UPI Auto Pay Scam से सावधान! आपका बैंक खाता हो सकता है खाली! इन 5 बातों का रखें ध्यान

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टेक डेस्क, यूनिफाइड भारत: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने भारत में डिजिटल पेमेंट को ज़िन्दगी का आसान व अहम हिस्सा बना दिया है। छोटे-मोटे लेनदेन से लेकर बड़े भुगतानों तक, UPI ने लाखों लोगों की जिंदगी आसान की है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, जनवरी 2025 में UPI ट्रांजैक्शन की संख्या 16.99 अरब को पार कर गई, जिसमें ₹23.48 लाख करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ। लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ साइबर अपराधियों ने नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया है। इनमें सबसे खतरनाक है ‘UPI ऑटो पे रिक्वेस्ट स्कैम’, जो तेजी से बढ़ रहा है। यह स्कैम यूजर्स को झांसे में लेकर उनके बैंक खातों से पैसे उड़ा लेता है।

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UPI ऑटो पे स्कैम का इतिहास

UPI को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 2016 में लॉन्च किया था। शुरुआत में यह एक साधारण डिजिटल पेमेंट सिस्टम था, जो मोबाइल नंबर और QR कोड के जरिए तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा देता था। 2018 में UPI ऑटो पे फीचर की शुरुआत हुई, जिसने रिकरिंग पेमेंट्स (निश्चित अंतराल पर होने वाले भुगतान) को और आसान बना दिया। इस फीचर ने मोबाइल रिचार्ज, OTT सब्सक्रिप्शन, और क्रेडिट कार्ड बिल जैसे नियमित खर्चों को स्वचालित कर दिया। लेकिन जैसे-जैसे UPI का इस्तेमाल बढ़ा, साइबर अपराधियों ने इसकी कमजोरियों का फायदा उठाना शुरू किया।

UPI AUTO PAY

2020 तक, यूपीआई स्कैम के मामले सामने आने लगे। शुरुआत में फर्जी QR कोड और फिशिंग लिंक के जरिए ठगी होती थी। 2022 में यूपीआई ऑटो पे स्कैम की पहली घटनाएं दर्ज की गईं, जहां स्कैमर्स ने फर्जी रिक्वेस्ट भेजकर यूजर्स से ऑटो पे सेटअप करवाया। 2023 में डिजिटल पेमेंट की बढ़ती लोकप्रियता के साथ स्कैम की संख्या में 300% की वृद्धि हुई, जैसा कि RBI की 2023-24 की रिपोर्ट में बताया गया।

2024 में ‘जम्प्ड डिपॉजिट स्कैम’ जैसे नए तरीके सामने आए, जहां छोटी राशि जमा करवाकर बाद में बड़े अमाउंट निकाले गए। 2025 में यूपीआई ऑटो पे स्कैम ने और जोर पकड़ा, जिसमें साइबर ठग फर्जी कॉल्स, मैसेज और सस्ते ऑफर्स का लालच देकर लोगों को फंसाते हैं।

UPI ऑटो पे स्कैम कैसे काम करता है?

UPI ऑटो पे स्कैम में साइबर अपराधी कई चालाकी भरे तरीके अपनाते हैं। साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा के अनुसार, निम्नलिखित तरीकों से यूजर्स को फंसाया जाता है:

  • फर्जी मैसेज और लिंक: स्कैमर्स मैसेज, ईमेल या सोशल मीडिया पर फर्जी लिंक भेजते हैं। यूजर के लिंक पर क्लिक करते ही ऑटो पे सेटअप हो जाता है और पैसे कटने शुरू हो जाते हैं।
  • कस्टमर केयर कॉल्स: ठग बैंक या यूपीआई अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और यूजर को UPI पिन डालने के लिए कहते हैं। पिन डालते ही अकाउंट से पैसे निकल जाते हैं।
  • सस्ते ऑफर: फर्जी ऐप्स या वेबसाइट्स पर सस्ते सब्सक्रिप्शन का लालच देकर ऑटो पे एक्टिवेट करवाया जाता है।
  • कैशबैक और लोन का झांसा: स्कैमर्स इनाम, कैशबैक या लोन अप्रूवल के बहाने रिक्वेस्ट स्वीकार करवाकर ऑटो पे चालू करते हैं।

उदाहरण के लिए, झालावाड़ में एक वृद्धा के खाते से 5.56 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया, जहां उनके भतीजे ने यूपीआई ऑटो पे का दुरुपयोग किया।

UPI

UPI ऑटो पे स्कैम से बचने के 5 उपाय

यूपीआई ऑटो पे स्क Emery से बचने के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है। निम्नलिखित उपाय आपके खाते को सुरक्षित रख सकते हैं:

  1. अनजान रिक्वेस्ट स्वीकार न करें: किसी भी ऑटो पे रिक्वेस्ट को मंजूरी देने से पहले उसकी जांच करें। अगर संदिग्ध लगे, तो तुरंत रिजेक्ट करें।
  2. लिंक पर क्लिक करने से बचें: अनजान मैसेज या ईमेल में आए लिंक पर क्लिक न करें। हमेशा आधिकारिक ऐप्स का इस्तेमाल करें।
  3. UPI पिन सुरक्षित रखें: अपनी UPI पिन किसी के साथ साझा न करें, चाहे वह कोई कस्टमर केयर अधिकारी ही क्यों न हो।
  4. ऑटो पे सेटिंग्स की जांच करें: समय-समय पर अपने यूपीआई ऐप में ऑटो पे सेटिंग्स चेक करें और अनचाहे सब्सक्रिप्शन रद्द करें।
  5. तुरंत शिकायत दर्ज करें: अगर आपको लगता है कि आप स्कैम का शिकार हुए हैं, तो तुरंत अपने बैंक और यूपीआई ऐप पर ‘रिपोर्ट फ्रॉड’ या ‘रेज डिस्प्यूट’ ऑप्शन के जरिए शिकायत करें। जल्दी कार्रवाई से पैसे वापस मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
UPI SCAM

UPI ऑटो पे फीचर ने भले ही हमारी जिंदगी को आसान बनाया हो, लेकिन इसके साथ बढ़ते साइबर फ्रॉड ने सतर्क रहने की जरूरत को और बढ़ा दिया है। सरकार और NPCI ने स्कैम को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे कि फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) सिस्टम और अल्फान्यूमेरिक UPI ID नियम। फिर भी, व्यक्तिगत सावधानी ही सबसे बड़ा हथियार है। अनजान रिक्वेस्ट, लिंक और कॉल्स से बचें, और अपने यूपीआई सेटिंग्स को नियमित रूप से जांचें। अगर आप सतर्क रहेंगे, तो आपका पैसा और आपका बैंक खाता पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।

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