड़ा अवसर है। वे अब WhatsApp के विशाल उपयोगकर्ता आधार का उपयोग करके अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रचार कर सकते हैं। मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, यह कदम मेटा के लिए सालाना 3 से 5 अरब डॉलर की कमाई कर सकता है, जिसमें सबसे अच्छे परिदृश्य में 6 अरब डॉलर तक की संभावना है।
यूजर्स पर क्या होगा असर?
WhatsApp के इस कदम से उपयोगकर्ताओं में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई उपयोगकर्ता इसे गोपनीयता पर हमला मान रहे हैं और इसे WhatsApp की मूल भावना के खिलाफ बता रहे हैं, क्योंकि इसके संस्थापक जान कौम और ब्रायन एक्टन ने 2009 में इसे विज्ञापन-मुक्त मंच के रूप में शुरू किया था। कुछ उपयोगकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है, जैसे कि एक बीबीसी फोरम पर एक यूजर ने कहा, “यह WhatsApp का अंत है।” कुछ लोग अब सिग्नल जैसे वैकल्पिक ऐप्स की ओर रुख कर सकते हैं, जो अभी भी विज्ञापन-मुक्त हैं।
हालांकि, मेटा का कहना है कि अगर आप केवल निजी चैटिंग के लिए WhatsApp का उपयोग करते हैं, तो आपके अनुभव में कोई बदलाव नहीं आएगा। फिर भी, जो लोग स्टेटस या चैनल्स का उपयोग करते हैं, उन्हें विज्ञापन देखने पड़ सकते हैं, जो उनके लिए असुविधाजनक हो सकता है। मेटा ने यह भी कहा है कि अगर आपने अपने WhatsApp को मेटा के अकाउंट्स सेंटर से जोड़ा है, तो आपके फेसबुक और इंस्टाग्राम की विज्ञापन प्राथमिकताएं भी WhatsApp के विज्ञापनों को प्रभावित कर सकती हैं।

मेटा के लिए बड़े कमाई का अवसर
WhatsApp का यह कदम मेटा के लिए एक बड़ा वित्तीय अवसर है, क्योंकि कंपनी पहले से ही विज्ञापनों से 164 अरब डॉलर की कमाई करती है, जिसमें से 160 अरब विज्ञापन राजस्व से आता है। WhatsApp के 2 अरब से ज्यादा मासिक उपयोगकर्ता इसे विज्ञापनदाताओं के लिए एक आकर्षक मंच बनाते हैं। लेकिन यह बदलाव उपयोगकर्ताओं के विश्वास को प्रभावित कर सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर विज्ञापन गैर-घुसपैठ करने वाले और उपयोगी होंगे, तो उपयोगकर्ता इन्हें स्वीकार कर सकते हैं।
इसके अलावा, मेटा ने हाल ही में व्हाट्सएप बिजनेस प्लेटफॉर्म के लिए प्रति-संदेश शुल्क प्रणाली शुरू की है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू होगी। यह व्यवसायों के लिए लागत को और अधिक लचीला बनाएगा। साथ ही, मेटा ने एआई-संचालित फीचर्स भी पेश किए हैं, जैसे कि चैट सारांश और स्वचालित प्रतिक्रियाएं, जो व्यवसायों को ग्राहकों के साथ बेहतर संवाद करने में मदद करेंगे।

WhatsApp पर विज्ञापनों का आगमन एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जो मेटा की कमाई को बढ़ाने के साथ-साथ उपयोगकर्ता अनुभव को भी प्रभावित कर सकता है। हालांकि मेटा ने गोपनीयता और उपयोगकर्ता अनुभव को बनाए रखने का वादा किया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि उपयोगकर्ता इस बदलाव को कैसे स्वीकार करते हैं। क्या आप विज्ञापनों के साथ व्हाट्सएप का उपयोग जारी रखेंगे, या सिग्नल जैसे विकल्पों की ओर बढ़ेंगे? यह समय ही बताएगा।
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राणा अंशुमान सिंह यूनिफाइड भारत के एक उत्साही पत्रकार हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी ख़बरों के सन्दर्भ में जाने जाना पसंद करते हैं। वह सामाजिक मुद्दों, धार्मिक पर्यटन, पर्यावरण, महिलाओं के अधिकारों और राजनीति पर गहन शोध करना पसंद करते हैं। पत्रकारिता के साथ-साथ हिंदी-उर्दू में कविताएँ और ग़ज़लें लिखने के शौकीन राणा भारतीय संस्कृति और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।