प्रमुख बिंदु-
New Delhi : प्रति वर्ष 11 जुलाई को World Population Day मनाया जाता है, जिसका इस वर्ष का विषय है “युवाओं को सशक्त बनाना ताकि वे एक निष्पक्ष और आशावादी दुनिया में अपनी इच्छानुसार परिवार बना सकें।” यह दिन वैश्विक चुनौतियों जैसे कि जनसंख्या वृद्धि, प्रजनन अधिकार और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करता है। United Nations द्वारा 1989 में स्थापित, यह अवसर युवा सशक्तिकरण, लैंगिक समानता और सूचित परिवार नियोजन को बढ़ावा देता है, ताकि हर व्यक्ति गरिमा और स्वतंत्रता के साथ जीवन जी सके।
World Population Day का इतीहास
World Population Day हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है, जिसे United Nations ने 1989 में स्थापित किया था। इसका उद्देश्य जनसंख्या से जुड़े मुद्दों जैसे कि अतिजनसंख्या, स्वास्थ्य सेवा, परिवार नियोजन और लैंगिक समानता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह दिन 1987 में वैश्विक जनसंख्या के 5 अरब तक पहुंचने की घटना की याद में शुरू हुआ, जिसे विश्व बैंक के जनसांख्यिकी विशेषज्ञ डॉ. केसी जकारिया ने प्रेरित किया था। World Population Day न केवल संख्याओं के बारे में है, बल्कि लोगों के अधिकारों, विकल्पों और भविष्य के बारे में भी है।

वैश्विक जनसंख्या
2025 में वैश्विक जनसंख्या लगभग 8.23 अरब होने का अनुमान है, जो हर साल लगभग 7 करोड़ की वृद्धि के साथ 0.85-0.9% की दर से बढ़ रही है। विश्व की आधी से अधिक जनसंख्या एशिया में, विशेष रूप से भारत (1.46 अरब) और चीन (1.42 अरब) में रहती है। तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश संयुक्त राज्य अमेरिका (34.7 करोड़) है। United Nations के अनुमान के अनुसार, वैश्विक जनसंख्या 2084 में 10.3 अरब के शिखर पर पहुंचेगी और फिर 2100 तक स्थिर होकर थोड़ी कम होगी।
वैश्विक प्रजनन दर 2025 में प्रति महिला लगभग 2.24 बच्चे होने की उम्मीद है, जो प्रतिस्थापन स्तर से थोड़ा ऊपर है। हालांकि, अमेरिका, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया जैसे विकसित देशों में प्रजनन दर प्रतिस्थापन स्तर से नीचे है, जिससे बुजुर्ग समाज की चिंता बढ़ रही है। 2100 तक चीन की जनसंख्या घटकर 63.3 करोड़ और भारत की 2061 में 1.7 अरब के शिखर पर पहुंचकर बाद में कम होने की संभावना है। नाइजीरिया, डीआर कांगो, पाकिस्तान, इथियोपिया और तंजानिया जैसे देश 2100 तक World Population वृद्धि में 60% से अधिक योगदान देंगे।
वैश्विक औसत आयु बढ़ रही है—वर्तमान में 31 वर्ष से 2100 तक 42 वर्ष होने की उम्मीद है। 65 वर्ष से अधिक आयु के लोग, जो अब लगभग 85.7 करोड़ हैं, 2100 तक 2.4 अरब हो जाएंगे। यह जनसांख्यिकीय बदलाव आर्थिक विकास, पेंशन, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रणालियों पर दबाव डालेगा।

विश्व जनसंख्या दिवस 2025 का संदेश
2025 का विषय युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें अपनी इच्छानुसार परिवार बनाने का अधिकार देने पर केंद्रित है। यह लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, और सतत विकास को बढ़ावा देता है। यह दिन हमें नीतियों का समर्थन करने की याद दिलाता है जो परिवार नियोजन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करें। आज लिए गए निर्णय आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय रूप से भविष्य को आकार देंगे।
तेजी से बढ़ती जनसंख्या ने कई चुनौतियां और अवसर प्रस्तुत किए हैं। हजारों वर्षों में विश्व जनसंख्या 1 अरब तक पहुंची, लेकिन पिछले 200 वर्षों में 7 अरब से अधिक लोग जुड़े। 2011 में जनसंख्या 7 अरब थी और 2025 में यह 8.2 अरब से अधिक होगी। 2030 तक 8.5 अरब, 2050 तक 9.7 अरब, और 2100 तक 10.9 अरब होने की उम्मीद है।
लंबी आयु और शिशु मृत्यु दर में कमी के कारण यह वृद्धि हुई है। 1970 के दशक में प्रति महिला औसतन 4.5 बच्चे थे, जो 2015 तक 2.5 तक कम हो गए। औसत आयु भी 1990 के 65 वर्ष से बढ़कर 2019 में 72 वर्ष से अधिक हो गई। शहरीकरण भी बढ़ रहा है—2007 में पहली बार अधिक लोग शहरों में रहने लगे, और 2050 तक दो-तिहाई जनसंख्या शहरी होगी।

ये रुझान रोजगार, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पानी, भोजन और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। कार्यशील आयु वर्ग वाले देशों को “जनसांख्यिकीय लाभांश” मिल सकता है, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। लेकिन बुजुर्ग समाज पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव डालेंगे।
विश्व जनसंख्या दिवस 2025 जो 11 जुलाई को मनाया जाता है, “युवाओं को सशक्त बनाना ताकि वे एक निष्पक्ष और आशावादी दुनिया में अपनी इच्छानुसार परिवार बना सकें” के विषय के साथ वैश्विक जनसंख्या से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाता है। यह दिन अतिजनसंख्या, प्रजनन अधिकार, लैंगिक समानता और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित करता है।


बृहस्पति राज पांडेय यूनिफाइड भारत के एक विचारशील पत्रकार और लेखक हैं, जो खेल, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर निष्पक्ष व प्रभावशाली लेखन के लिए जाने जाते हैं। सामाजिक और राजनीतिक विषयों पर उनकी गहरी पकड़ है। वह नीति-निर्माण, युवा उत्थान और खेल जगत पर विशेष ध्यान देते हैं। युवाओं की आवाज़ को मंच देने और सामाजिक बदलाव के लिए बृहस्पति सतत समर्पित हैं।